पत्रकार सौम्या विश्वनाथन हत्याकांड में दिल्ली की अदालत ने 5 को दोषी ठहराया, 26 अक्टूबर को सजा का होगा एलान

सौम्या विश्वनाथन 30 सितंबर 2008 को देर रात अपनी कार से घर लौट रही थीं, उसी दौरान उनकी नेल्सन मंडेला मार्ग पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। चार आरोपियों रवि कपूर, अमित शुक्ला, अजय कुमार और बलजीत मलिक को हत्या के लिए गिरफ्तार किया गया था।

पत्रकार सौम्या विश्वनाथन हत्याकांड में दिल्ली की अदालत ने 5 को दोषी ठहराया
पत्रकार सौम्या विश्वनाथन हत्याकांड में दिल्ली की अदालत ने 5 को दोषी ठहराया
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नवजीवन डेस्क

दिल्ली की एक अदालत ने 2008 में टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के मामले में बुधवार को चार आरोपियों को मकोका प्रावधानों के तहत और एक को चोरी की संपत्ति प्राप्त करने में मदद करने के लिए दोषी ठहराया है। पांचों आरोपियों की सजा के लिए 26 अक्टूबर की तारीख तय की गई है।

साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र कुमार पांडे ने 13 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रखने के बाद आज फैसला सुनाया है। चार आरोपियों रवि कपूर, अमित शुक्ला, अजय कुमार और बलजीत मलिक को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) प्रावधानों के तहत और अजय सेठी को चोरी की संपत्ति प्राप्त करने के लिए दोषी ठहराया गया है।

सभी को सजा सुनाने के लिए 26 अक्टूबर की तारीख तय की गई है। 13 अक्टूबर को न्यायाधीश ने अतिरिक्त दलीलों या स्पष्टीकरण के लिए समय दिया था क्योंकि बचाव और अभियोजन दोनों ने इस महीने की शुरुआत में अपनी दलीलें पूरी कर ली थीं। अदालत ने फैसला सुनाए जाने के समय सभी आरोपियों को अदालत में उपस्थित रहने का भी निर्देश दिया था।


गौरतलब है कि 30 सितंबर 2008 को सौम्या विश्वनाथन देर रात अपनी कार से घर लौट रही थीं, उसी दौरान उनकी नेल्सन मंडेला मार्ग पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरोपियों को हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था और वे मार्च 2009 से हिरासत में हैं। पुलिस ने हत्या का कारण डकैती बताया था और आरोपियों पर कठोर महाराष्ट्र संगठित अपराध रोकथाम अधिनियम (मकोका) लगाया था।

बलजीत मलिक और दो अन्य आरोपी रवि कपूर और अमित शुक्ला को 2009 में आईटी पेशेवर जिगिशा घोष हत्या मामले में दोषी ठहराया जा चुका है। घोष की हत्या में ट्रायल कोर्ट ने रवि कपूर, शुक्ला को मौत की सजा सुनाई थी और मलिक को आजीवन कारावास की सजा दी थी।इसके बाद, अगले साल हाईकोर्ट ने घोष की हत्या के मामले में मलिक की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखते हुए रवि कपूर और शुक्ला की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था।

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