सिनेजीवनः चुनाव में एंट्री के साथ सामने आया खेसारी का दबंग अवतार और कभी चाय की दुकान पर बर्तन धोते थे ओम पुरी
बिहार चुनाव में एंट्री के साथ भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव का दबंग अवतार सामने आया है। आरजेडी से टिकट मिलने के बाद खेसारी का नया गाना "जियो-जियो खेसारी" रिलीज हुआ है, जो धमाल मचा रहा है। दिवंगत मशहूर अभिनेता ओम पुरी ने कभी चाय की दुकान पर बर्तन धोया था।

बिहार चुनाव में एंट्री के साथ सामने आया खेसारी का दबंग अवतार
भोजपुरी सिनेमा के सिंगर और एक्टर खेसारी लाल यादव सुर्खियों में छाए हुए हैं। खेसारी ने बिहार विधानसभा चुनाव में एंट्री मारते हुए आरजेडी ज्वाइन कर ली है। उन्होंने अकेले नहीं बल्कि अपनी पत्नी चंदा सिंह के साथ पार्टी का दामन थामा है और छपरा से चुनावी मैदान में उतर गए हैं। पहले खबरें थीं कि उनकी पत्नी चंदा सिंह चुनाव लड़ेंगी, लेकिन अब उस सीट से खेसारी लाल यादव चुनाव लड़ने वाले हैं। इसी बीच उनका नया गाना रिलीज हो गया है। आरजेडी में एंट्री के बाद खेसारी लाल यादव अब अपने लैटेस्ट गाने से धमाल कर रहे हैं। उनका नया गाना "जियो-जियो खेसारी" रिलीज हो गया है।
खेसारी लाल यादव को टैग करते हुए रॉकेट रील ने नए गाने की झलक डाली है, जिसमें खेसारी को एआई की मदद से फिल्माया गया है। गाने के बोल भी बहुत धाकड़ हैं, जिसमें कहा गया है- "जब अन्याय सिर उठाता है तो मैं दीवार बन जाता हूं, और जब अपने रोते हैं तो मैं हथियार बन जाता हूं।" छोटे से सॉन्ग क्लिप में खेसारी को भगवान शिव के सामने आराधना करते दिखाया गया है और उनका अलग ही स्वैग देखने को मिल रहा है। सॉन्ग को जोश, ताकत और भावनाओं का मेल बताया गया है। गाने के कैप्शन में लिखा गया है "जियो जियो खेसारी"—एक ऐसा गाना जो जोश, ताकत और भावनाओं का जश्न मनाता है।"
बता दें कि गाने को खेसारी लाल यादव और दानिश सबरी ने मिलकर गाया है। गाना फैंस के बीच आते ही छा गया था और अभी फैंस सिंगर को चुनाव जीतने की बधाई दे रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, "हमारे विधायक भैया, तुफान हैं तुफान और चुनावी मैदान में सबको पीछे छोड़ने वाले हैं।" एक दूसरे यूजर ने लिखा, "युवा नेता छपरा विधान सभा..सबका समर्थन आपके साथ है।" वर्क फ्रंट की बात करें तो खेसारी लाल यादव फिल्म 'जमानत' में दिखने वाले हैं। फिल्म से सिंगर का पहला लुक भी सामने आ गया है, जो काफी धाकड़ है। फिल्म का ट्रेलर अभी तक रिलीज नहीं हुआ, लेकिन फिल्म के पोस्टर से भी फैंस के बीच बज बन गया है। इसके अलावा, खेसारी लगातार गाने भी रिलीज कर रहे हैं। उनमें 'गजब तोहार नैना', 'लाल घघरी', 'आरती उतारह मां' और 'माई के झुलनवा' शामिल हैं।
कभी चाय की दुकान पर बर्तन धोते थे ओम पुरी
बॉलीवुड और हॉलीवुड दोनों में अपनी पहचान बना चुके मशहूर अभिनेता ओम पुरी की कहानी प्रेरणा से भरी हुई है। उनकी अदाकारी आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है। उन्होंने अभिनय की दुनिया में जो मुकाम हासिल किया, वह हर एक कलाकार का सपना है। उनकी जिंदगी संघर्षों से भरी रही, पर उन्होंने कभी हार नहीं मानी। वह एक ऐसे परिवार में जन्मे, जहां आर्थिक तंगी आम बात थी। उनका बचपन गरीबी में गुजरा। महज छह साल की उम्र में उन्होंने चाय की दुकान पर बर्तन धोने का काम किया, ताकि अपने परिवार की आर्थिक मदद कर सकें।
ओम पुरी का जन्म 18 अक्टूबर 1950 को पंजाब के पटियाला जिले में हुआ था। दरअसल, उनके परिवार को सही जन्मदिन की तारीख नहीं पता थी। पूछने पर उनकी मां कहती थी कि उनका जन्म दशहरे के दिन हुआ था। ऐसे में ओम पुरी ने अपनी जन्मतिथि 18 अक्टूबर तय कर ली, उस दिन दशहरे का दिन था। यह तारीख उन्होंने खुद चुनी थी और उसी दिन अपने जन्मदिन का जश्न मनाना शुरू किया। उनकी जिंदगी के पहले कई साल बेहद कठिनाइयों भरे थे। उनके पिता को एक बार चोरी के आरोप में जेल जाना पड़ा, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति और भी खराब हो गई। इस मुश्किल वक्त में ओम पुरी ने महज छह साल की उम्र में परिवार की मदद के लिए चाय की दुकान पर बर्तन धोने का काम शुरू किया। बर्तन धोने के इस काम के अलावा, ओम पुरी ने कई छोटे-मोटे काम किए ताकि परिवार का खर्चा चल सके।
उनको ट्रेन से बेहद लगाव था और कभी-कभी रात में ट्रेन में सोते भी थे। बड़े होकर वह ट्रेन ड्राइवर बनना चाहते थे, लेकिन किस्मत ने उन्हें अभिनय की दुनिया में ले जाकर बड़ा मुकाम दिया। उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला लिया, जहां से उन्होंने अभिनय की बुनियाद मजबूत की। ओम पुरी ने न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपने अभिनय से सबका दिल जीता। ओम पुरी ने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत मराठी फिल्म 'घासीराम कोतवाल' से की। इसके बाद हिंदी सिनेमा में उनका पहला बड़ा नाम 1980 की फिल्म 'आक्रोश' से हुआ, जो एक क्रांतिकारी फिल्म मानी जाती है। इस फिल्म में उनके अभिनय की जमकर तारीफ हुई और उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला। इसके बाद वह 'आरोहण', 'अर्द्ध सत्य', 'जाने भी दो यारों', 'चाची 420', 'हेरा फेरी', 'मालामाल वीकली' जैसी कई यादगार फिल्मों का हिस्सा बने। उन्होंने अलग-अलग भूमिकाओं में अपनी छाप छोड़ी, चाहे वह गंभीर किरदार हों या कॉमेडी।
ओम पुरी ने हॉलीवुड में भी अपनी अलग पहचान बनाई। उन्होंने 'सिटी ऑफ जॉय', 'वुल्फ', 'द घोस्ट एंड द डार्कनेस' जैसी फिल्मों में काम किया और अपने अभिनय का जादू विदेशों तक पहुंचाया। उनकी यह बहुमुखी प्रतिभा और समर्पण उन्हें हर दर्शक के दिल के करीब ले गया। उनके अभिनय की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वे किरदारों में जान डाल देते थे, चाहे वह किरदार छोटा हो या बड़ा। उनकी निजी जिंदगी में भी कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन उन्होंने हमेशा अपने काम से सबको प्रभावित किया।
ओम पुरी ने दो शादियां की, पहली सीमा कपूर से और बाद में जर्नलिस्ट नंदिता पुरी से। उनके जीवन की कुछ बातें सार्वजनिक हुईं, जिनमें कुछ विवाद भी रहे, लेकिन उनका काम हर विवाद से ऊपर था। उनके अभिनय की वजह से उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले, जो उनकी मेहनत और काबिलियत का प्रमाण थे। ओम पुरी ने न केवल एक बेहतरीन कलाकार के रूप में काम किया, बल्कि वे कई कलाकारों के लिए एक प्रेरणा भी बने। उन्होंने कई युवा कलाकारों को अभिनय सिखाया और उन्हें सही मार्ग दिखाया। उनका निधन 6 जनवरी 2017 को दिल का दौरा पड़ने से हुआ। उन्होंने 66 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। उनके अभिनय का सफर और उनकी यादें लोगों के बीच बरकरार हैं।
माधुरी ने पति श्रीराम नेने के साथ मनाई शादी की 26वीं सालगिरह
बॉलीवुड की धक-धक गर्ल माधुरी दीक्षित शुक्रवार को अपनी शादी की 26वीं सालगिरह धूमधाम से मना रही हैं। इस मौके पर अभिनेत्री ने पति डॉ. श्रीराम नेने के साथ पुरानी यादों को ताजा किया। अभिनेत्री ने इंस्टाग्राम पर एक मोंटाज वीडियो पोस्ट किया, जिसके साथ उन्होंने कैप्शन में लिखा, "पल-पल साथ चलते हुए, हमने जिंदगी के 26 सालों को यादगार बना दिया। सालगिरह मुबारक हो, डॉ. नेने!" अभिनेत्री ने वीडियो के साथ 'तू है, तो दिल धड़कता है' ऐड किया। फैंस को अभिनेत्री का ये वीडियो काफी पसंद आ रहा है। वे कमेंट सेक्शन पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
बता दें, माधुरी और श्रीराम नेने की मुलाकात अभिनेत्री के भाई ने करवाई थी। शुरुआत में माधुरी श्रीराम से मिलने को तैयार नहीं थीं, लेकिन भाई के मनाने पर वह मान गईं। पहली मुलाकात में ही श्रीराम की सादगी ने माधुरी का दिल जीत लिया। दोनों ने कुछ साल तक एक-दूसरे को डेट किया और आखिरकार, 17 अक्टूबर 1999 को दोनों ने अमेरिका में सादगी भरे समारोह में शादी कर ली। शादी की खबर ने बॉलीवुड और मीडिया को चौंका दिया था, क्योंकि माधुरी ने इसे गोपनीय रखा था। अभिनेत्री की शादी बॉलीवुड के लिए काफी हैरानी भरी थी। कई स्टार्स ने इंटरव्यू में इस बात का खुलासा भी किया है। शादी के बाद माधुरी अमेरिका में बस गईं, जहां श्रीराम एक सफल डॉक्टर के रूप में कार्यरत थे। वहां उन्होंने अपनी शादीशुदा जिंदगी और मदरहुड की जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया। इस दौरान उनके दो बेटे, अरिन और रियान हुए। वह बीच-बीच में भारत आकर चुनिंदा फिल्में करती रहीं। श्रीराम ने हर कदम पर उनका साथ दिया और बाद में दोनों ने भारत में स्थायी रूप से बसने का फैसला किया। भारत लौटने के बाद माधुरी ने फिर से बॉलीवुड में वापसी की। फैंस उनकी अगली फिल्म का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
सिमी ग्रेवाल के जन्मदिन पर जैकी श्रॉफ ने खास अंदाज में दी बधाई
70-80 के दशक की मशहूर अभिनेत्री सिमी ग्रेवाल शनिवार को अपना जन्मदिन मना रही हैं। इस मौके पर अभिनेता जैकी श्रॉफ ने उन्हें खास अंदाज में शुभकामनाएं दीं। जैकी ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरीज सेक्शन पर सिमी का एक मोंटाज वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उनके करियर की झलकियां दिखाई गईं। साथ ही, वीडियो में मशहूर गाना 'एक हसीना थी' भी जोड़ा। जैकी ने वीडियो पोस्ट कर कैप्शन में लिखा, "हैप्पी बर्थडे सिमी ग्रेवाल।" अभिनेत्री के फिल्मी सफर की बात करें तो उन्होंने इसकी शुरुआत साल 1962 में हॉलीवुड फिल्म 'टार्जन गोज टू इंडिया' से की थी। यह फिल्म भारत में शूट हुई थी, जिसमें उनके साथ अभिनेता फिरोज खान भी नजर आए थे। इस फिल्म ने सिमी को शुरुआती पहचान दिलाई। इसके बाद उन्होंने हिंदी सिनेमा में कदम रखा और अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीता। उनकी प्रमुख फिल्में 'मेरा नाम जोकर', 'नमक हराम', 'सिद्धार्थ', 'कर्ज', 'नसीब' और 'इंसाफ का तराजू' शामिल हैं। खासकर 'मेरा नाम जोकर' में उनके बोल्ड सीन ने उस दौर में खूब सुर्खियां बटोरीं थी।
सिमी ने हमेशा ऐसे किरदार चुने, जो उनकी समकालीन अभिनेत्रियों से अलग थे। उनकी आत्मविश्वास भरी शख्सियत और बिंदास अंदाज ने उन्हें इंडस्ट्री में खास मुकाम दिलाया। सिमी ने सिर्फ अभिनय ही नहीं, बल्कि निर्देशन में भी अपनी प्रतिभा दिखाई। उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती और अनुराधा पटेल की फिल्म 'रुखसत' का निर्देशन किया। इसके अलावा, उन्होंने टेलीविजन की दुनिया में भी अपनी छाप छोड़ी। उनका चैट शो 'रेन्डेजवस विद सिमी ग्रेवाल' बेहद लोकप्रिय रहा, जिसमें उन्होंने बॉलीवुड के दिग्गज सितारों के साथ गहन बातचीत की। इस शो ने उन्हें टीवी इंडस्ट्री में भी पॉपुलैरिटी दिखाई थी। सिमी को उनके शानदार अभिनय के लिए कई पुरस्कार मिले, जिनमें फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस अवॉर्ड भी शामिल है। उन्होंने निजी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन अपने सिद्धांतों और आत्मसम्मान को कभी नहीं छोड़ा। हॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड तक काम कर उन्होंने ग्लोबली पहचान दिलाई।
'एक था दीवाना' से काम्या पंजाबी ने किया डिजिटल डेब्यू
टीवी इंडस्ट्री की जानी-मानी अभिनेत्री काम्या पंजाबी ने हाल ही में शॉर्ट सीरीज ड्रामा 'एक था दीवाना' से एक नया कदम उठाया है। लंबे समय से टेलीविजन पर अपनी दमदार एक्टिंग से दर्शकों का दिल जीतने वाली काम्या अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पॉकेट टीवी पर नजर आ रही हैं। इस शो के जरिए उन्होंने न सिर्फ एक अलग माध्यम में काम करने की शुरुआत की है, बल्कि अपने किरदार को लेकर जो मेहनत की है, वो काफी शानदार है। अपने अभिनय सफर और इस नए प्रोजेक्ट को लेकर काम्या ने आईएएनएस संग इंटरव्यू में खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि हर प्रोजेक्ट में वो खुद को एक नई चुनौती देना चाहती हैं और यही वजह है कि वो हर बार अपने किरदार को अलग और खास बनाती हैं। उनके मुताबिक, एक अच्छा किरदार सिर्फ डायलॉग बोलने से नहीं बनता, बल्कि उसके लुक, चाल-ढाल और बॉडी लैंग्वेज में भी फर्क दिखना चाहिए ताकि वह पिछली भूमिकाओं से अलग नजर आए।
'एक था दीवाना' को साइन करने के पीछे काम्या की मुख्य वजह इसकी कहानी और मंच रहा। उन्होंने कहा, "मैंने पॉकेट टीवी के बारे में काफी सुना था कि ये एक दिलचस्प और रोमांचक प्लेटफॉर्म है जिसे लोग तेजी से पसंद कर रहे हैं। जब मुझे इस शो की कहानी सुनाई गई, तो यह तुरंत ही मुझे पसंद आ गई। इसमें मुझे रोमांस, ड्रामा और सस्पेंस के साथ एक मजबूत किरदार निभाने का मौका मिला, जो मेरे लिए किसी भी प्रोजेक्ट को चुनने का सबसे अहम कारण होता है।" इस शो में काम्या पंजाबी 'कौशल्या' का किरदार निभा रही हैं। उन्होंने बताया, ''कौशल्या एक व्यावहारिक सोच रखने वाली महिला है, जो भावनाओं से नहीं, समझदारी से फैसले लेती है। वह अपने हक के लिए किसी भी हद तक जा सकती है और हर स्थिति में अपने अधिकार के लिए लड़ने को तैयार रहती है। मैंने अपने इस किरदार को निभाने में बेहद मेहनत की है, ताकि दर्शकों को कुछ नया देखने को मिले।''
काम्या ने शो की तारीफ करते हुए कहा, ''इसकी कहानी बहुत तेजी से आगे बढ़ती है और दर्शकों को लगातार बांधे रखती है। शो में प्यार, धोखा, रोमांच और ड्रामा, सभी तत्व मौजूद हैं, जो इसे पूरी तरह से मनोरंजक बनाते हैं। यह एक ऐसा शो है, जिसे देखकर दर्शक एक भी पल बोर नहीं होंगे।'' 'एक था दीवाना' की कहानी एक अमीर बिजनेसमैन के जीवन पर आधारित है, जिसे अपने ही परिवार में धोखे का सामना करना पड़ता है, खासकर उसकी पत्नी, जो उसकी दौलत और कारोबार को अपने नाम करने की साजिश रचती है। काम्या पंजाबी का मानना है कि इस तरह की कहानियां दर्शकों को न सिर्फ मनोरंजन देती हैं, बल्कि समाज में रिश्तों और विश्वास की अहमियत को भी दर्शाती हैं। उन्होंने कहा कि वो आगे भी ऐसे प्रोजेक्ट्स का हिस्सा बनना चाहेंगी जो उन्हें बतौर कलाकार चुनौती दें और दर्शकों से जुड़ाव महसूस कराएं।
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