सिनेजीवनः 'अमजद खान को लोगों ने कहा था चूहा, बन गया सबसे बड़ा विलेन' और सामने आई ‘बॉर्डर 2’ की रिलीज डेट

अभिनेत्री मृणाल ठाकुर ने बिपाशा बसु के शरीर के बारे में टिप्पणी करने के कुछ दिन बाद उनसे माफी मांगी है और कहा कि उनका इरादा किसी को आहत करने का नहीं था। सायरा बानो ने बताया कि दिलीप कुमार का मानना था कि 'आजादी सिर्फ एक अधिकार नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है।

'अमजद खान को लोगों ने कहा था चूहा, बन गया सबसे बड़ा विलेन' और सामने आई ‘बॉर्डर 2’ की रिलीज डेट
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नवजीवन डेस्क

अमजद खान को लोगों ने कहा था 'चूहा', लेकिन बन गया सबसे बड़ा विलेन

बॉलीवुड की आइकॉनिक फिल्म 'शोले' के निर्माता रमेश सिप्पी ने बताया कि जब उन्होंने फिल्म में अमजद खान को गब्बर के रोल के लिए चुना तो कई लोगों को उनके इस फैसले पर शक हुआ था। निर्देशक ने बताया कि उस समय लोगों का मानना था कि अमजद खान, अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र के सामने 'चूहे के समान' लगेंगे। लेकिन अमजद की शानदार एक्टिंग ने सभी को गलत साबित कर दिया। गब्बर सिंह के किरदार ने उन्हें रातोंरात एक बड़ा सितारा बना दिया था। रमेश सिप्पी ने कहा, "जिन लोगों को मेरा फैसला पसंद नहीं आया, उन्होंने मुझसे कहा था कि इतने बड़े-बड़े एक्टर्स के सामने अमजद खान तो, 'चूहा' लगेगा। लेकिन उन्हें क्या पता था कि वही चूहा सबसे बड़ा सितारा बन जाएगा।" अमजद की परफॉर्मेंस ने न सिर्फ आलोचकों का मुंह बंद करवा दिया, बल्कि गब्बर सिंह का किरदार भारतीय सिनेमा का सबसे यादगार विलेन बन गया।

बता दें, 'शोले' में धर्मेंद्र (वीरू) और अमिताभ बच्चन (जय) दो छोटे अपराधी हैं, जिन्हें एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी (संजीव कुमार) गब्बर सिंह नाम के खूंखार डाकू को पकड़ने के लिए लाता है। फिल्म की शूटिंग कर्नाटक के रामनगरम की पहाड़ी और पथरीली जगहों पर की गई थी। शूटिंग अक्टूबर 1973 में शुरू हुई थी और इसे पूरा होने में ढाई साल लगे थे। शुरुआत में फिल्म को आलोचकों से अच्छे रिव्यू नहीं मिले थे, और इसकी कमाई भी कुछ खास नहीं हुई थी। लेकिन बाद में धीरे-धीरे दर्शकों की तारीफ और सकारात्मक बातों ने इसे सुपरहिट बना दिया था। 1990 में इसका 204 मिनट का ओरिजिनल डायरेक्टर कट होम मीडिया पर रिलीज हुआ था। उस समय यह भारत की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी थी, और यह रिकॉर्ड तब तक बना रहा जब तक फिल्म 'हम आपके हैं कौन' रिलीज नहीं हुई थी।

फिर लड़ने को तैयार सनी देओल, सामने आई ‘बॉर्डर 2’ की रिलीज डेट

सनी देओल, वरुण धवन, अहान शेट्टी और दिलजीत दोसांझ स्टारर देशभक्ति से ओतप्रोत वॉर ड्रामा फिल्म ‘बॉर्डर 2’ की रिलीज डेट सामने आ चुकी है। फिल्म निर्माताओं ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रिलीज डेट संग बताया कि सनी देओल की टीम एक बार फिर से देश के लिए लड़ने को तैयार है। फिल्म निर्माताओं ने नए मोशन पोस्टर के साथ बताया कि फिल्म 22 जनवरी 2026 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। इस पोस्टर में सनी देओल सैन्य वर्दी में देशभक्ति और जोश से भरे दिखे। वहीं, आसपास चिंगारी उड़ती दिख रही है। निर्माताओं के साथ ही सनी देओल ने भी पोस्टर को शेयर कर प्रशंसकों को रिलीज की तारीख के बारे में जानकारी दी। सनी देओल ने इंस्टाग्राम पर मोशन पोस्टर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, “हिंदुस्तान के लिए लड़ेंगे, फिर एक बार। ‘बॉर्डर 2’ सिनेमाघरों में आ रही।”

‘बॉर्डर 2’ देशभक्ति, साहस और बलिदान की कहानी को पेश करने के लिए तैयार है। सीक्वल भारतीय सैनिकों की वीरता और अदम्य भावना, देशभक्ति, साहस और बलिदान की उनकी शानदार यात्रा का सम्मान करेगा। फिल्म 'बॉर्डर 2' के निर्देशक अनुराग सिंह हैं और इसका निर्माण गुलशन कुमार और टी-सीरीज के बैनर तले हो रहा है। 'बॉर्डर 2' जेपी दत्ता की साल 1997 की ब्लॉकबस्टर 'बॉर्डर' का सीक्वल है, जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित फिल्म थी। उसमें सनी देओल, सुनील शेट्टी, जैकी श्रॉफ, अक्षय खन्ना, सुदेश बेरी, पुनीत इस्सर, कुलभूषण खरबंदा, तब्बू, राखी गुलजार, पूजा भट्ट और शरबानी मुखर्जी लीड रोल में थे। वहीं 'बॉर्डर 2' में सनी देओल, दिलजीत दोसांझ, वरुण धवन और अहान शेट्टी भी हैं। हाल ही में पुणे के नेशनल डिफेंस एकेडमी में फिल्म का तीसरा शेड्यूल शुरू हुआ, जहां चारों अभिनेताओं ने एक एनर्जेटिक गीत की शूटिंग की। वहीं, अमृतसर शेड्यूल की भी शूटिंग पूरी हो चुकी है।


मृणाल ठाकुर ने बिपाशा पर की गई टिप्पणी के लिए माफी मांगी

अभिनेत्री मृणाल ठाकुर ने बिपाशा बसु के शरीर के बारे में टिप्पणी करने के कुछ दिन बाद उनसे माफी मांगी है और कहा कि उनका इरादा किसी को आहत करने का नहीं था। हाल में ठाकुर के पुराने साक्षात्कारों का एक वीडियो सामने आया था जिसमें वह बिपाशा बसु के शरीर पर टिप्पणी करती नजर आई थीं। अभिनेता अजय देवगन के साथ ‘‘सन ऑफ़ सरदार 2’’ में अभिनय करने वाली ठाकुर ने बृहस्पतिवार को अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक नोट लिखा। अभिनेत्री ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि उन्हें अपने शब्दों पर अधिक ध्यान देना चाहिए था। ठाकुर (33) ने कहा कि काश उन्होंने अपने शब्दों का चयन अलग तरीके से किया होता। उन्होंने लिखा, ‘‘19 साल की उम्र में, किशोरावस्था में मैंने कई बेतुकी बातें कही थीं। मुझे हमेशा अपनी आवाज का वजन समझ नहीं आता था या यह भी नहीं पता होता था कि मजाक में कहे गए शब्द भी कितने आहत कर सकते हैं। लेकिन ऐसा हुआ और इसके लिए मुझे बहुत अफसोस है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा इरादा कभी किसी को ‘बॉडी शेम’ करने का नहीं था। यह एक साक्षात्कार में मजाकिया अंदाज में की गई बातचीत थी जो हद से आगे बढ़ गई। लेकिन मैं समझ सकती हूं कि यह कैसे हुआ, और काश मैंने अपने शब्दों को को सही चुना होता...समय के साथ, मैं यह समझने लगी हूं कि सुंदरता हर रूप में होती है, और अब मैं इसे सचमुच महत्व देती हूं।’’ हाल में, सोशल मीडिया पर एक पुराना क्लिप वायरल हुआ था। इसमें ठाकुर अपने ‘‘कुमकुम भाग्य’’ के सह कलाकार अर्जित तनेजा के साथ दिख रही थीं। फिर से सामने आये साक्षात्कार में, तनेजा ने उन्हें शीर्षासन करने के लिए उकसाया, जिस पर ठाकुर ने मजाक में कहा कि वह अपने सिर के बल संतुलन बना सकती हैं...तनेजा ने फिर उनसे पुश-अप्स करने के लिए कहा।’’ जवाब में, ठाकुर ने दावा किया कि उन्हें (तनेजा को) एक हृष्ट-पुष्ट महिला से शादी करने में दिलचस्पी हो सकती है और उन्होंने बिपाशा बसु का उदाहरण दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘क्या आप एक ऐसी लड़की से शादी करना चाहते हैं जो हृष्ट-पुष्ट हो? जाओ बिपाशा से शादी कर लो...सुनो, मैं बिपाशा से कहीं बेहतर हूं, ठीक है।’’ इसके बाद, बसु ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक रहस्यमयी पोस्ट साझा की, जिसमें लिखा था, ‘‘मजबूत महिलाएं एक-दूसरे को ऊपर उठाती हैं। खूबसूरत महिलाएं, अपनी मांसपेशियां मजबूत करें... हमें मजबूत होना चाहिए... मांसपेशियां आपको हमेशा के लिए अच्छा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पाने में मदद करती हैं! इस पुरानी सोच को तोड़ें कि महिलाओं को मजबूत नहीं दिखना चाहिए या शारीरिक रूप से मज़बूत नहीं होना चाहिए।’’

दिलीप साहब मानते थे, आजादी सिर्फ अधिकार नहीं...

देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर अभिनेत्री सायरा बानो ने सोशल मीडिया पर एक भावपूर्ण संदेश साझा किया, जिसमें उन्होंने भारत के प्रति अपने गहरे लगाव और पति, दिवंगत अभिनेता दिलीप कुमार की देशभक्ति को याद किया। सायरा ने साल 1986 की फिल्म ‘कर्मा’ के गाने ‘ऐ वतन तेरे लिए’ से जुड़े एक सीन को साझा करते हुए कहा कि कुछ यादें तस्वीरों या शब्दों में नहीं, बल्कि सांसों में बसती हैं। उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा, "कुछ यादें तस्वीरों या शब्दों में नहीं, बल्कि हमारी सांसों में बसती हैं। भले ही मेरी परवरिश इंग्लिश समाज में हुई, लेकिन मेरा दिल हमेशा भारत के साथ रहा। यह अप्पाजी (मां नसीम बानो) और सुल्तान भाई के सिखाए गए अदब और घर के खाने की खुशबू में भी झलकता था। मेरी आत्मा हमेशा भारत की परंपराओं से जुड़ी रही।"

सायरा बानो ने दिलीप कुमार को अपनी सबसे बड़ी नेमत बताया। सायरा ने कहा, “आज, जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं, तो मुझे लगता है कि कैसे सब कुछ ऐसे घटित हुआ, जैसे खुद ऊपर वाले ने लिखा हो। मेरे लिए सबसे बड़ी नेमत के तौर पर पति दिलीप साहब मिले, जो एक देसी इंसान थे। उन्होंने अपनी जड़ों को गर्व और गरिमा के साथ जिया। उनकी देशभक्ति शोर में नहीं, बल्कि उनके कार्यों में दिखती थी। वह बिना किसी स्वार्थ के लोगों की मदद करते थे और अपने मूल्यों पर अटल रहते थे।" सायरा ने बताया कि दिलीप कुमार को पंडित जवाहरलाल नेहरू, अटल बिहारी वाजपेयी और पी.वी. नरसिम्हा राव जैसे दिग्गजों के साथ-साथ वकीलों, अर्थशास्त्रियों और उद्योगपतियों का सम्मान प्राप्त था। लेकिन, उन्हें खास बनाता था उनका यह विश्वास कि 'आजादी सिर्फ एक अधिकार नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है,' अपनी मिट्टी को कुछ लौटाने और जरूरतमंदों की मदद करने में उनका विश्वास था। अपनी जड़ों और देश के प्रति कृतज्ञता जताते हुए सायरा बानो ने आगे लिखा, “आजादी का मतलब सिर्फ स्वतंत्र होना नहीं, बल्कि अपनी पहचान को अपनाना, अपनी विरासत को संजोना और उन लोगों का सम्मान करना है, जिन्होंने देश के लिए सब कुछ दिया।”


‘ओएमजी’ से ‘कार्तिकेय 2’ तक, इन फिल्मों में बखूबी दिखी कृष्ण की शिक्षा

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त को है। श्रीकृष्ण का जीवन और उनकी शिक्षाएं भारतीय संस्कृति और सिनेमा में हमेशा से प्रेरणा का स्रोत रही हैं। उनकी लीलाएं, भक्ति और भगवद् गीता के माध्यम से दिया गया ज्ञान न केवल आध्यात्मिक, बल्कि जीवन के दर्शन से भी जुड़ा है। सिनेमा जगत श्रीकृष्ण के ज्ञान और शिक्षाओं को प्रभावशाली ढंग से पेश करने में सफल रहा है। ओएमजी समेत ऐसी कई फिल्में हैं, जो मनोरंजन के साथ दर्शकों को दर्शन और जीवन मूल्यों से भी परिचित कराती हैं। 'ओएमजी' आधुनिक संदर्भ में भगवान कृष्ण के दर्शन को दर्शाती है, वहीं 'कार्तिकेय 2' रहस्य और आध्यात्मिकता का मिश्रण है और 'कृष्ण और बलराम' बच्चों के लिए उनके जीवन को सरल बनाती हैं। ये फिल्में न केवल मनोरंजन करती हैं, बल्कि श्रीकृष्ण के ज्ञान और भक्ति को समझने का एक शानदार माध्यम भी हैं।

तेलुगू सिनेमा की रहस्यमयी और आध्यात्मिक थ्रिलर फिल्म 'कार्तिकेय 2' साल 2022 में आई थी। यह फिल्म श्री कृष्ण की पायल की खोज पर आधारित है। निखिल सिद्धार्थ स्टारर यह फिल्म पुरातत्व और आध्यात्मिकता को जोड़ती है, जिसमें श्रीकृष्ण की शिक्षाओं को सत्य की खोज और कर्तव्यनिष्ठा के रूप में दिखाया गया है। फिल्म में भगवान कृष्ण की रहस्यमय शक्ति और उनके दर्शन को आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत किया गया है, जो दर्शकों को उनकी बुद्धिमत्ता और दैवीय शक्ति से रूबरू कराता है। फिल्म में निखिल के साथ अभिनेत्री अनुपमा और अनुपम खेर भी अहम भूमिकाओं में हैं।

साल 2012 में आई थी 'ओएमजी: ओह माय गॉड!' यह फिल्म आधुनिक समय में श्रीकृष्ण की शिक्षाओं को एक अनोखे अंदाज में प्रस्तुत करती है। फिल्म में अक्षय कुमार श्री कृष्ण के किरदार में थे, जो एक नास्तिक दुकानदार (परेश रावल) को जीवन, धर्म और विश्वास का सही अर्थ समझाते हैं। फिल्म भगवद् गीता के कर्मयोग और निष्काम कर्म की अवधारणा को सरलता से पेश करती है। उमेश शुक्ला के निर्देशन में बनी यह फिल्म दिखाती है कि धर्म बाहरी रीति-रिवाजों से नहीं, बल्कि सच्चाई और नैतिकता से जुड़ा है। श्रीकृष्ण का यह आधुनिक अवतार दर्शकों को उनके दर्शन को रोजमर्रा की जिंदगी में लागू करने की प्रेरणा देता है।

'कृष्ण और बलराम' साल 2008 में आई थी। यह एनिमेटेड फिल्म श्रीकृष्ण और उनके भाई बलराम के बचपन की लीलाओं पर आधारित है। फिल्म में श्रीकृष्ण की बुद्धिमत्ता, नेतृत्व और विनम्रता को दिखाया गया है। यह बच्चों को उनके नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों, जैसे सत्य, प्रेम और कर्तव्य, से परिचित कराती है। श्रीकृष्ण की शिक्षाएं इस फिल्म में उनकी कहानियों के माध्यम से सरल और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत की गई हैं।

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