रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद रूसी अरबपतियों की संपत्ती में भारी कमी, एलन मस्क के पास हैं सबसे ज्यादा पैसे

रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद रूस पर लगाए गए अमेरिकी और यूरोपीय देशों के प्रतिबंधों के कारण और वैश्विक शेयर बाजार में उतार के बाद इस वर्ष अरबपतियों की संख्या और उनकी सम्मिलित संपत्ति वर्ष 2021 की तुलना में कम हो गयी है।

फोटो : सोशल मीडिया
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महेन्द्र पांडे

फोर्ब्स द्वारा प्रकाशित अरबपतियों की ताजा सूचि के अनुसार दुनिया में कुल 2668 अरबपति हैं और इनकी सम्मिलित संपत्ति 12.7 ख़रब डॉलर है। यह सम्मिलित संपत्ति पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था का 14 प्रतिशत है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद रूस पर लगाए गए अमेरिकी और यूरोपीय देशों के प्रतिबंधों के कारण और वैश्विक शेयर बाजार में उतार के बाद इस वर्ष अरबपतियों की संख्या और उनकी सम्मिलित संपत्ति वर्ष 2021 की तुलना में कम हो गयी है। वर्ष 2021 में अरबपतियों की संख्या एक रिकॉर्ड थी, इस वर्ष कुल 2755 अरबपतियों के पास 13.1 ख़रब डॉलर की संपत्ति थी। वर्ष 2022 में अरबपतियों की संख्या में ऐसी कमी वर्ष 2009 की आर्थिक बदहाली के बाद पहली बार दर्ज की गयी है, जबकि पिछले वर्ष इनकी संख्या रिकॉर्ड स्तर पर थी और 600 नए अरबपति इस सूचि में पहली बार शामिल किए गए थे।

रूस के हरेक अरबपति की संपत्ति में इस वर्ष कमी दर्ज की गयी है और पिछले वर्ष के 34 अरबपति इस सूचि से इस वर्ष बाहर हो गए हैं। तमाम वैश्विक आर्थिक परेशानियों के कारण वर्ष 2022 के 2668 अरबपतियों में से 329 अरबपतियों को पिछले वर्ष एक अरब या इससे अधिक का नुकसान उठाना पड़ा, दूसरी तरफ 1050 अरबपतियों की संपत्ति में पिछले वर्ष के दौरान बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी। फोर्ब्स ने पहली बार अरबपतियों की सूचि वर्ष 1987 में जारी की थी, तब से पूरी दुनिया आर्थिक समानता का राग अलाप रही है पर अबतक दुनिया में अरबपतियों की संख्या 19 गुना बढ़ चुकी है, और अरबपतियों की संपत्ति में 4200 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो चुकी है।


इस वर्ष की अरबपतियों की सूचि में 327 महिलाएं हैं और इनकी सम्मिलित संपत्ति का मूल्य 1.56 ख़रब डॉलर है। वर्ष 2021 की सूचि में 328 महिलाएं थीं पर इनकी सम्मिलित संपत्ति का मूल्य 1.53 ख़रब डॉलर ही था। फ्रांस की सौन्दर्य प्रसाधन की कंपनी लोरेआल की मालकिन फ़्रन्कोइज बेत्तेन्कौर्त मेयेर्स दुनिया की सबसे अमीर महिला हैं।

अरबपतियों की लिस्ट में इस वर्ष पहली बार बारबाडोस, बुल्गारिया, एस्तोनिया और उरुग्वे का नाम शामिल हुआ है। इस सूचि में 236 नए अरबपति भी पहली बार शामिल हुए हैं, जिनमें पॉप गायिका रिहाना और लार्ड ऑफ द रिंग्स के निर्देशक पीटर जैक्सन भी शामिल हैं। अरबपतियों की सूचि में 169 नाम ऐसे भी थे, जो वर्ष 2021 में पहली बार इस सूचि में शामिल किये गए थे पर इस वर्ष की सूचि में शामिल नहीं हैं। इस वर्ष की अरबपतियों की सूचि में 86 अरबपतियों की उम्र 40 वर्ष से कम है, जबकि 12 ऐसे हैं जिनकी उम्र 30 वर्ष से भी कम है। कुल 1891 अरबपति परिवार की संपत्ति या व्यवसाय के कारण नहीं बल्कि अपनी लगन और दूरदृष्टि के कारण इस सूचि में शामिल हुए हैं।


पिछले कुछ दिनों से ट्विट्टर में 9.2 प्रतिशत की भागीदारी खरीदने वाले एलान मस्क पहली बार अपनी 219 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ पहले स्थान पर पहुंचे हैं। इनकी संपत्ति में पिछले वर्ष 68 अरब डॉलर की बृद्धि दर्ज की गई, जिसका सबसे बड़ा कारण है उनकी इलेक्ट्रिक मोटर बनाने वाली कंपनी, टेस्ला, के शेयर में 33 प्रतिशत से अधिक की बृद्धि। पिछले चार वर्षों में पहली बार दूसरे स्थान पर अमेज़न के जेफ़ बेजोस हैं, तीसरे स्थान पर बर्नार्ड आरनौल्ट और उनका परिवार है, चौथे स्थान पर बिल गेट्स और पांचवें स्थान पर वारेन बफेट हैं। इस नामों में फ्रांस के बर्नार्ड आरनौल्ट को छोड़कर शेष सभी अमेरिका के हैं। इस सूचि में दसवें स्थान पर भारत के मुकेश अंबानी और ग्यारहवें स्थान पर गौतम अडानी का नाम है। दुनिया के कुल 8 अरबपति ऐसे भी हैं जिनकी संपत्ति 100 अरब से अधिक है।

मुकेश अंबानी एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं और इनकी संपत्ति की कीमत 90.7 अरब डॉलर है, जबकि ग्यारहवें स्थान पर गौतम अडानी के पास 90 अरब डॉलर की संपत्ति है। दुनिया के दस सबसे अमीर लोगों में 8 अमेरिका के, एक फ्रांस के और मुकेश अंबानी भारत के हैं। दुनिया के 100 सबसे अमीर व्यक्तियों में से 7 भारत के हैं। अंबानी-अडानी के अलावा 47वें स्थान पर 28.7 अरब डॉलर के साथ शिव नादर, 24.3 अरब डॉलर के साथ 56वें स्थान पर सायरस पूनावाला, 20 अरब डॉलर के साथ 81वें स्थान पर राधाकृष्ण दमानी, 17.9 अरब डॉलर के साथ 89वें स्थान पर लक्ष्मी मित्तल और 17.7 अरब डॉलर के साथ 91वें स्थान पर सावित्री जिंदल हैं।


सबसे अधिक अरबपति अमेरिका में हैं, जहां इनकी संख्या 735 है। दूसरे स्थान पर 607 अरबपतियों के साथ चीन है। चीन में शामिल कुल अरबपतियों में से 67 हांगकांग में और 1 मकाउ में है। अरबपतियों के सन्दर्भ में 166 अरबपतियों के साथ भारत तीसरे स्थान पर है, और 134 अरबपतियों के साथ जर्मनी चौथे स्थान पर है। इस सूचि में पांचवें स्थान पर 83 अरबपतियों के साथ रूस है।

फोर्ब्स की सूचि से एक बार फिर से दुनियाभर में पनपते पूंजीवाद की त्रासदी पर ध्यान जाता है। दुनिया में गरीबों और भूखे लोगों की आबादी बढ़ रही है और इसी दुनिया में अरबपतियों की संख्या भी बढ़ती है। यह सब अमीर और गरीब के बीच की बढ़ती खाई को दर्शाता है और बताता है कि दुनिया सबके लिए एक जैसी नहीं है और प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकार भी के समान नहीं हैं।

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