संसद में सांसदों की तुकबंदी पर जावेद अख्तर नाराज, कहा, सियासत करें, शायरी को बख्श दें

गीताकार और लेखक जावेद अख्तर ने संसद में कविताओं को तोड़-मरोड़ कर पेश करने वाले सांसदों से शायरी पर रहम करने की अपील की है। उन्होंने सांसदों से कहा है कि मेहरबानी कर शब्दों के उच्चारण के साथ खिलवाड़ ना करें।

फोटो: सोशल मीडिया 
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आईएएनएस

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर 12 घंटे की लंबी बहस में भले ही कई लोगों का मनोरंजन हुआ हो, लेकिन गीतकार और पटकथा लेखर जावेद अख्तर का मानना है कि यह सत्र कविता का अपमान था।

जावेद अख्तर ने ट्वीट कर लिखा, “मैं हाथ जोड़ते हुए और बेहद विनम्रता के साथ लोकसभा में सभी राजनीति पार्टियों के सभी सांसदों से निवेदन करता हूं कि वे सभी कम से कम कविता पर रहम करें। बिना किसी अपवाद के, इस 12 घंटे के सत्र के दौरान पढ़ा गया हर शेर में गलत शब्द कहे गए, उच्चारण गलत था।”

लोकसभा में 12 घंटे तक चली बहस के दौरान पीएम मोदी सहित कई नेताओं ने कविताओं की कुछ पंक्तियों का इस्तेमाल किया। आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान ने बीजेपी के नारे 'अच्छे दिन' का मजाक बनाने के लिए भी एक कविता पढ़ी थी।

मोदी सरकार के खिलाफ 20 जुलाई को लोकसभा में चली अविश्वास प्रस्ताव की बहस में सरकार और विपक्षी दलों को एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते हुए देखा गया था।

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