T20 World Cup: बांग्लादेश ने कोहली पर लगाए गंभीर आरोप, नुरुल हसन का दावा- थ्रो करने का फेक...

भारत से पांच रन की हार के बाद बांग्लादेश के विकेटकीपर बल्लेबाज नुरुल हसन ने दावा किया है कि विराट कोहली ने फेक फील्डिंग की थी, जिसे मैदानी अंपायरों ने मिस कर दिया। अन्यथा बांग्लादेश को संभावित रूप से पांच पेनल्टी के रन मिल सकते थे।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

भारत से पांच रन की हार के बाद बांग्लादेश के विकेटकीपर बल्लेबाज नुरुल हसन ने दावा किया है कि विराट कोहली ने फेक फील्डिंग की थी, जिसे मैदानी अंपायरों ने मिस कर दिया। अन्यथा बांग्लादेश को संभावित रूप से पांच पेनल्टी के रन मिल सकते थे।

फेक फील्डिंग विवाद पर बहस

वहीं इस मामले पर बहस भी शुरू हो गई है। कई पूर्व क्रिकेटरों ने इस आरोप को लेकर सवाल उठाए हैं। पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने पूछा- क्या सच में हुई थी 'फर्जी फील्डिंग'?

यह घटना बांग्लादेश के रन चेज के दौरान सातवें ओवर में हुई, जब लिटन दास ने अक्षर की गेंद को डीप ऑफ साइड में खेला। जैसे ही अर्शदीप ने थ्रो किया, प्वाइंट पर खड़े कोहली ने अपने पास से जा रही गेंद पर नॉनस्ट्राइकर की ओर थ्रो करने का फेक फील्डिंग किया। इसपर उस समय मैदान में मौजूद किसी का ध्यान नहीं गया, मैदानी अंपायरों मरे इरासम और क्रिस ब्राउन ने कोई एक्शन नहीं लिया। बांग्लादेश के दोनों बल्लेबाजों ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया।

क्या है आईसीसी का रूल?

मैच के बाद पत्रकारों से बात करते हुए नुरुल ने इस घटना का जिक्र किया। नुरुल ने कहा, "हम सभी ने देखा कि यह एक गीला मैदान था। अंतत: जब हम इन चीजो के बारे में बात करते हैं, तो एक फेक थ्रो भी किया गया था। यह पांच रन का पेनल्टी हो सकता था। वह हमारे पक्ष में आ सकता था लेकिन दुर्भाग्य से यह भी अमल में नहीं आया।"

क्रिकेट का नियम 41.5 अनफेयर प्ले से संबंधित है। यह नियम जानबूझकर बल्लेबाज का ध्यान भटकाना, धोखा या रुकावट जैसी चीजों को प्रतिबंधित करती है। यदि किसी घटना को इस नियम के अनुसार उल्लंघन माना जाता है तो अंपायर उस गेंद को डेड बॉल घोषित कर सकता है और बल्लेबाजी टीम को पांच रन दे सकता है।


रिप्ले में देखा जा सकता है कि कोहली ने धोखा देने की कोशिश की, डीप से अर्शदीप का थ्रो जब उनके दाहिने हाथ की ओर से जा रहा था उसी क्षण उन्होंने सांकेतिक रिले थ्रो किया। समझा जाता है कि अंपायरों को निर्णय रीयल टाइम में लेने की जरूरत है। नियम बल्लेबाजों को धोखा देने के प्रयास को लेकर है, न कि उन्हें सचमुच धोखा दिए जाने को लेकर।

यह घटना उन तीन घटनाओं में से एक थी, जिसने बांग्लादेश पर भारत की करीबी जीत में अंपायरिंग को सुर्खियों में ला दिया। पहली घटना भारतीय पारी के दौरान 16वें ओवर में हुई, जब कोहली का मानना था कि हसन महमूद ने अपने ओवर में दो बाउंसर फेंके हैं। छोटी गेंद को पुल करने के प्रयास में चूकने के बाद उन्होंने स्क्वेयर लेग अंपायर मरे इरासमस की ओर नो-बॉल का इशारा किया।

इरासमस ने इसे नो-बॉल माना। इसके बाद कोहली और शाकिब अल हसन के बीच 90 सेकेंड तक बातचीत हुई। फिर दोनों खिलाड़ियों ने एक दूसरे को गले लगाया और अपने-अपने जगह चले गए।

दूसरी घटना तब हुई जब बारिश के ब्रेक के बाद अंपायरों ने खेल फिर से शुरू करने को लेकर डगआउट के पास शाकिब से संपर्क किया, उस समय बांग्लादेश बिना किसी नुकसान के 66 रन बनाकर डीएलएस के अनुसार 17 रन से आगे था।


मैच अधिकारियों से बातचीत करने से पहले शाकिब ने गीली आउटफील्ड का सैंपल लिया। रोहित शर्मा भी चर्चा में शामिल हुए, लेकिन शाकिब की भावभंगिमा ने व्यक्त किया कि वह परिस्थितियों से संतुष्ट नहीं थे। मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में शाकिब ने इस मामले पर विस्तार से नहीं बताया।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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