अतीक-अशरफ हत्याकांड में चार्जशीट फाइल, कोर्ट ने तीनों आरोपियों को किया तलब, कल होगी पेशी

इसी साल 15 अप्रैल की शाम शूटर लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य ने प्रयागराज के कालविन अस्पताल परिसर में अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस की मौजूदगी में गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस अतीक और अशरफ को मेडिकल के लिए अस्पताल लेकर गई थी।

अतीक-अशरफ हत्याकांड में चार्जशीट फाइल, कोर्ट ने तीनों आरोपियों को कल तलब किया
अतीक-अशरफ हत्याकांड में चार्जशीट फाइल, कोर्ट ने तीनों आरोपियों को कल तलब किया
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नवजीवन डेस्क

देश के साथ पूरी दुनिया में उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाने वाले माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले की जांच कर रही एसआइटी ने गुरुवार को प्रयागराज के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। पुलिस के आरोप पत्र का संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार गौतम ने तीनों आरोपियों को 14 जुलाई को न्यायालय में हाजिर होने का आदेश दिया है। तीनों आरोपी इस समय न्यायिक हिरासत में हैं, जिसकी अवधि 14 जुलाई को ही समाप्त हो रही है।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पुलिस की ओर से पेश 56 पेज के आरोप पत्र, उसके साथ पेश 2000 पन्नों की केस डायरी, प्रथम सूचना रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, फोटो और अन्य सभी कागजात का अवलोकन किया और उसके पशचात कहा कि अपराध का संज्ञान लिए जाने के लिए पर्याप्त आधार उपलब्ध हैं, लिहाजा कोर्ट कांड का संज्ञान लेती है। साथ ही सीजीएम ने सभी आरोपियों को 14 जुलाई को न्यायालय के समक्ष पेश करने का भी आदेश दिया ताकि उन्हें अभियोजन पत्र की नकल दी जा सके और मामला आगे की सुनवाई के सत्र न्यायालय को भेजा जा सके।


यूपी पुलिस की एसआईटी ने तीनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 307, 34, 120बी, 419, 420, 467, 468, 471 और आर्म्स एक्ट की धारा 3, 7 और 25 औऱ क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट की धारा 7 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है। करीब 56 पेज की चार्जशीट में एसआईटी ने कहा है कि अतीक-अशरफ हत्याकांड के तीनों आरोपी लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्या घटनास्थल पर ही पकड़े गए थे। तीनों के खिलाफ मामले की विवेचना के दौरान पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं, इसलिए सबूत तलब करके तीनों को दंडित करने की कृपा करें।

इसी साल 15 अप्रैल को प्रयागराज के काल्विन हॉस्पिटल में पुलिस कस्टडी में मेडिकल जांच के लिए लाए गए अतीक अहमद और अशरफ की हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी थी। दोनों की हत्या के बाद तीनों आरोपियों लवलेश तिवारी, सोनू और अरुण मौर्या ने धार्मिक नारे लगाते हुए खुद को पुलिस के हवाले कर दिया था। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में हुए इस हत्याकांड से उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस पर गंभीर सवाल खड़े हो गए थे।

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