पहलगाम आतंकी हमले के नाम पर 70 लाख रुपये की ठगी, अपराधियों ने बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर ऐसे दिया घटना को अंजाम
ठगों ने आरबीआई के फर्जी नियमों का हवाला देकर कहा कि पीड़ित के पैसे को "व्हाइट मनी" प्रमाणित करना होगा। इस झांसे में आकर पीड़ित ने तीन अलग-अलग खातों में 70 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। ठगों ने व्हाट्सऐप पर फर्जी आरबीआई पावती भी भेजी।

मुंबई के परेल इलाके में एक सनसनीखेज डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। ठगों ने 73 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक और आदित्य बिड़ला ग्रुप के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर को निशाना बनाया।
ठगों ने दावा किया कि कश्मीर के पहलगाम में हुए कथित आतंकी हमले की जांच में पीड़ित का नाम सामने आया है। इस झूठे आरोप और गिरफ्तारी के डर से पीड़ित ने अपनी जीवनभर की कमाई में से 70 लाख रुपये ठगों के खातों में ट्रांसफर कर दिए।
मुंबई के आरएके मार्ग पुलिस स्टेशन ने तीन अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 204, 205, 308(2), 308(3), 318(2), 319(2), 336(2), 340(2), 3(5) और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार, पीड़ित को एक महिला का फोन आया, जिसने खुद को दिल्ली के एटीएस कंट्रोल रूम की अधिकारी विनीता शर्मा बताया। उसने दावा किया कि पीड़ित के मोबाइल नंबर और आधार कार्ड का इस्तेमाल संदिग्ध गतिविधियों में हुआ है। इसके बाद एक वीडियो कॉल पर खुद को आईजी प्रेमकुमार गौतम बताने वाला व्यक्ति पुलिस वर्दी में दिखा। उसने पीड़ित को गिरफ्तारी, बैंक खाता सीज करने और पासपोर्ट ब्लॉक करने की धमकी दी। ठगों ने पीड़ित से उनकी राजनीतिक विचारधारा, आय, बैंक खातों, फिक्स्ड डिपॉजिट, स्टॉक होल्डिंग्स और पत्नी की जानकारी हासिल की।
ठगों ने आरबीआई के फर्जी नियमों का हवाला देकर कहा कि पीड़ित के पैसे को "व्हाइट मनी" प्रमाणित करना होगा। इस झांसे में आकर पीड़ित ने तीन अलग-अलग खातों में 70 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। ठगों ने व्हाट्सऐप पर फर्जी आरबीआई पावती भी भेजी।
साथ ही, पीड़ित के मोबाइल, उनकी पत्नी के फोन और घर के कंप्यूटर को निगरानी में रखने की बात कहकर बंद करवा दिया और किसी से संपर्क न करने का निर्देश दिया। इससे पीड़ित मानसिक तनाव में आ गए।
28 सितंबर को ठगों ने 1 करोड़ की फिक्स्ड डिपॉजिट ट्रांसफर करने का दबाव बनाया। तब पीड़ित को ठगी का शक हुआ और उन्होंने आरएके मार्ग पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की। मुंबई साइबर क्राइम विभाग ने मामले को गंभीरता से लिया है। पुलिस ने ठगों के व्हाट्सएप संदेश, ऑडियो रिकॉर्डिंग और बैंक विवरण जब्त कर लिए हैं। साइबर ट्रेल और बैंक खातों के जरिए आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए जांच तेज कर दी गई है।
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