शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर ठगी करने वाले चीनी नागरिक सहित तीन गिरफ्तार, 531 एक्टिव सिम, फर्जी पासपोर्ट बरामद

पुलिस उपायुक्त ने बताया कि एक सूचना के आधार पर सोमवार को थाना बिसरख की पुलिस ने सेक्टर 168 की एक सोसाइटी में रहने वाले चीनी नागरिक सू यूमिंग, नेपाली नागरिक अनिल थापा तथा गौतम बुद्ध नगर के कचैड़ा के रहने वाले बिनोद भाटी को गिरफ्तार किया है।

फोटो: IANS
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पीटीआई (भाषा)

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के नाम पर भारतीयों से अरबों रुपए की ठगी करने वाले एक चीनी नागरिक सहित तीन लोगों को बिसरख थाने की पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इसकी जानकारी दी।

पुलिस ने बताया कि उनके पास से भारत के विभिन्न मोबाइल फोन कंपनियों के 531 एक्टिव सिम, फर्जी पासपोर्ट, विभिन्न देशों की करेंसी, फर्जी दस्तावेज आदि मिला है।

उन्होंने बताया कि गिरफ्तार चीनी नागरिक भारत में नेपाल के रास्ते अवैध रूप से आया था और ये लोग शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के अलावा टेलीग्राम एप के माध्यम से भी लोगों को अपने जाल में फंसा कर ठगी करते थे। ये लोग भारतीय कंपनियों और यहां रहने वाले लोगों का डाटा हासिल का उनके साथ ठगी करते थे।

पुलिस उपायुक्त (जोन द्वितीय) सुनीति ने बताया कि एक सूचना के आधार पर सोमवार को थाना बिसरख की पुलिस ने सेक्टर 168 की एक सोसाइटी में रहने वाले चीनी नागरिक सू यूमिंग, नेपाली नागरिक अनिल थापा तथा गौतम बुद्ध नगर के कचैड़ा के रहने वाले बिनोद भाटी को गिरफ्तार किया है।

उन्होंने बताया कि उनके पास से विभिन्न भारतीय मोबाइल फोन की कंपनियों के 531 एक्टिव सिम, फर्जी पासपोर्ट, विभिन्न देशों की करेंसी, फर्जी दस्तावेज 10 क्रेडिट कार्ड, दो डेबिट कार्ड एवं मोहर आदि बरामद हुआ है।

उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि चीनी नागरिक समेत तीनों आरोपी एक्टिव मोबाइल सिम को कंबोडिया एवं अन्य देशों में भेज देते थे और ये लोग इन मोबाइल फोन के सिम का प्रयोग कर भारतीयों से संपर्क करते थे, तथा उन्हें शेयर मार्केट में पैसा इन्वेस्ट करने के लिए प्रेरित किया जाता था।


अधिकारी ने बताया कि जैसे ही भारतीय व्यक्ति पैसा इनवेस्ट करता था, ये लोग 10 दिन के अंदर उसे दोगुना रकम दे देते थे, जब व्यक्ति लालच में बुरी तरह से फंस जाता था, तब ये लोग उससे लाखों रुपया शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के नाम पर हड़प लेते थे।

उन्होंने बताया कि इन आरोपियों ने अब तक अरबों रुपए की धोखाधड़ी करने की बात स्वीकार की है। बताया जाता है कि गिरफ्तार आरोपियों से विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों ने भी गहनता से पूछताछ की है।

डीसीपी ने बताया कि हमें इस गिरोह के कुछ और लोगों के बारे में जानकारी मिली है। उन्होंने बताया कि हमें यह भी पता चला कि ये लोग कंबोडिया के अलावा भारत में भी एक कॉल सेंटर खोलना चाह रहे थे। उन्होंने बताया कि जांच में यह भी पता चला है कि ये लोग कुछ लोगों को अपने जाल में फंसाकर कंबोडिया में नौकरी करने के नाम पर भेजते थे, तथा वहां चल रहे फर्जी कॉल सेंटर में उन्हें नौकरी देते थे।

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