उत्तर प्रदेश: व्यापारी को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोपी फरार पुलिस एसपी और कांस्टेबिल पर 25 हजार का ईनाम घोषित

उत्तर प्रदेश में एक व्यापारी को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले पुलिस अधीक्षक और एक कांस्टेबिल फरार हो गए हैं। इन पर 25 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया गया है। इन दोनों ने व्यापारी से 6 लाख की रिश्वत मांगी थी औ न देने पर जान से मारने की धमकी दी थी।

फोटो : आईएएनएस
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आईएएनएस

उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक व्यवसायी को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में फरार चल रहे निलंबित पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार और बर्खास्त कांस्टेबल अरुण यादव पर 25,000 रुपये का इनाम घोषित किया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (इलाहाबाद जोन) प्रेम प्रकाश ने कहा कि पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए उनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।

पत्थर व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी (44) 8 सितंबर को अपनी कार में गोली लगने से लहूलुहान हालत में मिले थे। 13 सितंबर को एक अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई। उन्होंने महोबा के तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था, जिसके बाद ये घटना हुई।

त्रिपाठी के भाई ने आरोप लगाया था कि पाटीदार ने व्यवसायी से रिश्वत में 6 लाख रुपये की मांग की थी और राशि का भुगतान न करने पर उसे जान से मारने या झूठे आरोपों में फंसाने की धमकी दी थी। आरोपों की जांच के लिए गठित एसआईटी ने निष्कर्ष निकाला कि त्रिपाठी ने आत्महत्या की थी। पुलिस ने कहा कि यह पाया गया कि उनकी लाइसेंसी पिस्तौल से निकली गोली उनकी गर्दन में लगी थी।


घटना के तुरंत बाद पाटीदार को निलंबित कर दिया गया और उसकी संपत्ति की जांच के आदेश दिए गए। एडीजी ने कहा कि बर्खास्त एसएचओ देवेंद्र शुक्ला को 25 नवंबर को मामले में गिरफ्तार किया गया था। शुक्ला घटना के बाद फरार चल रहे थे। शुक्ला की सेवाओं को पिछले महीने समाप्त कर दिया गया था क्योंकि विशेष जांच टीम ने उन्हें भ्रष्टाचार और आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी पाया था।

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