NCB ने गोवा के अंजुना में नार्कोटिक्स लैब का किया भंडाफोड़, BJP सरकार और पुलिस पर उठे सवाल

कांग्रेस नेता अमरनाथ पंजिकर ने अवैध कारोबार को लेकर बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि एनसीबी की हाल में की गई छापेमारी साबित करती है कि गोवा में मादक पदार्थो का व्यापार बड़े पैमाने पर चल रहा है और इन गतिविधियों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है।

NCB ने गोवा के अंजुना में नार्कोटिक्स लैब का किया भंडाफोड़
NCB ने गोवा के अंजुना में नार्कोटिक्स लैब का किया भंडाफोड़
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नवजीवन डेस्क

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने गोवा में मादक पदार्थो का कारोबार धड़ल्ले से चलने और पिछले सात दिनों में ड्रग बनाने वाली कई प्रयोगशालाओं का भंडाफोड़ किया है। विपक्ष ने सवाल उठाया है कि क्या स्थानीय पुलिस को इसकी जानकारी नहीं थी या राज्य सरकार इसके खिलाफ कार्रवाई करने की इच्छा ही नहीं रखती।

एनसीबी ने पिछले रविवार को उत्तरी गोवा से चल रहे एक अंतर्राष्ट्रीय ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ किया था, जिसमें तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था और लाखों रुपये मूल्य के कई ड्रग्स जब्त किए गए थे। बाद में मंगलवार को इसने उत्तरी गोवा के अंजुना में एक एलएसडी निर्माण प्रयोगशाला का भंडाफोड़ किया और निर्माता को 25 लाख रुपये मूल्य की कई दवाओं को जब्त करने के साथ गिरफ्तार कर लिया।

शुक्रवार को ठउइ के अधिकारियों ने गोवा के डाबोलिम हवाई अड्डे पर 6 करोड़ रुपये मूल्य के 1 किलोग्राम कोकीन के साथ एक केन्याई नागरिक को गिरफ्तार किया। हालांकि आम तौर पर यह माना जाता है कि ड्रग्स छह दशक पहले हिप्पियों के साथ गोवा में आया था, लेकिन अब विदेशी नागरिकों के साथ स्थानीय लोगों की भी संलिप्तता ने इस अवैध व्यापार को बढ़ावा दिया है।

गोवा को तेजी से नार्को-टूरिज्म हॉटस्पॉट के रूप में जाना जाने लगा है और कई लोग 'व्यापार' और 'उपभोग' के इरादे से तटीय राज्य में आते हैं। 2020 में गोवा में बीजेपी सरकार औषधीय प्रयोजनों के लिए मारिजुआना या भांग की खेती को वैध बनाने पर विचार कर रही थी। हालांकि, विरोध का सामना करने के बाद योजना को डंडे बस्ते में डाल दिया गया था।


पिछले चार वर्षो में गोवा पुलिस की ड्रग डिस्पोजल कमेटी ने अदालत द्वारा मामलों के अंतिम निपटारे के बाद 101.993 किलोग्राम नशीले पदार्थो का निपटान किया है। आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, नष्ट किए गए मादक पदार्थो में चरस, गांजा, एलएसडी, कोकीन, एक्स्टसी टैबलेट, एमडीएमए पाउडर, हेरोइन, ब्राउन शुगर और अफीम शामिल हैं। इनमें गांजा तटीय राज्य में आसानी से मिल जाता है। आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, एनडीपीएस अधिनियम के तहत 2017 में 168 मामले, 2018 में 222 मामले, 2019 में 219 मामले, 2020 में 148 मामले, 2021 में 121 मामले और 2022 में 154 मामले दर्ज किए गए।

कांग्रेस मीडिया सेल के अध्यक्ष अमरनाथ पंजिकर ने नशीले पदार्थो के कारोबार को लेकर बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि इसमें अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने की इच्छाशक्ति नहीं है। पंजिकर ने कहा कि एनसीबी द्वारा हाल ही में की गई छापेमारी साबित करती है कि गोवा में मादक पदार्थो का व्यापार बड़े पैमाने पर चल रहा है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इस तरह की गतिविधियों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है।

उन्होंने कहा कि यह भी अजीब है कि स्थानीय पुलिस को एलएसडी के बारे में जानकारी नहीं थी। पंजिकर ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत गृह मंत्री के रूप में विफल रहे हैं और इसलिए उन्हें यह पद छोड़ना चाहिए और दूसरों के लिए मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। उन्होंने कहा, गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी किसी ऐसे व्यक्ति को दें जो गोवा के लोगों के हित में काम करे।

सूत्रों ने बताया कि एनसीबी ड्रग के मामलों पर नजर रख रही है और उनका पीछा कर रही है, जिससे उन्हें गोवा में ड्रग के व्यापार का भंडाफोड़ करने में मदद मिली। एनसीबी मुंबई के जोनल निदेशक अमित घवाटे के अनुसार, 3 और 4 अप्रैल की दरम्यानी रात को सैमुअल नाम के एक केन्याई नागरिक को गोवा हवाईअड्डे के डाबोलिम में सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा उसके सामान में कुछ गैर-धातु पदार्थ छुपाए जाने के संदेह में रोका गया था। उनके सामान की स्क्रीनिंग/स्कैनिंग के दौरान ड्रग्स मिला।

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