सरकार ‘प्रो-क्रोनी’ आर्थिक नीतियां छोड़े, तभी बनेगी 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था - आर्थिक सर्वे

मोदी सरकार ने आज संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। इसमें कहा गया है कि सरकार को प्रो-क्रोनी नीतियां छोड़नी पड़ेंगी तभी आर्थिक मोर्चे पर आया संकट खत्म हो सकता है।

फोटो : विपिन
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नवजीवन डेस्क

मोदी सरकार के आर्थिक सर्वे में माना गया है कि अर्थव्यवस्था संकट में है और इसे रफ्तार देने के लिए सरकार कों नीतियां बदलने की जरूरत है। साथ ही सलाह दी गई है कि अगर भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है तो ऐसी प्रो क्रोनी नीतियों को छोड़ना होगा जिनसे कुछ खास निजी उद्योग घरानों को फायदा होता है, खासतौर से उन्हें जो ज्यादा ताकतवर हैं।

मोदी सरकार ने शुक्रवार को संसद में आर्थिक सर्वे पेश किया। इस सर्वे में सरकार ने अगले वित्त वर्ष यानी 2020-21 के लिए 6 से 6.5 फीसदी विकास का अनुमान लगाया है, लेकिन इसके लिए सरकार को दो बिंदुओं पर फोकस करने की सलाह दी गई है। आर्थिक सर्वे सरकार का वह दस्तावेज होता है जो बीते वर्ष में देश की आर्थिक स्थिति के बारे में बताता है और आने वाले वित्त वर्ष के लिए सरकार को सलाह देता है, जिससे अर्थव्यवस्था के लक्ष्य हासिल किए जा सकें।

सर्वे में कहा गया है कि भारत के पास चीन जैसी श्रम आधारित और निर्यात वाली अर्थव्यवस्था खड़ी करने का मौका है। साथ ही कहा गया है कि सरकार के विस्तार वाली नीतियां अपनानी होंगी ताकि विकास को गति मिल सके। इसके अलावा सरकार को खर्च पर नियंत्रण की भी सलाह दी गई है।


सर्वे में आर्थिक हालात को सुधारने और अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने के साथ ही 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए दो खास बिंदुओं पर फोकस करने को कहा गया है –

  • सरकार प्रो बिजनेस यानी कारोबारों को फायदा पहुंचाने वाली नीतियां बनाए जिससे प्रतिस्पर्धी बाजार की असली क्षमता सामने आए और वह पैसा बना सके
  • सरकार प्रो क्रोनी यानी अपने मित्रों को फायदा पहुंचाने वाली ऐसी नीतियों का रास्ता छोड़े जिनसे कुछ खास निजी घरानों, खासतौर से ताकतवर घरानों को फायदा होता है

इनके अलावा आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि सरकार उसे मिले जनादेश का फायदा उठाते हुए आर्थिक सुधारों के लिए काम करे ताकि 2020-21 में अर्थव्यवस्था में सुधार हो सके। साथ ही सरकार को सलाह दी गई है कि वह सरकारी बैंकों में पारदर्शिता लाए ताकि इन बैंकों पर लोगों का विश्वास कायम हो सके।

आर्थिक सर्वे में नए बिजनेस शुरु करने, संपत्ति के पंजीकरण, कर भुगतान आदि को आसान करने की नीति बनाने को कहा गया है। साथ ही चेताया गया है कि जरूरी वस्तुओं की कीमतें काबू करने में सरकार की कोशिशें प्रभावी नहीं रही हैं। इसके लिए प्याज की कीतमों का हवाला दिया गया है।

आर्थिक सर्वेक्षण में बाजार और अर्थव्यवस्था को सुधारने के 10 विचार दिए गए हैं।

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