Manoj Kumar Death: नहीं रहे दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार, 87 साल की उम्र में ली आखिरी सांस
24 जुलाई 1937 को जन्में मनोज कुमार ने देशभक्ति पर बनने वाली कई फिल्मों में एक्टिंग करने के साथ-साथ उन्हें डायरेक्ट भी किया था, जिनमें 'शहीद' (1965), 'उपकार' (1967), 'पूरब और पश्चिम' (1970), और 'रोटी कपड़ा और मकान' (1974) शामिल हैं।

भारतीय सिनेमा से बुरी खबर सामने आई है। जानकारी के मुताबिक सिनेमा के दिग्गज एक्टर और फिल्म डायरेक्टर मनोज कुमार का निधन हो गया है। दिग्गज एक्टर ने 87 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। मनोज कुमार का निधन मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल हुआ। मनोज कुमार को खासतौर पर उनकी देशभक्ति के लिए जाना जाता था। इसके अलावा उन्हें 'भारत कुमार' के नाम से भी जाना जाता है।
मनोज कुमार का जन्म 24 जुलाई 1937 में पाकिस्तान में हुआ था।उनका असली नाम हरिकृष्ण गिरी गोस्वामी था।मनोज कुमार एबटाबाद (अब पाकिस्तान) में पैदा हुए थे।देश के बंटवारे के वक्त उनका परिवार दिल्ली आ गया था।उन्होंने दिलीप कुमार की फिल्म शबनम में उनके किरदार मनोज कुमार के नाम पर अपना नाम रख लिया था।
24 जुलाई 1937 को जन्में मनोज कुमार ने देशभक्ति पर बनने वाली कई फिल्मों में एक्टिंग करने के साथ-साथ उन्हें डायरेक्ट भी किया था, जिनमें 'शहीद' (1965), 'उपकार' (1967), 'पूरब और पश्चिम' (1970), और 'रोटी कपड़ा और मकान' (1974) शामिल हैं।
फिल्ममेकर अशोक पंडित ने मनोज कुमार के निधन पर शोक जताया है।उन्होंने कहा- मनोज कुमार, दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड विनर, हमारे इंस्पिरेशन और इंडियन फिल्म इंडस्ट्री के शेर थे।वो अब हमारे बीच नहीं रहे।ये हमारी पूरी इंडस्ट्री के लिए बड़ा नुकसान है।हम उन्हें हमेशा याद रखेंगे।
भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए मनोज कुमार को 1992 में पद्मश्री और 2015 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। अपने काम से उन्होंने सभी का दिल जीता। अपनी देशभक्ति फिल्मों के अलावा, उन्होंने 'हरियाली और रास्ता', 'वो कौन थी', 'हिमालय की गोद में', 'दो बदन', 'पत्थर के सनम', 'नील कमल' और 'क्रांति' जैसी कई बेहतरीन फिल्मों में भी एक्टिंग की और उन्हें डायरेक्ट भी किया।
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