एक और रेल हादसा, अब भी इंतजार करेंगे प्रभु!
प्रभु तुम अभी इंतजार करो....ये कहा था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के रेल मंत्री सुरेश प्रभु से जब वे एक के बाद एक रेल हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उनसे मिलने गए थे।
हालांकि उन्होंने यह कभी नहीं कहा कि उन्होंने इस्तीफे की पेशकश थी। प्रभु ने इंतजार किया, और मंगलवार सुबह-सुबह उनका इंतजार पूरा हुआ जब खबर आयी कि नागपुर-मुंबई दूरंतो एक्स्प्रेस के 7 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में दो दर्जन के करीब लोगों के घायल होने की खबर आ रही है।
रेलवे की तरफ से जो सूचना दी गयी है उसके मुताबिक सुबह 6 बजकर 35 मिनट पर आसनगांवा और वासिंद स्टेशनों के बीच ये हादसा हुआ। चूंकि ये इलाका मुंबई से बहुत ज्यादा दूर नहीं है, इसलिए हादसे के बाद मुंबई की लोकल ट्रेनों की आवाजाही पर भी असर पड़ा है।
वैसे केंद्र सरकार रेल हादसों में मरने वालों की संख्या का सही रिकॉर्ड रखती है या नहीं इसे लेकर काफी भ्रामक आंकड़े पेश किए जाते रहे हैं। पढ़े:
याद करें कि पिछले दस-बारह दिनों में यह तीसरी ट्रेन दुर्घटना है। कुछ दिन पहले ही उत्कल एक्सप्रेस और कैफियत एक्सप्रेस हादसे का शिकार हुई थी। इसी महीने 19 तारीख को मुजफ्फरनगर के पास उत्कल एक्सप्रेस दुर्घटना का शिकार हुई और इसमें 23 लोगों की मौत हुयी थी और 23 तारीख को कैफियत एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश में ही ओरैया के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी। वैसे इस साल जो बड़े रेल हादसे हुए हैं उनमें 21 जनवरी को जगदलपुर-भुवनेश्वर हीराखंड एक्सप्रेस का हादसा है जिसमें 40 से ज्यादा लोगों की मौत हुयी थी और 7 मार्च को मध्य प्रदेश में भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में एक धमाका हुआ था जिसमें 10 लोग जख्मी हुए थे।
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Published: 29 Aug 2017, 9:41 AM