महरौली हत्याकांड में बड़ा खुलासा, मई में चाकू के घाव का इलाज कराने डॉक्टर के पास गया था आफताब

डॉक्टर ने कहा कि वह बहुत साहसी और आत्मविश्वासी था और मुझसे लगातार अंग्रेजी में बात करता रहा। उसने मुझे यहां तक कहा कि वह मुंबई से है और आईटी क्षेत्र में एक मौका तलाशने के लिए यहां आया है।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

दक्षिणी दिल्ली के छत्तरपुर इलाके के एपेक्स अस्पताल के एक डॉक्टर ने खुलासा किया है कि जिस आफताब अमीन पूनावाला (28) को कथित तौर पर अपनी लिव-इन पार्टनर की हत्या करने और उसके शरीर को 35 टुकड़ों में काटने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, वह मई में अपने दाहिने हाथ पर चाकू से हुए एक घाव के इलाज के लिए उनके पास गया था। युवती की हत्या उसी महीने की गई थी।

जांच से जुड़े पुलिस अधिकारियों को संदेह है कि उनकी प्रेमिका श्रद्धा वॉकर (27) के शरीर को काटते समय उनके हाथ पर चाकू का घाव हुआ होगा। एपेक्स अस्पताल आरोपी के घर से करीब है। डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि मई में आफताब के दाहिने हाथ में कटे का घाव होने के कारण वह सुबह में अस्पताल आया था। अनिल कुमार ने कहा, "घाव गहरा नहीं था और हाथ की अंडरलाइन संरचना बरकरार थी। जब मैंने उससे पूछा कि कैसे कट गया, तो उसने बताया कि फल काटते समय चाकू लग गया। मुझे उस पर संदेह नहीं हुआ था, क्योंकि उसने जो दिखाया, वह एक छोटा साफ चाकू था।"

अनिल कुमार ने कहा, "पुलिस दो दिन पहले आफताब पूनावाला के साथ यहां आई थी। पुलिस ने मुझसे पूछा कि क्या मैंने उसका इलाज किया है, जिस पर मैंने हां कहा। मैंने याद किया कि जब वह इलाज के लिए आया था तो उसका स्वभाव आक्रामक लगा था और उसके अंदर की बेचैनी उसके चेहरे से झलक रही थी।" डॉक्टर ने कहा, "वह बहुत साहसी और आत्मविश्वासी था और मुझसे लगातार अंग्रेजी में बात करता रहा। उसने मुझे यहां तक कहा कि वह मुंबई से है और आईटी क्षेत्र में एक मौका तलाशने के लिए यहां आया है।"


पुलिस ने बताया कि 18 मई को शव के टुकड़े करने के बाद आरोपी ने अगले दिन एक बड़ी भंडारण क्षमता वाला नया रेफ्रिजरेटर खरीदा और टुकड़ों को उसमें जमा कर दिया। बदबू से बचने के लिए वह अपने घर में अगरबत्तियां जलाता रहा। आफताब कथित तौर पर अमेरिकी अपराध शो 'डेक्सटर' से प्रेरित था, जो एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बताता है जो दोहरी जिंदगी जीता है।

सूत्रों के मुताबिक, प्रशिक्षित शेफ होने के नाते आरोपी चाकू का इस्तेमाल करने में माहिर था। हालांकि अभी तक हत्या में इस्तेमाल किया गया हथियार बरामद नहीं हुआ है। उसने 18 दिनों की अवधि में युवती के शरीर के टुकड़ों को विभिन्न स्थानों पर फेंका था। शक से बचने के लिए वह रात करीब 2 बजे पॉलीबैग में शव के टुकड़ों को रखकर घर से निकल जाता था। मामला 8 नवंबर को तब सामने आया, जब पीड़िता के पिता महाराष्ट्र के पालघर से एक पुलिस टीम के साथ महरौली पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराने आए।

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