मध्य प्रदेश में फिर बाहर आएगा व्यापमं घोटाले का जिन्न, नेता विपक्ष ने DGP से मांगी 8 साल पुरानी शिकायत की कॉपी

दिग्विजय सिंह ने लगभग 8 साल पहले एसटीएफ में एक शिकायत की थी जिसमें कहा गया था कि राज्य में व्यापमं घोटाले में राज्य सरकार के कई मंत्रियों, आरएसएस से जुड़े लोगों सहित अन्य लोगों की बड़ी भूमिका रही है।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

मध्य प्रदेश में व्यवसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले का जिन्न एक बार फिर बाहर आने वाला है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा लगभग 8 साल पहले पुलिस में की गई शिकायत की कॉपी मांगी है। साथ ही गोविंद सिंह ने इस शिकायत के संदर्भ में दर्ज की गई एफआईआर पर शिघ्र कार्रवाई की मांग की है।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना को गुरुवार को एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा 6 अक्टूबर 2014 को तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्पेशल टास्क फोर्स भोपाल को शिकायत की गई थी, जो व्यापमं द्वारा राज्य के मेडिकल कॉलेजों में फर्जी तरीके से छात्रों को प्रवेश दिए जाने के संबंध में थी।


सिंह की शिकायत के आधार पर 6 दिसंबर 2022 को एसटीएफ, भोपाल में मामला दर्ज किया गया है। नेता प्रतिपक्ष ने आगे लिखा है कि शिकायतकर्ता की संपूर्ण प्रमाणित प्रतियां मुझे शीघ्र उपलब्ध कराई जाएं। इस गंभीर प्रकरण में अपराध दर्ज करने में लगभग आठ साल लग गए। अब इस मामले में त्वरित कार्यवाही की जाए ताकि एसटीएफ पर प्रदेश की जनता का विश्वास बना रहे।

गौरतलब है कि राज्य में व्यापमं घोटाले का खुलासा वर्ष 2013 में हुआ था, उसके बाद इस मामले में तमाम राजनीतिक रसूखदार लोगों पर तो आंच आई ही थी, साथ ही कई नौकरशाहों तक को जेल जाना पड़ा था। दिग्विजय सिंह ने लगभग 8 साल पहले एसटीएफ में एक शिकायत की थी जिसमें कहा गया था कि राज्य में व्यापमं घोटाले में राज्य सरकार के कई मंत्रियों, आरएसएस से जुड़े लोगों सहित अन्य लोगों की बड़ी भूमिका रही है।

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