फिल्म इंडस्ट्री ने कैसे बदली सनी लियोनी की किस्मत? इंटरव्यू के दौरान एक्ट्रेस ने किए कई खुलासे
बॉलीवुड के टॉप एक्ट्रेस में शुमार सनी लियोनी से नवजीवन ने खास बातचीत की। इस दौरान अभिनेत्री ने फिल्म इंडस्ट्री में अपने सफ़र के दौरान आए उतार चढ़ाव के बारे में बताया। साथ ही ये भी बताया कि फिल्म इंडस्ट्री में आने के दौरान उन्होंने किन चुनौतियों का सामना करा।
![फोटो: सोशल मीडिया](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2022-04%2F45f84f2b-e550-43bb-9e32-d27e012bf2cd%2FGettyImages_1190565852.jpg?rect=0%2C0%2C1024%2C576&auto=format%2Ccompress&fmt=webp)
1. फिल्म इंडस्ट्री में अपने सफ़र के बारे में बताएं?
फिल्म इंडस्ट्री में मेरा सफ़र पूरी तरह से अद्भुत रहा है, मैंने बहुत उतार-चढ़ाव देखा हैं और हर फिल्म जो शायद फ्लॉप हो गयी उसने मुझे अपने बारे में कुछ ना कुछ ज़रूर सिखाया। मैंने नए दोस्त बनाये, उनमें से बहुत से अब ज़िन्दगी भर के लिए मेरे करीबी दोस्त बन गए हैं। फिल्म इंडस्ट्री के मेरे सफर में बहुत कुछ हुआ है।
2. इस स्टारडम ने आपकी जीवनशैली को कैसे बदला?
आप जितनी अधिक मेहनत करते हैं, जितना सफल होते हैं, आप उतनी ही अधिक चीजे हासिल कर सकते हैं और आप जो चाहते हैं वो आप कर सकते हैं। स्टारडम के साथ साथ मैं अपनी खुद की कॉस्मेटिक कंपनी शुरू कर सकी , एक परफ्यूम और कपड़ों का ब्रांड शुरू कर सकी, अपना प्रोडक्शन हाउस शुरू किया। इसलिए ये सभी चीजें जो मैं हमेशा से करना चाहती थी और जानती थी कि मैं कर सकती हूं, वो मैं कर पायी।
3. आपने तमिल, मलयालम, हिंदी कई भाषाओं की फिल्में की हैं, यह आपके लिए कितना मुश्किल था और आपने अपने संवाद कैसे बोले?
मैं हमेशा इस बात पर कायम रही कि मैं किसी भी भाषा में और अलग-अलग भाषाओं में फिल्में करना पसंद करूंगी। मेरा प्रशिक्षण ठीक हुआ, मेरे आसपास सिखाने के लिए लोग अच्छे थे और मुझे संवाद शूटिंग से काफी पहले मिल जाते थे। मुझे सिखाने के लिए अच्छे लोग मिले। हालांकि बहुत मुश्किल रहा लेकिन यही इसका अनूठापन भी था।
4. आपने दक्षिण और बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री दोनों के बीच क्या अंतर देखा है?
दक्षिण फिल्म इंडस्ट्री में बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के बीच का अंतर मुख्यतः भाषा का ही है निर्माण की प्रक्रिया अमूमन सब जगह एक सी होती है। लोग अच्छे ही होते हैं। और सभी प्रोडक्शन में कुछ बाधाएं आती ही हैं। लेकिन आप अब काम कर रहे होते हैं तो कुछ भी ऐसा नहीं होता जिसे हल किया जा सके। फिर हर कोई चाहता है की आप समय पर आयें, उनकी इज्ज़त करें। अगर आप उनकी इज्ज़त करते हैं तो वो भी आपकी इज्ज़त करते हैं।
5. फिल्म इंडस्ट्री में आने के दौरान आपको किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
जिन चुनौतियों का मैंने सामना किया, वे वास्तव में काफी अंतहीन हैं। मेरा मतलब है कि हर एक दिन आप इंडस्ट्री या लोगों या मानव स्वभाव के सन्दर्भ में अपने बारे में कुछ नया सीखते हैं। लोग कैसे काम करते हैं और वे कैसे हैं बनाम आप कैसे हैं और आप कैसे प्रतिक्रिया करते हैं इसलिए मुझे लगता है कि मुख्य रूप से चुनौती ये थी कि समय और प्रवाह मेरे अनुकूल नहीं था, में सिर्फ वक्त के पहिये को घुमते हुए सुन सकती थी और मुझे उसके हिसाब से एडजस्ट करना था। मेरे लिए ये सबसे ज्यादा सिखाने वाला कैरियर रहा।
6.क्या आपको लगता है कि भारत ने आपको एक नई पहचान दी है यदि हां तो कैसे?
मेरी पहचान हमेशा मेरी पहचान ही रही है। मुझे लगता है कि बड़ा सवाल यह होना चाहिए कि क्या मैंने ‘ग्रो’ किया, और मुझे लगता है कि चाहें कोई भी पेशा हो, फिल्म इंडस्ट्री में, या आप डॉक्टर हों या कुछ भी काम करते हों, आप रोजाना कुछ ना कुछ सीखते हैं, और आपकी पहचान उसी के मुताबिक बदलती जाती है। आप 6 महीने पहले , एक साल या पांच साल पहले जो थे आप आज वो नहीं होते। आपकी पहचान मूलतः एक ही होती है लेकिन समय के साथ साथ हम विक्सित होते जाते हैं।
7.आपको फिल्म इंडस्ट्री में पहला ब्रेक कैसे मिला और किसने आपका बहुत साथ दिया?
पहला ब्रेक मूल रूप से बिग बॉस होगा और साथ ही जिस्म 2 । मेरे पति मेरा सबसे बड़ा सहारा हैं और वह मेरी रीढ़ हैं, समय के साथ हमने कुछ अच्छे दोस्त बनायें हैं। वो ऐसे लोग हैं जिन पर हम भरोसा करते हैं
8. लोग कहते हैं कि रियलिटी शो में कुछ भी वास्तविक नहीं होते हैं, स्प्लिट्स-विला के मेजबान के रूप में आप की इस बारे में क्या राय है?
जिस तरह से रियलिटी शो काम करता है, प्रोडक्शन या होस्ट पर्दे के पीछे काम करने वाले लोग होते हैं। वे दृश्य, मंच, विचार, खेल, परिदृश्य सेट करते हैं और उसमें जो होता है वह वास्तविक होता है। इसलिए, लोग क्या कहते हैं, क्या करते हैं, टेलीविजन पर उन्हें कैसा होना चाहिए, इस बारे में कुछ भी स्क्रिप्टेड नहीं है, यह सब वास्तविक है। मसलन स्प्लिट्सविला में एक व्यक्ति को दूसरे को चुनने की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन किसी को चुनने के पीछे तर्क, निर्णय लेने के पीछे का तर्क सभी का अपना है। वे कैसे कार्य करते हैं और वे परदे पर क्या करते हैं -यह हर कोई देखता है।
आप केवल कुछ समय के लिए नकली हो सकते हैं। आपका वास्तविक व्यक्तित्व ही मायने रखता है और आप इसी के माध्यम से चमकते हैं। और यही रियलिटी टेलीविजन है। हम इस तथ्य पर कायम हैं कि हम उन्हें वास्तविक रूप में देखने जा रहे हैं, जो कुछ भी है। रियलिटी शो स्थिति, परिदृश्य, विचार को तो स्थापित कर सकते हैं लेकिन हर किसी की प्रतिक्रिया बिल्कुल वास्तविक होती है। इसलिए यह रियलिटी टेलीविजन है। हमें नहीं पता कि किसी के मुंह से क्या निकलेगा, वह कैसे प्रतिक्रिया देने वाला है या क्या कहने वाला है। वे एक व्यक्ति के साथ प्यार में हैं, लेकिन अलग-अलग चीजें कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्हें ऐसा करना चाहिए। इसलिए मुझे नहीं लगता कि रियलिटी टेलीविजन स्क्रिप्टेड होता है।
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