कंझावला कांड में पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज, PCR, चौकी पर तैनात अफसर-जवान सस्पेंड, जांच अधिकारी को नोटिस

सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने कंझावला घटना पर दिल्ली पुलिस की वरिष्ठ अधिकारी शालिनी सिंह की रिपोर्ट पर यह कार्रवाई की है। रिपोर्ट के आधार पर मंत्रायल ने डीसीपी को भी तलब करने और जांच अधिकारी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

राजधानी दिल्ली के कंझावाला केस में गृह मंत्रालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए वारदात के समय इलाके में तैनात 3 पीसीआर गाड़ियों और दो पुलिस चौकी पर तैनात पुलिस वालों को तत्काल सस्पेंड करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही मंत्रायल ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को घटना की जांच में कमी को देखते हुए जांच अधिकारी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए है। साथ ही मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को मामले में जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल कर अपराधियों को सजा दिलाने का निर्देश दिया है।

सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने कंझावला घटना पर दिल्ली पुलिस की वरिष्ठ अधिकारी शालिनी सिंह की रिपोर्ट पर यह कार्रवाई की है। रिपोर्ट के आधार पर मंत्रायल ने डीसीपी को भी तलब करने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने कहा है कि इलाके के डीसीपी स्पष्टीकरण दें कि जिस वक्त वारदात हुई, उस वक्त इलाके में कानून व्यवस्था के क्या इंतजाम थे और उचित जवाब नहीं मिलने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।


केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अन्य निर्देश में कहा है कि वारदात की जगह के आसपास के इलाकों में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की जाए। गृह मंत्रालय ने संबंधित विभाग से यह भी कहा है कि दिल्ली के सुनसान इलाकों में और बाहरी दिल्ली के कई इलाकों में सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल किए जाएं।

नए साल के पहले दिन दिल्ली के साथ पूरे देश को दहला देने वाले कंझावला कांड के बाद गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी थी। गृह मंत्रालय के आदेश पर दिल्ली पुलिस आयुक्त ने वरिष्ठ अधिकारी शालिनी सिंह को रिपोर्ट तैयार करने को कहा था। शालिनी सिंह ने सभी पक्षों से बात कर और इलाके का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार कर गृह मंत्रालय को सौंप दी थी, जिस पर आज यह महत्वपूर्ण आदेश आया है।

बता दें कि दिल्ली के कंझावला इलाके में 1 जनवरी को तड़के अंजलि की लाश नंगी हालत में सड़क पर मिली थी। उसकी स्कूटी के कार से टकराने के बाद वह कार के नीचे फंस गई थी, लेकिन रुकने की बजाय कार उसे दिल्ली की सड़कों पर 12 किलोमीटर तक घसीटती रही थी। चौंकाने वाली बात ये है कि ये सब न्यू ईयर पर पुख्ता सुरक्षा के दिल्ली पुलिस के दावों के बीच हुआ। पुलिस ने इस मामले में सात आरोपियों आशुतोष, अंकुश खन्ना, दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण, मिथुन और मनोज मित्तल को गिरफ्तार किया है। अंकुश को कोर्ट ने जमानत दे दी है और बाकी सभी अभी हिरासत में हैं।

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