पीएम मोदी के ‘बयान’ के साथ पर्दे पर आएगी 'सितारे जमीन पर', CBFC ने 5 बदलाव के साथ आमिर की फिल्म को दी मंजूरी
मुंबई में फिल्म उद्योग से जुड़े कई लोग सेंसर बोर्ड के मौजूदा रुख से सहमत नहीं है। इनका मानना है कि हस्तक्षेप पहले भी होता रहा है लेकिन मौजूदा सरकार में तो सेंसर बोर्ड बीजेपी के एजेंडे पर चलता और सिनेमा को चलाता दिखाई दे रहा है।

साल 2007 की फिल्म तारे जमीन पर की ‘आध्यात्मिक सीक्वल’ के तौर पर प्रचारित और चर्चित आमिर खान की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ की रीलीज का रास्ता साफ हो गया है। खबक है कि आखिरकार केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) यानी सेंसर बोर्ड ने अंतिम रूप से सिनेमा घरों में दिखाए जाने की अनुमति दे दी है, लेकिन कुछ नायाब शर्तों के साथ। सेंसर बोर्ड ने ‘सितारे जमीन पर’ के निर्माताओं को फिल्म में पांच बदलाव करने का निर्देश दिया है, जिनमें सबसे प्रमुख है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विजन 2047’ का संदर्भ लेते हुए फिल्म की शुरुआत में उनका एक वाक्यांश (वक्तव्य) ‘डिस्क्लेमर’ के ठीक बाद जोड़ा जाना। खबर यह भी है कि प्रोडक्शन हाउस की टीम इस पर सहमत हो गई है और सारे परिवर्तनों के साथ फिल्म अब 20 जून को सिनेमाघरों में दिखाए जाने के लिए तैयार है।
‘सितारे जमीन पर’ को आमिर खान की 2007 की सुपरहिट फिल्म ‘तारे जमीन पर’ की एक स्पिरिचुअल सीक्वल के तौर पर माना जा रहा है और हाल ही में खबरें आई थीं कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान कुछ आपत्तियां दर्ज की थीं और उन्हें शामिल करने के बाद पुनर्विचार के लिए इसे एक और विशेष कमेटी के सामने दिखाया जाना था। प्रख्यात नाट्य निर्देशक और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) के पूर्व निदेशक वामन केंद्रे के नेतृत्व वाली नौ सदस्यीय पुनरीक्षण कमेटी के सामने इसका दोबारा प्रदर्शन हुआ, जिसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वक्तव्य जोड़ने सहित फिल्म में पांच परिवर्तन करने का निर्देश दिया।
क्या जुड़ा, अभी साफ नहीं
सेंसर बोर्ड की कमेटी के निर्देशों के अनुसार, फिल्म सितारे जमीन पर के शुरुआती और अब परिवर्तित अस्वीकरण (डिस्क्लेमर) के ठीक बाद प्रधानमंत्री का विजन 2047 वाला एक कथन डाला जाना था, जिसे फिल्म में शामिल भी कर लिया गया है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि वह कथन वास्तव में क्या है और ठीक-ठीक किस बारे में है।
‘महिला’ नहीं ‘व्यक्ति’... ‘कमल’ नहीं चलेगा
सीबीएफसी द्वारा निर्देशित और अनिवार्य रूप से किए जाने वाले अन्य परिवर्तनों में फिल्म में व्यवसायी महिला शब्द को “व्यवसायी व्यक्ति” से बदलना, फिल्म की शुरुआत में 30 सेकंड के अस्वीकरण (डिस्क्लेमर) को 26 सेकंड के वॉयस-ओवर से बदला जाना, “कमल” शब्द वाले दृश्य को सबटाइटल्स सहित हटाया जाना और सबटाइटल्स में “माइकल जैक्सन” को “लवबर्ड्स” से बदला जाना शामिल है। ताजा प्रमाणपत्र के अनुसार, फिल्म के निर्माताओं ने सभी सुझावों का अनुपालन करना स्वीकार कर लिया है और अब ‘सितारे जमीन पर’ अंतिम रूप से 2 घंटे, 38 मिनट और 43 सेकंड के रनटाइम के साथ 20 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार है।
जब खान राजी, तो क्या करेगा काजी!
इस पूरे प्रकरण पर वामन केंद्रे या सीबीएफसी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह कुछ भी बोलने से कतराते रहे हैं। मुंबई में फिल्म उद्योग से जुड़े कई लोगों ने भी यह कहकर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि जब तक यह स्पष्ट न हो कि जो बदलाव हुआ है वह क्या है और यह भी कि प्रधानमंत्री का क्या वक्तव्य जोड़ा गया है, इस पर कोई टिप्पणी कैसे संभव है। उनका यह भी कहना है कि जब फिल्म निर्माता को ही बदलाव पर कोई आपत्ति नहीं तो फिर इस पर टिप्पणी अंतिम रूप से फिल्म की रिलीज के बाद और उसे देखकर ही की जा सकती है। हालांकि, इनमें से कोई भी सेंसर बोर्ड के मौजूदा रुख से सहमत नहीं है। इनका मानना है कि हस्तक्षेप पहले भी होता रहा है लेकिन मौजूदा सरकार में तो सेंसर बोर्ड बीजेपी के एजेंडे पर चलता और सिनेमा को चलाता दिखाई दे रहा है।
स्पेनिश फिल्म ‘चैंपियंस’ की रीमेक
आरएस प्रसन्ना द्वारा निर्देशित इस फिल्म में आमिर खान और जेनेलिया देशमुख मुख्य भूमिका में हैं और यह 2018 की स्पेनिश फिल्म ‘चैंपियंस’ की रीमेक है, जिसमें एक बास्केटबॉल कोच की कहानी दिखाई गई है, जो अदालत द्वारा अनिवार्य सामुदायिक सेवा के हिस्से के रूप में बौद्धिक रूप से विकलांग लोगों की एक टीम को यह खेल सिखाता है।
जहां ‘तारे जमीन पर’ में एक टीचर ने डिस्लेक्सिक से पीड़ित स्टूडेंट की पढ़ाई में मदद की थी, वहीं ‘सितारे जमीन पर’ में कहानी एकदम विपरीत है। इस स्पोर्ट्स ड्रामा में आमिर खान का किरदार एक निलंबित बास्केटबॉल कोच का है, जिसे सजा के तौर पर न्यूरोडेवलपमेंटल डिफरेंस वाले लोगों का कोच बना दिया जाता है। फिल्म में यह देखना दिलचस्प होगा कि न्यूरोडेवलपमेंटल डिफरेंस वाले लोगों की जिंदगी कैसी होती है, वे अपनी जिंदगी कैसे जीते हैं और मैच जीतने के लिए खुद को किस हद तक तैयार करते हैं?
रिलीज से पहले आमिर ने भी रखी शर्तें
फिल्म की रिलीज से पहले आमिर खान ने सिनेमाघरों को शो टाइमिंग्स को लेकर कुछ खास निर्देश भी दिए हैं। बॉलीवुड हंगामा की रिपोर्ट को मानें तो...
सुबह 9 बजे से पहले कोई शो शुरू नहीं किया जाएगा.
टिकट के दाम ‘वीकेंड प्राइसिंग’ के मुताबिक ही रखे जाएं, यानी टिकट रेट बहुत ज्यादा न बढ़ाए जाएं, जैसा कि ब्लॉकबस्टर फिल्मों के साथ होता है
सिंगल स्क्रीन थिएटरों को दिनभर सिर्फ सितारे जमीन पर ही दिखाने के लिए कहा गया है, यानी कोई दूसरी फिल्म साथ में नहीं चलाई जाएगी.
2 स्क्रीन वाले थिएटरों में दिन के 8 शो दिखाने का निर्देश दिया गया है
मल्टीप्लेक्स में स्क्रीन की संख्या के अनुसार शो की गिनती तय की गई हैः
3 स्क्रीन: 11 शो
4 स्क्रीन: 14 शो
5 स्क्रीन: 16 शो
6 स्क्रीन: 19 शो
7 स्क्रीन: 22 शो
8 स्क्रीन: 25 शो
9 स्क्रीन: 28 शो
10 या उससे ज्यादा स्क्रीन: 31 शो
ऐसे में फिल्म देखने के साथ-साथ यह देखना भी दिलचस्प रहेगा कि सीबीएफसी के निर्देश पर फिल्म में हुए बदलावों बाद अब आमिर की इन शर्तों के साथ ‘सितारे जमीन पर’ के बॉक्स ऑफिस पर कितना असर पड़ता है।
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