फिल्म निर्देशक हंसल मेहता ने कहा, मैं धार्मिक भेदभाव को महसूस कर चुका हूं

फिल्म निर्देशक हंसल मेहता ने कहा कि यह एक डरावनी स्थिति है, जिसमें युवा मुस्लिम पुरुष धार्मिक पहचान के डर से दाढ़ी रखना नहीं चाहते, जबकि हिंदुओं ने भी इसी डर की वजह से दाढ़ी रखना छोड़ दिया है।

फोटो: सोशल मीडिया
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आईएएनएस

फिल्म ‘ओमर्टा’ के निर्देशक हंसल मेहता ने कहा कि मैं भी एक बार धार्मिक भेदभाव की भावना को महसूस कर चुका हूं। उन्होंने कहा, “यह तब की बात है जब मैं दाढ़ी रखता था। मेरे संगीत गुरु गुलाम मुस्तफा खान ने मुझे दाढ़ी रखने से मना किया, क्योंकि इससे मैं मुसलमानों जैसा दिखता था। वह अपने किसी भी बेटे को दाढ़ी रखने की इजाजत नहीं देते थे, क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि दाढ़ी के कारण उनके बच्चे मुस्लिम के रूप में पहचान लिए जाएं। वह अनुभव मुझे हमेशा से याद रहा है। मैंने फिल्म 'ओमर्टा' में भी इसका इस्तेमाल किया।”

हंसल हंसल मेहता ने कहा, “यह एक डरावनी स्थिति है, जिसमें युवा मुस्लिम पुरुष धार्मिक पहचान के डर से दाढ़ी रखना नहीं चाहते, जबकि हिंदुओं ने भी इसी डर की वजह से दाढ़ी रखना छोड़ दिया है। हो सकता है कि आने वाले समय में दाढ़ी अतीत की बात बनकर ही रह जाए।”

हंसल मेहता की फिल्म ‘ओमर्टा’ के एक खौफनाक दृश्य में दिखाया गया है। फिल्म में मुख्य कलाकार राजकुमार राव की कार को चेक-पोस्ट पर रोक दिया जाता है और एक पुलिसकर्मी उन्हें बाहर निकलने के लिए कहता है, जो जानना चाहता है कि वह मुस्लिम है या उसने मुस्लिम से शादी की है।

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