बिहारः JDU के अंदर ही नेताओं में छिड़ा घमासान, यात्राओं के जरिये पार्टी में ताकत दिखाने की मची होड़

नीतीश कुमार भी यात्राओं के जरिए राज्य में दौरा करते रहे हैं। लेकिन ये उस समय की बात है जब जेडीयू में वही एकमात्र केंद्र थे। आज जेडीयू में कई केंद्र बन गए हैं। यही कारण है कि जेडीयू में यात्राओं को लेकर सियासत चरम पर है और सभी अपनी ताकत दिखाने में जुटे हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

बिहार में 'यात्रा' की राजनीति कोई नई बात नहीं है। यहां कई नेता यात्राओं के नाम पर राज्य का दौरा करते रहे हैं, लेकिन हाल के दिनों में सत्ताधारी पार्टी जनता दल (युनाइटेड) के अंदर ही 'यात्रा' के नाम पर सियासी घमासान दिखाई दे रहा है। नेताओं में पार्टी में अपनी ताकत दिखाने के लिए यात्रा निकालने की होड़ मची है।

जेडीयू में पूर्व अध्यक्ष आरसीपी सिंह के केंद्रीय मंत्री बनने पर उनको हटाकर पार्टी की कमान ललन सिंह को दिए जाने और उपेंद्र कुशवाहा के जेडीयू में आने के बाद पार्टी के अंदर ये नेता अपनी-अपनी ताकत दिखाने में जुटे हैं। ऐसे में ये सभी नेता यात्रा के जरिए अपनी ताकत दिखा रहे हैं। जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह, आरसीपी सिंह और उपेंद्र कुशवाहा सभी इन दिनों यात्रा पर निकले हुए हैं। अब इन यात्राओं के राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं।

जेडीयू के एक नेता नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताते हैं कि पहले पार्टी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सर्वेसर्वा होते थे, लेकिन अब पार्टी के अंदर ही कई केंद्र बन गए हैं। उन्होंने हाल के दिनों में जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अयक्ष और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के करीबी माने जाने वाले पार्टी मीडिया सेल के अध्यक्ष डॉ अमरदीप के पद छोड़े जाने की चर्चा करते हुए कहा कि उनका इस्तीफा इसका एक उदाहरण है। सीएम नीतीश को भेजे अपने इस्तीफे में अमरदीप ने कहा कि वह खुद को आत्मसम्मान के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में सक्षम नहीं पा रहे हैं।


गौरतलब है कि ललन सिंह के पार्टी के अध्यक्ष बनाए जाने के बाद जब वे पहली बार पटना पहुंचे तब उनका कार्यकर्ताओं द्वारा जोरदार स्वागत किया गया। इसकी तैयारी उनके अध्यक्ष बनने के बाद ही प्रारंभ हो गई थी। उनके स्वागत में जो भीड़ उमड़ी, उसके बाद जेडीयू के अंदर ही सियासत प्रारंभ हो गई। इसके कुछ ही दिनों के बाद जब केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार आरसीपी सिंह पटना पहुंचे तो उनके समर्थकों ने भी उनके स्वागत में पूरी ताकत झोंक दी। इसके बाद इन दोनों नेताओं के स्वागत को शक्ति परीक्षण के रूप में देखा जाने लगा।

हालांकि, जेडीयू के नेता इस मामले में कुछ भी खुलकर नहीं बोलते हैं। पार्टी के अध्यक्ष ललन सिंह कहते हैं कि पार्टी का नाम ही जनता दल (युनाइटेड) है, हम सभी लोग युनाइटेड हैं। इसमें आपको गुट कहां नजर आता है। फिलहाल ललन सिंह जहां अपने संसदीय क्षेत्र मुंगेर में लोगों के बीच पहुंच रहे हैं, वहीं कुशवाहा पूरे बिहार की यात्रा में कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं। इधर, आरसीपी सिंह भी राज्य का दौरा कर अपनी लोकप्रियता माप रहे हैं।


वैसे, जेडीयू के लिए यात्रा कोई बात नहीं है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इससे पहले विभिन्न यात्राओं के जरिए राज्य का दौरा करते रहे हैं। लेकिन ये उस समय की बात है जब जेडीयू में नीतीश कुमार ही एकमात्र धुरी थे। आज उसी जेडीयू में कई केंद्र बन गए हैं। यही कारण है कि जेडीयू में यात्राओं को लेकर सियासत चरम पर है और नेता इन यात्राओं के जरिए जहां अपनी ताकत मजबूत करने में जुटे हैं, वहीं अपनी लोकप्रियता भी नाप रहे हैं।

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