मेरठ एनकाउंटर: लाखों के इनामी बदमाश के पैर में और बेकसूर के सिर में गोली मारती है उत्तर प्रदेश पुलिस 

सोमवार सुबह तीन बजे मेरठ में एक कथित एनकाउंटर में 20 साल के एक युवक की सिर में गोली लगने से मौत हो गई। युवक का नाम इरशाद है, और उसके खिलाफ कहीं कोई मुक़दमा दर्ज नहीं है। वहीं मेरठ पुलिस की दो ईनामी बदमाशों के साथ भी मुठभेड़ हुई, लेकिन दोनों के पैर में गोली लगी है।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश की मेरठ पुलिस की एनकाउंटर कहानी पर सवाल खड़े होने लगे हैं। सोमवार तड़के मेरठ पुलिस ने कथित गौ तस्कर बता एक युवक का एनकाउंटर कर दिया। एनकाउंटर में इरशाद नाम के युवक के सिर में गोली लगी और उसकी मौत हो गई। लेकिन सोमवार को ही मेरठ पुलिस ने दो और एनकाउंटर किए। इनमें पुलिस की झड़प लाखों के इनामी बदमाशों से हुई। लेकिन रोचक तथ्य यह है कि इन दोनों ही एनकाउंटर में गोली बदमाशों के पैर में लगी है।

जिस युवक के सिर में गोली लगी है उसका नाम इरशाद है और वह मुजफ़्फ़रनगर के रतनपुरी गांव का रहना वाला है। उसके खिलाफ कहीं कोई मुक़दमा दर्ज नहीं है। पुलिस ने जो कहानी बताई है उसके मुताबिक पुलिस को सूचना मिली कि कुछ गौ तस्कर एक सांड चोरी करके भाग रहे हैं। पुलिस ने पीछा किया तो सरधना थाना क्षेत्र के सलावा गांव के पास पुलिस पर बदमाशों ने फायरिंग कर दी। जवाबी फायरिंग में एक युवक को सिर में गोली लगी। जांच में पता चला कि मारे गए युवक का नाम इरशाद है।

पुलिस की कहानी को इरशाद के पिता दिलशाद ने सिरे से ख़ारिज कर दिया दिलशाद का कहना है कि मेरे पुत्र का 'नाम' उसकी हत्या की वजह बना है उसके और मेरे परिवार का किसी सदस्य के खिलाफ कहीं भी कोई मुक़दमा दर्ज नही है। वो रात में खेत पर पानी चलाने गया था। वो ट्रक चलाने का काम करता है। दो दिन से उसका ट्रक ख़राब है, इसलिए वो घर पर ही था। एक पत्रकार ने मुठभेड़ स्थल का जो वीडियो पोस्ट किया है, उसमें नजर आ रहा है कि जिस ट्र में सांड चोरी की बात की जा रही है, उसमें एक से अधिक पशु हैं।

इस कथित मुठभेड़ में सलावा चौकी प्रभारी ओमप्रकाश आर्य के भी हाथ में गोली लगी है। उत्तर प्रदेश में पुलिसकर्मियों के घायल होने के ट्रेंड के मुताबिक ही इस बार भी गोली उनके हाथ को छूकर निकल गई।

मृतक के परिजनों ने इस मुठभेड़ को पूरी तरह फ़र्ज़ी बताया है। मृतक सरधना के सलावा क्षेत्र में कैसे पहुंच गया, इसकी कोई जानकारी नहीं है। सवाल इसलिए भी खड़े हो रहे हैं कि मृतक के अलावा पुलिस उसके किसी साथी को गिरफ्तार नहीं कर सकी। घटना का कोई चश्मदीद नहीं है। मृतक के पिता दिलशाद का कहना है कि पहले पुलिस ने बताया कि उनके बेटे को सांड चोरी के आरोप में पकड़ा गया है, बाद में बताया कि उसकी मौत हो गई है।

एक स्थानीय पत्रकार ने पुलिस की कहानी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि मेरठ पुलिस ने जिन इनामी बदमाशों को पकड़ने का दावा किया है, उनके तो सिर्फ पैर में गोली लगी है, जबकि जिस युवक का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, उसके सिर में गोली लगी। यह कोई संयोग नहीं हो सकता।

मेरठ के एसएसपी अखिलेश कुमार का दावा है कि एक महेंद्र पिकअप गाड़ी में गौ तस्कर सांड चोरी करके ले जा रहे थे। गौ तस्करों ने पुलिस टीम पर गोली चलाई, जिसमें एक दारोगा के हाथ में गोली लगी। जवाबी फायरिंग में एक गौ तस्कर के सिर में गोली लगी और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस उसका रिकॉर्ड तलाश रही है। मृतक इरशाद मुजफ़्फ़रनगर के रतनपुरी थानाक्षेत्र के रियावाली नगला गांव का रहने वाला था। रतनपुरी थाना प्रभारी मगनवीर सिंह गिल ने उसके खिलाफ थाने में किसी भी तरह का मुकदमा दर्ज होने से इनकार किया है। गांव में इस एनकाउंटर के बाद गहरी नाराजगी है और सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस तैनात कर दी गई है। मृतक के परिजनों ने मेरठ के पोस्टमार्टम हाउस पर भी जमकर हंगामा किया। गांव के लोगों ने इस मुठभेड़ को फर्जी बताया है और मानवाधिकार आयोग में शिकायत करने की बात कही है। मृतक के पिता दिलशाद सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।

मेरठ की समाजवादी पार्टी इस एनकाउंटर की कड़े शब्दों में निंदा की है और स्थानीय शहर विधायक रफीक अंसारी का कहना है यह सीधे-सीधे की गई हत्या है। रफीक अंसारी के अनुसार समाजवादी पार्टी का एक इस बारे में आला अफसरों से मिलकर मामले की जांच की मांग करेगा।

(मेरठ से आस मोहम्मद कैफ के इनपुट के साथ)

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Published: 28 Nov 2018, 6:00 PM