मर्डर मिस्ट्री के नाम पर ओटटी पर प्रचुर मात्रा में कंटेंट मौजूद, लेकिन निराश करने और डराने वाला

आफ्टर पार्टी’ की जमीन भले सहस्राब्दी की है, कथा उपकरण हमें महान अकीरा कुरोसावा के 1950 के क्लासिक ‘राशोमन’ की याद दिला देते हैं। कुछ दोस्त एक पार्टी के बाद इकट्ठे होते हैं और अचानक यह देखकर कि उनके एक साथी की हत्या हो गई है, सदमे में चले जाते हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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नम्रता जोशी

बीते सप्ताह स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म्स पर ‘मर्डर’ सर्च के नतीजे चौंकानो वाले थे। मैं अक्सर ऐसा करती हूं। खासतौर से तब जब पूर सप्ताह नीरस और उबाऊ कंटेंट से सामना हुआ हो। ऐसे में एक रिलीफ की जरूरत होती है और यह इसका अच्छा जरिया है।

आमतौर पर मुर्दों से मुझे ज्यादा दिक्कत नहीं होती। निर्जीव शरीर मुझे निराशा नहीं करते। सोनी लिव पर चल रही ‘मैगपाई मर्डर’ के एलन कॉनवे भी नहीं। यह एंथनी होरोविट्ज के 2016 अपने ही उपन्यास का खुद का किया रूपातंरण है। दो अलग-अलग काल-अवधि में घटित हत्याओं की कहानियों के आपस में घालमेल का मामला है।

रहस्य-रोमाचं की दुनिया में बहेद सफल एलन कॉनवे के ए डिटर सुसान रीलडैं को उनके नए उपन्यास की पाडुंलिपि मिलती है जिसमें अंतिम अध्याय लापता है। इसे अब उन्हें पूरा करना है। अब हत्या की कहानी हो और अंत में हत्यारा के नाम न खुल तो क्या ही मजा आएगा! खासतौर से ऐसे समय में जब उसका प्रकाशक, यानी कंपनी अपना अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहा हो और इसमें उसकी सफलता की कुंजी बनने की संभावना दिखती हो।

यह 1955 की कहानी है। कॉनवे के निजी जासूस एटिकस पंड अपने जीवन के सबसे बड़े रहस्य से जूझ रहा है, और यह है ‘अपनी ही आसन्न मृत्यु का अहसास’। एक ट्यूमर ने जीवन का अंत इतना करीब ला दिया है जैसा उसने सोचा भी न था। वह तो सर मैग्नस पाई और उनकी घरेलू सहायिका मैरी ब्लैकिस्टोन की मौत की जाचं के लिए उनके गांव सैक्स्बी में है और यहीं उसे स्टेज 4 के कैंसर की जानकारी मिलती है।


अब ऐसे में क्या कॉनवे अपने प्रिय जासूस की ‘हत्या’ कर देंगे क्योंकि उन्हें अपनी पसंदीदा रचना के साथ पूरी दुनिया बल्कि दूसरी दुनिया में जाना है। लेकिन हमेशा वही नहीं होता जैसा आप चाहते हैं। अपने और अपने चरित्र की विदाई की योजना बनाने से पू र्व ही कॉनवे मतृ पाया जाता है। हालात बताते हैं कि सेफोक के अपन घर एबे ग्रेंज में एक टॉवर के ऊपर गिरने से उनकी मृत्यु हो जाती है। यह खुदकुशी थी, महज हादसा या फिर हत्या? मैगपाई मर्डर्स अपनी इन्हीं दो दुनियाओं के बीच तेजी लेकिन सहजता से चलती कहानी का नाम है।

कॉनवे आर्थर कानन डायल की तरह है जो खुद को गंभीरता से लिए जाने की तमन्ना रखते और अपने उपन्यासों को मिली अपार सफलता और उनसे अर्जित पूंजी से खुश नहीं थे। ऐसे में बड़ा सवाल आता है- ‘एक किताब क्यों मायने रखती है? इसका सिर्फ आनंद क्यों नहीं लिया जा सकता?’

मैगपाइ मर्डर्स या ऐसी ही कुछ क्राइम सीरिज पर यही बात लागू होती है। आखिर इन पर इतना गहन चिंतंन क्यों किया जाए? इन्हें सिर्फ उस मनोरंजन के लिए क्यों नहीं देखा जा सकता जो ये परोसते हैं? संभव है, कुछ लोग इन्हें हल्के-फुल्के अंदाज में खारिज कर दें। लेकिन उससे क्या?

चलिए, अब कुछ बेदाग किस्म की क्लासिक्स की बात कर लेते हैं: मिस मार्पल, हरक्यूल पायरट, शर्लक होम्स एक दर्शक के तौर पर आपके ग्रे एरिया को खोलते हैं और आपको आराम की ऐसी दुनिया में ले जाते हैं जहां एक अजब सी अनुभूति होती है। ये आपके तनाव को शांत करते हैं। आपके ऐसे समय में बहुत करीब होने का एक अहसास कराते हैं जब बहुत कुछ बिखरता हुआ सा लगता हो। हालांकि मैंने कई ओटीटी प्लेटफार्म खंगाले लेकिन ऐसा कुछ नहीं मिला। मजबूरन मार्पल, पॉयरट, मर्डर ऑन द ओरिएंट एक्सप्रेस, क्रुक्ड हाउस और नाइव्स आऊट की ओर जाना पड़ा है।


यहां प्रचुर मात्रा में अपराध की असली दुनिया या हॉरर जैसा बहुत कुछ है। ये निराश करते हैं, डराते हैं, बजाय इसके कि आपको जासूसी या रहस्य-रोमाचं की ऐसी दुनिया में ले जाएं जहां आपके जैसे सामान्य लोग हों! मैगपाइ मर्डर्स में सुसान रायलडैं (लेस्ली मैनविल यहां शानदार भूमिका में हैं) जैसा संपादक या हाल के दिनों में डिज़्नी प्लस हॉट स्टार पर ‘ओनली मर्डर्स इन द बिल्डिंग’ मेरी पसंदीदा फिल्में हैं।

यहां रिटायर होन के करीब पहुंच चुके अभिनेता स्टीव मार्टिन और ब्रॉडवे निर्देशक मार्टिन शॉर्ट युवा पड़ोसी सेलीना गोमेज के साथ मिलकर अपन अपार्टमेंट में हुई एक संदिग्ध मौत की जाचं करने निकलते हैं जिसे एक अस ली पॉडकास्ट में बदलने का इरादा है। यहां अभिनेताओं का परस्पर तालमेल कई बार अपराध की जमीन पर ऐसा हास्य उत्पन्न करता है कि आप एक झटके में सार एे पिसोड देख डालते हैं। कुछ शैलीगत प्रयोग भी हैं जहां एक पूर एे पिसोड में कोई संवाद नहीं मिलता और इसके लिए एक ऐसा चरित्र गढ़ा गया है जो सुन नहीं सकता।

हाल ही में ऐपल टीवी प्लस पर ‘आफ्टर पार्टी’ देखनी शुरू की। इसकी जमीन भले ही सहस्राब्दी की है, कथा उपकरण हमें महान अकीरा कुरोसावा के 1950 के क्लासिक ‘राशोमन’ की याद दिला देते हैं। हाई स्कूल के कुछ दोस्त एक पार्टी के बाद इकट्ठे होते हैं और अचानक यह देखकर कि उनके एक साथी की हत्या हो गई है, सदमे में चले जाते हैं। जासूस डैनर (टिफनी हैडिश) इसकी जाचं करता है। कुछ ऐसा होता है कि एपिसोड दर एपिसोड हत्या की एक नई गुत्थी सामन आती जाती है।

इतने अंतर्विरोध, एक-दूसरे से इतने अलगाव कि तानाबाना जोड़ना आसान नहीं। छह एपिसोड के बाद भी हत्या की गुत्थी अनसुलझी है और अभी दो एपिसोड बाकी हैं। कई अद्भुत अहसास हैं यहां। मुझे नॉर्डिक क्राइम सीरिज ‘टेकिंग लिव्स’, ‘द चेस्टनट मैन’, देखने की सलाह मिली। आयरिश सीरिज ‘सोफी ए मर्डर इन द वेस्ट कॉर्क’ भी देखनी है। सीरियल मर्डर को दुर्घटनाओं में बदल देने वाले ‘इंस्पेक्टर कू’ की भी एक अच्छे मनोरंजक के रूप में चर्चा है। सभी नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध हैं। नेटफ्लिक्स पर ही पोलिश फिल्म ‘इन फ़ॉर ए मर्डर’ में एक युवती की हत्या का मामला है और जब एक महिला उसे करीब से देखती है तो उसके गले का हार बहुत पहले खोई उसकी दोस्त वेरोनिका का निकलता है।


हत्या के खेल में जब राजनीति और व्यापार की हिस्सेदारी हो जाए तो बहुत कुछ संदिग्ध हो जाता है। लेकिन कई बार धीमी गति से चलने वाली शातं-संयत कहानी में हल्के-फुल्के मोड़, ट्रीटमेंट की कोमलता देखने के अनुभव को कुछ ऐसा बना देते हैं जैसा मैंने बचपन में दूरदर्शन पर जर्मन क्राइम शो ‘डेर अल्टे’ (द ओल्ड फ़ॉक्स) देखते हुए एक बच्चे के तौर पर महसूस किया था। दरअसल हल्के फुल्के ट्विस्ट और टर्न के साथ, सोच को सीमित रखकर क्यसबाजी की जगह छोड़ते हुए किसी फिल्म को आगे ले जाना किसी भी अपराध कथा को परोसने का सबसे बेहतर तरीका है।

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