छत्तीसगढ़ के सुकमा में बारूदी सुरंग विस्फोट में एएसपी की मौत, दो अधिकारी गंभीर रूप से घायल
विस्फोट में गिरपुंजे के दोनों पैर कट गए और डीएसपी और थाना प्रभारी भी घायल हो गए। विस्फोट के बाद एएसपी होश में आए और उन्होंने जवानों से घटना की जानकारी सुकमा के एसपी को देने के लिए कहा। एएसपी ने इस दौरान अपने लिए खून की व्यवस्था करने के लिए भी कहा।

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सोमवार को नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर बम में विस्फोट होने से एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश राव गिरपुंजे की मौत हो गई और दो अन्य पुलिस अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक राज्य में पिछले 14 वर्ष में यह पहली बार है जब किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की मौत नक्सली घटना में हुई है। यहां पिछले डेढ़ वर्ष से माओवादियों के खिलाफ लड़ाई तेज हो गई है।
अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस अधिकारी आकाश राव गिरपुंजे, कोंटा के उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) भानुप्रताप चंद्राकर और निरीक्षक (थाना प्रभारी कोंटा) सोनल ग्वाला, जिले के कोंटा क्षेत्र में मिट्टी को हटाने की एक मशीन को नक्सलियों द्वारा आग लगाने की सूचना पर आज सुबह जवानों के साथ पैदल मौके पर जा रहे थे। इसी दौरान कोंटा-एर्राबोर मार्ग पर डोंड्रा गांव के पास नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर बम (बारूदी सुरंग) में विस्फोट हुआ, जिससे एएसपी आकाश राव गिरपुंजे, चंद्राकर और ग्वाला घायल हो गए।
उन्होंने बताया कि तीनों घायल पुलिसकर्मियों को प्रारंभिक उपचार के लिए कोंटा अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान गिरपुंजे ने दम तोड़ दिया। बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया, ''विस्फोट की सीधी चपेट में आने से गिरपुंजे को गंभीर चोटें आईं और उनके पैर कट गए। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।''
गिरपुंजे के साथ मौजूद एक पुलिस जवान ने बताया कि जिस ठेकेदार की मशीन को रविवार रात नक्सलियों ने जला दिया था, उसने आज सुबह एएसपी से संपर्क किया था। इस दौरान गिरपुंजे कोंटा स्थित अपने सरकारी आवास पर थे और जिम जाने की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद एएसपी ने अपने अधीनस्थों को बुलाया और कोंटा से करीब चार किलोमीटर दूर सुकमा जिला मुख्यालय की ओर स्थित घटनास्थल जाने का फैसला किया।
जली हुई मिट्टी हटाने की मशीन राष्ट्रीय राजमार्ग-30 से करीब एक किलोमीटर अंदर पत्थर की खदान में खड़ी थी। मुख्य मार्ग तक वाहनों से पहुंचने के बाद पुलिस अधिकारी पैदल ही घटनास्थल पर गए। जवान ने बताया कि जब गिरपुंजे मशीन के करीब गए तो बारूदी सुरंग में विस्फोट हो गया। उन्होंने बताया कि विस्फोट में गिरपुंजे के दोनों पैर कट गए तथा डीएसपी और थाना प्रभारी भी घायल हो गए। जवान ने बताया कि विस्फोट के बाद एएसपी होश में आए और उन्होंने वहां मौजूद जवानों से घटना की जानकारी तत्काल सुकमा के पुलिस अधीक्षक को देने के लिए कहा। एएसपी ने इस दौरान अपने लिए खून की व्यवस्था करने के लिए भी कहा।
रायपुर जिले के निवासी 42 वर्षीय एएसपी गिरपुंजे 2013 में पुलिस उप अधीक्षक के पद पर भर्ती हुए थे। वे पिछले वर्ष मार्च से कोंटा में एएसपी के पद पर कार्यरत थे। अधिकारी ने बताया कि गिरपुंजे छत्तीसगढ़ पुलिस के सबसे बहादुर जवानों में से एक थे जिन्होंने सुकमा से पहले मानपुर-मोहला, कांकेर जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों में सेवाएं दी थी। उन्होंने बताया कि गिरपुंजे ने रायपुर, महासमुंद और दुर्ग में भी अपनी सेवाएं दी हैं।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दो अन्य घायल पुलिस अधिकारियों की हालत खतरे से बाहर बताई गई है और उन्हें आगे की चिकित्सा के लिए रायपुर ले जाया गया है। उन्होंने बताया कि गिरपुंजे का पार्थिव शरीर रायपुर लाया गया है और उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को किया जाएगा।
राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ''सुकमा जिले के कोंटा में नक्सलियों द्वारा किये गये परिष्कृत विस्फोटक उपकरण (आईईडी) में विस्फोट में एएसपी आकाश राव गिरपुंजे के बलिदान की सूचना मिली जो अत्यंत दुखद है। मैं उनके बलिदान को नमन करता हूं। इस कायरतापूर्ण हमले में कुछ अन्य अधिकारी व जवानों के भी घायल होने की खबर है। अधिकारियों को घायलों के समुचित इलाज हेतु निर्देश दिए हैं।''
राज्य में पिछले 14 वर्ष में यह पहली बार है कि जब नक्सली घटना में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी की मृत्यु हुई है। इससे पहले मई 2011 में, छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में नक्सलियों ने विस्फोट कर एक ट्रैक्टर को उड़ा दिया था। इस घटना में जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश पवार और आठ अन्य पुलिसकर्मी मारे गए थे। वहीं 12 जुलाई 2009 को अविभाजित राजनांदगांव जिले के मानपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत मदनवाड़ा इलाके में हुए नक्सली हमले में राजनांदगांव जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (एसपी) विनोद कुमार चौबे सहित 29 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia