Exclusive: गुलाबी गेंद की सफलता से गदगद गांगुली, बोले- दिन-रात टेस्ट के दौरान विश्व कप फाइनल जैसे एहसास

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान के चेहरे पर इस मैच के आयोजन के प्रति संतुष्टि देखी जा सकती थी। चेहरे पर संतोष लाने के साथ ही गुलाबी गेंद टेस्ट मैच ने एक और काम किया और वो काम था गांगुली को 2001 में इसी मैदान पर आस्ट्रेलिया के साथ खेले गए ऐतिहासिक टेस्ट मैच की यादों को कुरेदने का, तब वह कप्तान थे।

फोटो: आईएएनएस
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भारत ने ऐतिहासिक ईडन गार्डन्स स्टेडियम में अपना पहला दिन-रात प्रारूप का टेस्ट मैच खेला। अगर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरभ गांगुली न होते तो भारत के लिए यह मुमकिन भी नहीं था। यह गांगुली का सपना था और इसे साकार करने के लिए उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। टेस्ट मैच के दूसरे दिन के अंतिम सत्र में गांगुली ने आईएएनएस से बात की और कहा कि इस मैच के दौरान विश्व कप फाइनल जैसी अनुभूति हुई।

पूर्व कप्तान ने कहा, "आप, आस-पास देखिए (प्रशंसकों को दिखाते हुए)। क्या आपने यह देखा है? आपने कब आखिरी टेस्ट मैच में इतने दर्शक देखे थे? ऐसा लग रहा है कि यह विश्व कप का फाइनल हो।"

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान के चेहरे पर इस मैच के आयोजन के प्रति संतुष्टि देखी जा सकती थी। चेहरे पर संतोष लाने के साथ ही गुलाबी गेंद टेस्ट मैच ने एक और काम किया और वो काम था गांगुली को 2001 में इसी मैदान पर आस्ट्रेलिया के साथ खेले गए ऐतिहासिक टेस्ट मैच की यादों को कुरेदने का, तब वह कप्तान थे।

उन्होंने कहा, “ओह! यह शानदार अहसास है। अच्छा महसूस होता है। अगर आप मुझसे पूछेंगे तो इसने मेरी 2001 के यादें ताजा कर दी हैं। इसी तरह टेस्ट क्रिकेट होनी चाहिए, खचाखच भरे स्टेडियम।”


राहुल द्रविड़ से जब दिन-रात टेस्ट मैच खेलने के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि वह इसे खेलना पसंद करते। द्रविड़ की यह बात गांगुली को खुशी देती है? इस पर गांगुली ने कहा, “यह उनका बड़प्पन। जब आपकी टीम के साथी आपकी तारीफ करते हैं तो यह निश्चित तौर पर अच्छा लगता है। यह बात उन्होंने कही है इसलिए यह विशेष है। मैं बेहद खुश हूं। हां, यह संतोषजनक अहसास है।”

क्या गांगुली भी गुलाबी गेंद के युग में होना मिस करते हैं?, “आप यह नहीं कह सकते क्योंकि हमारे समय में हमारे पास सब कुछ था। जब हम खेल रहे थे तब टी-20 आया ही था और अब देखिए यह किस तरह से आगे बढ़ रहा है और अब यह है। इसलिए आप इस तरह नहीं सोच सकते।”

गांगुली से जब पूछा गया कि क्या यहां से चीजें और बड़ी तथा बेहतर होंगी? इस पर गांगुली ने कहा, “भविष्य के बारे में बात करना जल्दबाजी होगा। हम सभी बैठेंगे और इस पर चर्चा करेंगे। लेकिन जरा सोचिए, अगर आपके पास इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया जैसी टीमें हैं और आप उनके साथ गुलाबी गेंद से खेल रहे हैं, सोचिए दर्शकों को क्या देखने को मिलेगा।”

गांगुली ने अपने जीवन में सचिन तेंदुलकर, द्रविड़, वीवीएस. लक्ष्मण जैसे विश्व क्रिकेट के सर्वकालिक महान बल्लेबाजों के साथ क्रिकेट खेली है। गांगुली जानते हैं कि महान बल्लेबाज कैसे होते हैं और वह इसी श्रेणी में मौजूदा कप्तान विराट कोहली को रखते हैं, जिन्होंने दिन-रात टेस्ट मैच में भारत की ओर से पहला शतक बनाया।


गांगुली ने कोहली के बारे में कहा, “वह बेहतरीन बल्लेबाज हैं। उन्होंने क्या शानदार पारी खेली है। मैं अपने जमाने में कई महान खिलाड़ियों के साथ खेला हूं और वह उस श्रेणी में आते हैं। उनकी निरतंरता सुकूनदायक है। वह रन मशीन हैं।”

भारत को अब सीधे अगले साल फरवरी में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेलनी है। भारत के न्यूजीलैंड के दौरे पर क्या गुलाबी गेंद से मैच देखने को मिल सकता है? इस पर गांगुली ने कहा, “अभी तक कुछ भी फैसला नहीं लिया गया है। न्यूजीलैंड सीरीज के लिए अभी हमारे पास समय है। देखते हैं।”

पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास को लेकर भी चर्चाएं जोरों पर हैं। एक ओर जहां चयनकर्ताओं ने बता दिया है कि वह धोनी की तरफ नहीं देख रहे हैं तो वहीं गांगुली ने कहा कि वह धोनी से बात करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “मैंने अभी तक धोनी से बात नहीं की है, देखते हैं क्या होता है।”

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