विष्णु नागर का व्यंग्यः असल मुद्दों को दरकिनार करो, हिजाब-बुर्का को समस्या बनाओ- ऐसे अनंतकाल तक चलेगा मोदी राज!

मोदी जी को किसी तानाशाह के हश्र से डर नहीं लगता क्योंकि उन्हें यह विश्वास है कि जनता को यह पता ही नहीं है कि वह क्या हैं। और जो तानाशाह नाम से बदनाम हुए, वे सबके सब आला दर्जे के बेवकूफ थे,जबकि उनके जैसा बुद्धिमान तो आज तक दुनिया में कोई हुआ नहीं।

फोटोः सोशल मीडिया
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विष्णु नागर

कहते हैं कि तीन लोक से मथुरा न्यारी। मोदी जी की मथुरा तो हर मथुरा से न्यारी है। उन्हें जगत गति व्यापति नहीं। वह इस शैली में राज करते हैं कि इस देश पर अनंत काल तक राज करने का ठेका उन्हें मिला है। जनता मर जाए, देश तबाह हो जाए मगर राज उन्हें ही करना है। उनकी शैली यह है कि देश की असली समस्याओं को दरकिनार करो और जो समस्या नहीं हैं, उन्हें समस्या बनाओ!

मजदूरों को मनरेगा में मजदूरी न मिले, तो न मिले। उन गरीब मजदूरों का 1800 करोड़ रुपया सरकार पर बकाया रहे तो रहे। फिर भी मनरेगा का तीन चौथाई बजट घटा दो और हो सके तो उसे भी खर्च मत करो क्योंकि चुनाव उन्हें मनरेगा पर, रोजगार पर नहीं लड़ना है। लड़ना है, संघ की और अपनी पैदा की हुईं समस्याओं पर। हिन्दू-मुस्लिम पर। बुरका और हिजाब पर। तीन तलाक और धारा 370 पर। लव जिहाद और मुसलिम तुष्टिकरण पर। इसको उससे, उसको, इससे लड़ा कर। अंग्रेजों को भी अंगूठा दिखा कर कि मूर्खों लड़ाया इस तरह जाता है। हर जाति, हर धर्म, हर गली, हर मोहल्ले को इस तरह बांटा जाता है। तुम तो लड़ाने में भी बच्चे साबित हुए!

उनकी शैली यह है कि रोजगार की समस्या को इतना पीछे धकेल दो कि हिन्दू-मुसलिम नफरत का बढ़ना खुद एक रोजगार बन जाए। अकेले केंद्र सरकार में आठ लाख पद खाली हैं, रहने दो।युवक-युवती हताश हैं, होने दो। तोड़फोड़ करें, करने दो। गिरफ्तार कर लो। उन्हें डंडे मारो।उनके होस्टल में घुस कर मार-मारकर उनका भुर्ता बना दो। मार के डर से कहते हैं कि भूत भी भाग जाता है। तो इनका भी सरकारी नौकरी का भूत भाग जाएगा!

जिनका रोजगार छिना है, छिन जाने दो। करने दो जो करना चाहे। आत्महत्या करें, तो करने दो।जूतों पर जीएसटी बढ़ने से धंधा मंदा पड़ जाने के कारण कोई व्यापारी पत्नी के साथ जान दे तो देने दो। केवल खबर दबा दो। जो गये, समझो, समस्या घटा गए। और भी जो जाना चाहते हैं ऊपर, उन्हें खुशी-खुशी जाने दो। रोको मत किसी को बल्कि शुक्र मनाओ। ऊपर कोई होगा तो अब ये उनकी समस्या हैं। हमारा तो इनसे पिंड छूटा! एक दिन, दो दिन इन्हें कोई खबर बनाए तो बनाने दो। विपक्ष को बयान देने दो। भर्त्सना करने दो। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। जनतंत्र और धनतंत्र हमारी जेब में जो है!


हां रोजगार का, विकास का झांसा देते रहो। जो चाहो, जैसा चाहे, बेझिझक होकर झांसा दो।मीडिया अपना है, सोशल मीडिया अपना है। ईडी अपनी है, सीबीआई अपनी है, पुलिस अपनी है। चुनाव आयोग अपना है। और भी जो है समझो अपना ही है, अपने बाबा-दादा का है। बस मुसलमानों को अपना बनाने की गलती नहीं करना है। बाकी सब अपना है। जो आज नहीं है, समझो, कल वह भी अपना हो जाएगा। कोई बच कर जाएगा कहां? है कोई ऐसी गली, ऐसा रास्ता?

जहां तक रोजगार की बात है, जब तक मोदी जी के पास रोजगार है, मतलब इस देश के हर जरूरतमंद के पास रोजगार है। मोदी जी का 2024 की अप्रैल तक रोजगार एकदम पक्का है।उन्हें यह रोजगार अडाणी-अंबानी और उनके झांसे में आई जनता के संयुक्त उद्यम से मिला है।जब रोजगार की उन्हें दोतरफा गारंटी है तो यह कांट्रैक्ट पांच साल और नहीं बढ़ेगा, इसका अविश्वास उन्हें क्यों हो?

जनता कुछ भी सोचे, मोदी जी को भरोसा है कि 2034 तक तो वे इस नौकरी को खींच ही ले जाएंगे। और तब तक यह खेल चल गया तो फिर समझो उनकी अंतिम सांस तक चल गया और अंतिम सांस वह कभी लेंगे नहीं। वह नहीं भी होंंगे तो उनका भूत राज करेगा। इस दौरान हद से हद होगा क्या? एक के दो देश बन जाएंगे। प्रधानमंत्री तो उसमें से एक के वही रहेंगे। तीन बन जाएं, चार बन जाएं। जब तक इनमें से किसी एक के प्रधानमंत्री वह हैं, चिंता की कोई बात नहीं। जब तक नेहरू जी का नाम है, कांग्रेस का अस्तित्व है, मुसलमान, दलित और औरतें हैं तब तक मोदी ही मोदी है। और ये कहीं जाने वाले हैं नहीं!


मोदी जी को किसी तानाशाह के हश्र से डर नहीं लगता क्योंकि उन्हें यह विश्वास है कि जनता को यह पता ही नहीं है कि वह क्या हैं। और जो तानाशाह नाम से बदनाम हुए, वे सबके सब आला दर्जे के बेवकूफ थे,जबकि उनके जैसा बुद्धिमान तो आज तक दुनिया में कोई हुआ नहीं। हुआ होता तो आज तक पद पर होता। भूतपूर्व हो जाता तो भी उसे वर्तमान से अधिक अधिकार होते।

वैसे हरेक को यह विश्वास करने का पूरा हक है कि वह सबसे अधिक बुद्धिमान है। सबसे चालाक और सबसे घटिया है। ऐसी बुद्धिमानी के लिए बुद्धिमान और विवेकशील होना जरूरी नहीं। टेलीप्रांपटर होना जरूरी है और उस पर लिखा पढ़ने का अभ्यास होना आवश्यकता है, जो गोदी चैनल के हर एंकर के पास है और उनके पास भी है।

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