अंकिता भंडारी हत्याकांड में खुलेंगे कई बड़े राज? जिस नहर से मिली थी लाश, वहां से मोबाइल बरामद!

एक वकील ने कहा कि राज्य सरकार को अभी भी समय रहते विधिवत एसआईटी का गठन कर रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में इस मामले की जांच करवानी चाहिए, ताकि इस मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच हो सके।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तराखंड की अंकिता भंडारी हत्याकांड में हर दिन नई-नई बातें सामने आ रही हैं। ताजा खबरों के मुताबिक, इस मामले की जांच कर रही एसआईटी को चिल्ला बैराज से एक मोबाइल मिला है। इस मोबाइल को एक अहम सबूत के तौर पर देखा जा रहा है। यह वही चिल्ली बैराज है, जिसमें आरोपियों ने अंकिता भंडारी को धक्का दे दिया था। इसी बैराज से अंकिता का शव बरामद किया गया था। बरामद किए गए मोबाइल से कई अहम राज खुल सकते हैं। ऐसी खबरें है कि एसआईटी इस मामले के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, अंकित और सौरभ को घटना स्थल पर ला सकती है।

इस बीच मामले की जांच कर रही एसआईटी और राज्य की बीजेपी सरकार पर लगातार सवालों के घेरे मे है। वकीलों ने एसआईटी की जांच पर सवाल खड़े किए हैं। कोटद्वार के एक वकील अरविंद ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में राज्य की बीजेपी सरकार की ओर से गठित एसआईटी इसी सरकार के तहत आती है। ऐसे में गठित एसआईटी का कोई मतलब नहीं है।

अंकिता हत्याकांड की जांच के लिए गठित एसआईटी टीम में पुलिस उपमहानिदेशक कानून व्यवस्था पी रेणुका देवी और अपर पुलिस अधीक्षक शेखर चन्द्र सुयाल, निरीक्षक राजेन्द्र सिंह खोलिया, साइबर क्राइम से दीपक अरोड़ा, अमरजीत शामिल हैं। जाहिर है इनका विभाग सरकार के नियंत्रण में आता है। वकीलों का सवाल है कि ऐसे में मामले की स्वतंत्र जांच कैसे हो सकती है?

वकील ने कहा कि राज्य सरकार को अभी भी समय रहते विधिवत एसआईटी का गठन कर रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में इस मामले की जांच करवानी चाहिए, ताकि इस मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच हो सके। इसके अलावा यह मांग की जा रही है कि अंकिता हत्याकांड में रिजॉर्ट से जिन लोगों ने साक्ष्य छिपाने और नष्ट करने का काम किया है, उन लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 201, 120बी और 34 के तहत केस दर्ज कर आरोपी बनाए जाए।


ये है पूरा मामला:

उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर विधानसभा के कौड़िया गांव स्थित वनन्तरा रिजॉर्ट में कार्यरत रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी (19) वर्ष संदिग्ध परिस्थितियों में 18 सितंबर की देर शाम लापता हो गई थी। उसकी गुमशुदगी का खुलासा लक्ष्मण झूला थाने में एडीशनल एसपी शेखर सुयाल ने किया था। उन्होंने बताया था कि किस तरह वनन्तरा रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित ने मिलकर अंकिता भंडारी की हत्या कर उसकी बॉडी को चीला शक्ति नहर में फेंक दिया।

पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया था कि रिसेप्शनिस्ट रिजॉर्ट में आने वाले कस्टमर के पास जाने से मना कर रही थी। वे लोग रिसेप्शनिस्ट को वेश्यावृत्ति में ढकेलना चाह रहे थे, लेकिन रिसेप्शनिस्ट ऐसा करने से मना कर दिया था। इस बात से नाराज आरोपियों ने अंकिता की हत्या कर चीला शक्ति नहर में फेंक दिया था। बाद में नहर से अंकित भंडारी की लाश मिली थी।

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