Ind vs Aus: पर्थ में 'फ्लॉप' रहे रोहित-कोहली, बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक बोले- ऑस्ट्रेलिया आने से पहले...

सितांशु कोटक के मुताबिक, पर्थ में मौसम की स्थिति बल्लेबाजों के लय हासिल करने में संघर्ष करने का एक प्रमुख कारण थी, जिसके कारण खिलाड़ियों को कई बार मैदान से बाहर जाना पड़ा।

बल्लेबाजी कोच ने कोहली और रोहित को सपोर्ट किया
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नवजीवन डेस्क

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे में भले ही रो-को मतलब रोहित शर्मा और विराट कोहली का बल्ला नहीं चला हो, लेकिन टीम इंडिया के बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक को पूरा भरोसा है कि आने वाले मैच में ये दोनों खिलाड़ी अपना जलवा जरूर बिखेरेंगे। कोटक का मानना है कि 'रो-को' ने सीरीज के लिए पूरी तैयारी की थी, लेकिन मौसम ने खेल बिगाड़ दिया।

मौसम ने मजा खराब किया

सितांशु कोटक के मुताबिक, पर्थ में मौसम की स्थिति बल्लेबाजों के लय हासिल करने में संघर्ष करने का एक प्रमुख कारण थी, जिसके कारण खिलाड़ियों को कई बार मैदान से बाहर जाना पड़ा।

विराट कोहली और रोहित शर्मा कई महीनों के बाद भारत के लिए बल्ला थामा था। चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के बाद दोनों का यह पहला मैच था। हालांकि रोहित और कोहली दोनों ही फैंस के उम्मीदों पर खरा नहीं उतरे। पर्थ में रोहित ने 14 गेंदों में 8 रन बनाए, जबकि विराट कोहली 8 गेंदों में खाता तक नहीं खोल सके।

बारिश से प्रभावित इस मैच में भारत को डकवर्थ लुईस नियम के आधार पर 7 विकेट से हार का सामना करना पड़ा।


सितांशु कोटक ने बुधवार को पत्रकारों से कहा, "रोहित-कोहली काफी अनुभवी हैं। मुझे लगता है कि मौसम की वजह से ऐसा हुआ। अगर ऑस्ट्रेलिया पहले बल्लेबाजी करने उतरता, तो भी स्थिति ऐसी ही होती। जब चार-पांच बार रुकावट आती है और हर दो ओवर में आप अंदर जाकर मैदान पर वापस आते हैं, तो यह आसान नहीं होता।"

ऑस्ट्रेलिया सीरीज के लिए रोहित और विराट पूरी तैयार

बल्लेबाजी कोच ने रोहित शर्मा और विराट कोहली को लेकर कहा, "ऑस्ट्रेलिया आने से पहले, उन्होंने पूरी तैयारी की थी। मुझे लगता है कि अभी उनके बारे में किसी तरह की राय बनाना जल्दबाजी होगी। उन्होंने अभी-अभी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया है। वे अभी भी आईपीएल खेल रहे हैं। हमें उनकी तैयारियों और उनकी फिटनेस की स्थिति के बारे में अच्छी तरह पता है। वे राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी भी जाते हैं। वे वहां क्या कर रहे हैं, जाहिर है, मैं उन्हें देखता हूं।


 उन्होंने कहा, "ऐसे वरिष्ठ खिलाड़ियों के साथ, अगर जरूरत न हो तो आप हस्तक्षेप नहीं करना चाहेंगे। अगर वे सही काम कर रहे हैं और आप फिर भी हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहे हैं, तो यह सही तरीका नहीं हो सकता। मुझे लगता है कि दोनों के पास काफी अनुभव है। ऑस्ट्रेलिया आने से पहले उनके पास तैयारी के लिए समय था और उन्होंने ऐसा किया भी।"

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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