सिनेजीवन: नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी 'गुंजन सक्सेना- द कारगिल गर्ल' और रंगभेद पर प्रियंका का इंटरव्यू हो रहा वायरल

जाह्नवी कपूर की फिल्म गुंजन सक्सेना द कारगिल गर्ल ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने वाली है, इस बात का आधिकारिक ऐलान खुद नेटफ्लिक्स ने किया है और रंगभेद को लेकर प्रियंका चोपड़ा का एक पुराना इंटरव्यू तेजी से वायरल हो रहा है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी जाह्नवी कपूर की गुंजन सक्सेना- द कारगिल गर्ल

जाह्नवी कपूर काफी समय से फिल्म गुंजन सक्सेना द कारगिल गर्ल को लेकर चर्चा में चल रहीं थीं और इस फिल्म को लेकर काफी बड़ा ऐलान हो गया है। बता दें कि अब ये फिल्म थिएटर्स में नहीं बल्कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने वाली है। हालांकि इसकी रिलीज डेट का खुलासा नहीं किया गया है लेकिन फिल्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने वाली है। इस बात का आधिकारिक ऐलान खुद नेटफ्लिक्स ने किया है और ट्वीट करते हुए नेटफ्लिक्स ने लिखा कि 'प्लेन लड़का उड़ाए या लड़की, उसे पायलट की कहते हैं। जल्द आ रहीं हैं गुंजन सक्सेना। बता दें कि ये फिल्म 24 अप्रैल 2020 को थिएटर्स में धमाका करने वाली थी लेकिन कोरोना वायरस के कारण चल रहे लॉकडाउन की वजह से ये संभव नहीं हो पाया और अब फिल्म को इस तरह से रिलीज किया जा रहा है।

फोटो: सोशल मीडिया
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प्रियंका चोपड़ा रंगभेद का शिकार,कहा- मुझे काली कहकर बुलाते थे

अमेरिका में जॅार्ज फ्लॅायड की मौत को लेकर इंसाफ की मांग की जा रही है। ऐसे में कई स्टार्स इसे अपना समर्थन दे रहे है। प्रियंका चोपड़ा का भी नाम इससे जुड़ गया है। रंगभेद को लेकर प्रियंका चोपड़ा का एक पुराना इंटरव्यू तेजी से वायरल हो रहा है। जहां पर प्रियंका चोपड़ा ये बता रही हैं कि कैसे बचपन में उन्हें इसका सामना करना पड़ा है। इसी के कारण प्रियंका चोपड़ा ने कभी भी अपने करियर में किसी भी फेयरनेस क्रीम का प्रचार नहीं किया है। रंगभेद के खिलाफ हो रहे आंदोलन के बीच प्रियंका का ये इंटरव्यू चर्चा में बना हुआ है। प्रियंका चोपड़ा ने अपने बचपन का एक किस्सा सुनाया जहां पर उन्हें काली कहकर बुलाया जाता था। वो कहती हैं कि ऐसा लोग उन्हें मजाक में कहते थे।

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लघुफिल्म 'नटखट' करती है लैंगिक समानता की बात

'नटखट' एक लघुफिल्म है, जिसका प्रीमियर यूट्यूब पर 'वी आर वन : ए ग्लोबल फिल्म फेस्टिवल' के हिस्से के रूप में बीते 2 जून को हुआ था। शान व्यास द्वारा निर्देशित और रॉनी स्क्रूवाला व विद्या बालन द्वारा निर्मित यह लघुफिल्म लैंगिक समानता की बात करती है। इस लघु फिल्म की पटकथा अनुकम्पा हर्ष और शान व्यास ने सहयोगी निर्माता के रूप में सनाया ईरानी जौहरी के साथ मिलकर लिखी है। इस फिल्म में विद्या बालन और बाल कलाकार सानिका पटेल ने मुख्य भूमिका निभाई है। फिल्म की कहानी एक मां के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने बेटे को लैंगिक समानता के बारे में शिक्षित करती है। इसमें दर्शाया गया है कि किस तरह बच्चों के मन में मर्दानगी और पितृसत्ता की बात छोटी उम्र में ही डाल दी जाती है। फिल्म में हमारे वर्तमान पितृसत्तात्मक वातावरण को भी दर्शाया गया है और यह भी बताया गया है कि इसे बदलने के लिए हमें बदलाव की सख्त जरूरत है। शान व्यास का कहना है कि विद्या बालन का किरदार निश्चित रूप से दर्शकों को विभिन्न मुद्दों पर सोचने के लिए मजबूर कर देगा। फिल्म के कांसेप्ट के बारे में बात करते हुए निर्देशक शान व्यास कहते हैं, "नटखट एक ऐसी फिल्म है जो इस तथ्य को सामन लाती है कि हम महिला उत्पीड़न को खत्म करने के लिए कितने भी सुधार कर लें और संस्थाएं स्थापित कर लें, लेकिन कम उम्र में बच्चों के उचित पालन-पोषण और बच्चों को समानता का महत्व सिखाने से ही बुनियादी तौर पर गहरा बदलाव लाया जा सकता है।"

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90 का दशक मुझे परिभाषित करता है : रणवीर सिंह

अभिनेता रणवीर सिंह का कहना है कि बड़े होने के दौरान वह 1990 के दशक के टेलीविजन शो को खूब देखा करते थे और हमेशा उनसे प्रभावित रहे, जिसने उन्हें पूरी तरह से आकार दिया और उन्होंने 90 के दशक के दौर की हर चीज का अनुसरण किया है। रणवीर ने कहा, " मैं 90 के दशक का बच्चा हूं। 1985 में पैदा हुआ हूं, 90 का दौर वह है जो मुझे परिभाषित करता है। फिल्मों, संगीत, पॉप कल्चर, फैशन सबकुछ फॉलो किया। वे मुझे आकार देने वाले साल थे। आप जो सब्सक्राइब करते हैं, वह हमेशा आपके साथ रहता है।" अभिनेता ने उन दिनों को याद किया जब और बच्चे जहां बाहर खेल रहे होते थे, वहीं वह टीवी देख रहे होते थे। उन्होंने कहा, "मुझे याद है कि मैं 'जबान संभाल के', 'देख भाई देख' देखा करता था। मूल रूप से मैं टीवी का बच्चा हूं।" फिलहाल, रणवीर अपनी आगामी फिल्म '83' की रिलीज का इंतजार कर रहे हैं। कबीर खान निर्देशित फिल्म में अभिनेता भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव की भूमिका में हैं।

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अनुष्का शर्मा बोली- अपने काम से पहचाना जाना मेरे लिए सबसे जरूरी

बॉलीवुड अभिनेत्री अनुष्का शर्मा का कहना है कि उन्हें लोग उनके काम की वजह से पहचाने, यह उनके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है। अनुष्का ने आईएएनएस को बताया, "मेरा अब तक का सफर काफी अच्छा रहा। इंडस्ट्री में शुरुआत काफी अच्छे से हुई। अपने किए गए काम की वजह से सराहना मिली। एक कलाकार के रूप में मैं पहचानी गई और यह मेरे लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि मैं अपने काम की वजह से पहचानी जाऊं और मुझे लगता है कि एक कलाकार के तौर पर मैंने अपने लिए ऐसा कायम किया।" अपने एक्टिंग करियर में अनुष्का ने कई अलग-अगल किरदार किए। 'रब ने बना दी जोड़ी' में भोली-भाली तानी के किरदार से लेकर 'बैंड बाजा बारात' में जिंदादिल श्रुति, हर किरदार को अनुष्का ने बेहतरीन ढंग से अंजाम दिया। इस पर वह कहती हैं, "एक एक्टर के तौर पर मैंने जोखिम उठाया है और इनमें से कई का मुझे लाभ भी मिला। मेरे ख्याल से अपने करियर में काम के चुनाव में जोखिम उठाना, साहसिक कदम लेना यह जारी रहा और एक निर्माता के तौर पर भी यह झलकता है क्योंकि जिस तरह की विषय सामग्री को बनाने की हम सोचते हैं, उसमें यह दिखता है।"

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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