खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के बीच मोदी सरकार को एक और झटका, मूडीज ने भारत की विकास दर का अनुमान घटाया

मूडीज ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था में जो सुस्ती आई है, उसकी वजह से भारत के जीडीपी ग्रोथ में तेजी की रफ्तार कम हो सकती है। उसने कहा कि भारत में अब किसी भी तरह के सुधार को उम्मीद से कम ही माना जाना चाहिए।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

देश की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के बीच केंद्र की मोदी सरकार को आर्थिक मोर्चे एक और झटका लगा है। वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की विकास दर अनुमान को घटा दिया है। मूडीज ने भारत की विकास दर घटाकर 5.4 फीसदी कर दी है जो पहले 6.6 प्रतिशत से अधिक थी। वहीं 2021 में जीडीपी बढ़त के अनुमान को भी 6.7 फीसदी से घटाकर 5.8 फीसदी कर दिया है। बता दें चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है। ऐसा कहा जा रहा है कि इसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ रहा है।

कोरोना वायरस का असर चीन के अर्थव्यवस्था पर भी काफी पड़ा है। मूडीज ने इस साल चीन की ग्रोथ रेट अनुमान को भी घटाकर 5.2 फीसदी और 2021 के लिए 2.4 फीसदी कर दिया है। मूडीज ने कहा कि कोरोना वायरस के कहर का चीन की अर्थव्यवस्था के लिए काफी नकारात्मक असर होगा। इससे पहले अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार के चलते पहले से ही अर्थव्यव्यवस्था के हालात खराब चल रहे थे। मूडीज ने कहा कि नोवेल कोरोना वायरस प्रकोप की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था में जो सुस्ती आई है, उसकी वजह से भारत के जीडीपी ग्रोथ में तेजी की रफ्तार कम हो सकती है। उसने कहा कि भारत में अब किसी भी तरह के सुधार को उम्मीद से कम ही माना जाना चाहिए।


गौरतलब है कि इसके पहले जनवरी महीने में संयुक्त राष्ट्र संघ ने भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटा दिया था। यूएन ने कहा था कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रह सकती है। इसके पहले वर्ल्ड बैंक जैसी कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां भारत के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटा चुकी हैं।

भारत सरकार के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय और वर्ल्ड बैंक ने तो वित्त वर्ष 2019-20 में सिर्फ 5 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रखने का अनुमान जाहिर किया है। वहीं सरकार के आर्थ‍िक सर्वे में वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ रेट 6-6.5 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है।

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