जासूसी मामले में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को बड़ा झटका, कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की

पता चला है कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिवसीय सैन्य संघर्ष के दौरान ज्योति पाकिस्तानी अधिकारी दानिश के संपर्क में थीं। जांच के दौरान पुलिस को ज्योति के लैपटॉप और मोबाइल से डिलीट की गई चैट मिली है।

जासूसी मामले में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को बड़ा झटका, कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की
जासूसी मामले में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को बड़ा झटका, कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की
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नवजीवन डेस्क

पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोपों में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को बड़ा झटका लगा है। हरियाणा के हिसार जिले की एक अदालत ने बुधवार को ज्योति की जमानत याचिका को खारिज कर दी। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए फिलहाल उन्हें जमानत देने से इनकार किया है। ज्योति को जासूसी के संदेह में पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था। ज्योति के अधिवक्ता ने इसकी जानकारी दी।

न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) सुनील कुमार ने ज्योति के अधिवक्ता कुमार मुकेश के माध्यम से दायर आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई की। पुलिस ने जमानत याचिका का विरोध किया और दलील दी कि मामले की जांच चल रही है। वकील मुकेश ने कहा कि अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ज्योति की जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने 9 जून को ज्योति की न्यायिक हिरासत अवधि बढ़ा दी थी और अदालत अब उसके मामले की सुनवाई 23 जून को करेगी। ज्योति (33) वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश हुईं।


हिसार पुलिस ने 16 मई को जासूसी के संदेह में यूट्यूबर जयोति ​​को गिरफ्तार किया था और बाद में अदालत ने उसे पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। रिमांड की अवधि पूरी होने और पुलिस के पूछताछ करने के बाद अदालत ने हिरासत की अवधि चार दिन और बढ़ा दी। 26 मई को अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वह उन 12 लोगों में शामिल थीं, जिन्हें जासूसी के संदेह में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था।

हिसार की रहने वाली ज्योति ​​एक यूट्यूब चैनल ‘‘ट्रैवल विद जेओ’ चलाती थीं। उन्हें न्यू अग्रसेन एक्सटेंशन से गिरफ्तार किया गया और शासकीय गोपनीयता अधिनियम एवं भारतीय न्याय संहिता के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया। हिसार पुलिस ने पहले कहा था कि ज्योति ​​के पास किसी भी सैन्य या रक्षा संबंधी जानकारी तक पहुंच होने का कोई साक्ष्य नहीं मिला है, लेकिन दावा किया कि वह कुछ लोगों के संपर्क में थी और जानती थी कि वे पाकिस्तानी खुफिया ऑपरेटिव (पीआईओ) हैं।


पुलिस सूत्रों ने पहले कहा था कि वह नवंबर 2023 से पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ ​​दानिश के संपर्क में थी। भारत ने कथित तौर पर जासूसी में लिप्त होने के कारण 13 मई को दानिश को निष्कासित कर दिया था। पुलिस ने दावा किया है कि पाकिस्तानी खुफिया ऑपरेटिव ज्योति ​​को अपने एक सूत्र के तौर पर बढ़ावा दे रहे थे।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), खुफिया ब्यूरो और सैन्य खुफिया अधिकारियों ने भी मल्होत्रा से पूछताछ की है। जांच से पता चला है कि वह पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और कुछ अन्य देशों में गई थीं। यह भी बताया गया कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिवसीय सैन्य संघर्ष के दौरान वह दानिश के संपर्क में थीं। जांच के दौरान पुलिस को ज्योति के लैपटॉप और मोबाइल से डिलीट की गई चैट मिली है। इससे पहले पुलिस ने उसके तीन मोबाइल फोन और एक लैपटॉप को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा था। मल्होत्रा के बैंक खातों की भी जांच की जा रही है।

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