माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी गैंगस्टर जीवा को भरी अदालत में ऐसे मारी गई गोली, जज साहब ने मुश्किल से बचाई अपनी जान

लखनऊ सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष जीएन शुक्ला उर्फ चच्चू ने पूछा कि अपराधी को आखिर बुलेट प्रूफ जैकेट क्यों नहीं पहनाई गई थी, जबकि पहले जब वह पेशी पर आता था तो उसे बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर लाया जाता था।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

अतीक अहमद जैसा कांड से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ दहल उठा है। लखनऊ कोर्ट में बुधवार को सरेआम माफिया अतीक अहमद के करीबी गैंगस्टर जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना से हर कोई दंग है। सवाल यह है कि अदालत में पुलिस की सुरक्षा में आखिर कैसे इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया? वकील से लेकर जज तक कोर्ट में मौजूद थे। सभी के सामने गोलीबारी की गई और संजीव माहेश्वरी जीवा को मौत के घाट उतार दिया गया। हमलावर द्वारा ताबड़तोड़ गोलियां बरसाने से कोर्ट में अफरा-तफरी मच गई। जज के साथ ही वकीलों ने टेबल का सहारा लेकर खुद को बचाया। फायरिंग के बाद कोर्ट में खलबली मच गई। लोग इधर-उधर भागते देखे गए।

मुख्तार के करीबी गैंगस्टर को कोर्ट में कैसे मारी गई गोली?

ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस लॉ एंड ऑर्डर लखनऊ उपेंद्र अग्रवाल के मुताबिक, संजीव महेश्वरी जीवा की एससी-एसटी कोर्ट में पेशी थी। सुनवाई साढ़े तीन बजे के बाद होनी थी। जीवा जब सुनवाई के लिए कोर्ट रूम में ले जाया जा रहा था, तभी एक हमलावर पीछे से वकील की लिबास में आया और संजीव जीवा पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें में वो घायल हो गया।

हमले में दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। इसके अलावा वहां पर एक महिला भी अपने पति और बच्चे के साथ मौजूद थी। वो भी घायल हो गई। एक बच्ची भी गोलीबारी में घायल हो गई, जिसका इलाज चल रहा है। ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस लॉ एंड ऑर्डर ने कहा कि हमलावर कौन सा हथियार लेकर आया था, सुरक्षा में कहां चूक हुई, यह सब जांच का विषय है।


लखनऊ सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ने उठाए गंभीर सवाल

लखनऊ सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष जीएन शुक्ला उर्फ चच्चू ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि लखनऊ कोर्ट परिसर में जो घटना हुई, वह बहुत ही दुखद है। इतिहास में पहली बार लखनऊ कोर्ट में इस तरह की घटना हुई है। उन्होंने सवाल पूछा कि जब पुलिस यह जानती थी कि जीवा कुख्यात अपराधी है तो उसकी सुरक्षा में आखिर ढील क्यों दी गई?

जीएन शुक्ला ने कहा कि इस हत्याकांड में जज साहब बाल-बाल बचे। उन्होंने डेस्क की मदद से खुद को सुरक्षित किया। जीएन शुक्ला ने कहा कि जब हमारे वकील और जज ही सुरक्षित नहीं हैं तो बाकी लोग क्या सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने कहा कि पहले दिल्ली की कोर्ट में ऐसी घटना हुई थी, लेकिन अब राजधानी लखनऊ में भी इस तरह की घटना हो गई। इसके चलते वकील तबका गुस्से में है।

जीएन शुक्ला ने इस घटना पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए पूछा कि अपराधी को आखिर बुलेट प्रूफ जैकेट क्यों नहीं पहनाई गई थी, जबकि पहले जब वह पेशी पर आता था तो उसे बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर लाया जाता था। शुक्ला ने कहा कि सुनियोजित ढंग से साजिश रचकर इस वारदात को अंजाम दिया गया। घटना में एक छोटी बच्ची भी घायल हुई है, जोकि बहुत ही निंदनीय है।

लखनऊ सेंट्रल बार के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि आखिर अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट क्यों नहीं लागू किया जा रहा है? उन्होंने कमिश्नरेट प्रणाली पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि जब से कमिश्नरेट बना है, तब से वकीलों की स्थिति खराब हो गई है। उनसे उनका काम छिन गया है।उन्होंने कहा कि कमिश्नरी बनने से अधिकारी निरंकुश हो गए हैं। उल्टा लॉ एंड आर्डर खराब हो गया है।

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Published: 08 Jun 2023, 9:12 AM