अर्थ जगत: अडानी ग्रुप का बुरा हाल, 6 शेयरों में लगा लोअर सर्किट और गिटहब ने पूरी भारतीय इंजीनियरिंग टीम को निकाला

अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयरों में मंगलवार को गिरावट रही। फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर 7 प्रतिशत तक टूटा। ओपन सोर्स डेवलपर प्लेटफॉर्म गिटहब ने भारत में अपनी पूरी इंजीनियरिंग टीम को निकाल दिया है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

वैश्विक चुनौतियों के बीच सैमसंग को चिप कारोबार में घाटा होने की संभावना

सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स अगले महीने अपने चिप व्यवसाय में खराब परिणामों की रिपोर्ट कर सकता है। वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के कारण उपभोक्ता मांग में कमी आई है, जो कंपनी के प्रदर्शन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रही है। विश्लेषकों के अनुमान के अनुसार, सैमसंग का डिवाइस सॉल्यूशन (डीएस) डिवीजन, जो अपने चिप व्यवसाय की देखरेख करता है, उसे 14 वर्षो में अपना पहला वित्तीय घाटा होने का अनुमान है। वैश्विक मांग में गिरावट के बीच सरप्लस चिप इन्वेंट्री काफी बढ़ रही है।

पिछली बार जब सैमसंग ने अपने बैकबोन यूनिट व्यापार को घाटे में देखा था, वह 2009 की पहली तिमाही थी, जब दुनिया 2008 के वित्तीय संकट से उभर रही थी। योनहाप इंफोमैक्स द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-मार्च की अवधि के लिए सैमसंग का परिचालन लाभ 1.23 ट्रिलियन (944 मिलियन डॉलर) होने का अनुमान लगाया गया था, जो एक साल पहले के 14.1 ट्रिलियन वॉन से तेज गिरावट थी।

गिटहब ने भारत की इंजीनियरिंग टीम को निकाला, 140 से अधिक कर्मचारी प्रभावित

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ओपन सोर्स डेवलपर प्लेटफॉर्म गिटहब ने भारत में अपनी पूरी इंजीनियरिंग टीम को निकाल दिया है, जिससे 'पुनर्गठन योजना' के हिस्से के रूप में 140 से अधिक कर्मचारी प्रभावित हुए हैं। विशेष रूप से इंजीनियरिंग/डेवलपर टीमों के बीच वैश्विक तकनीकी छंटनी पर नजर रखने वाले टेक लेखक गेर्गली ओरोज के अनुसार, भारत में गिटहब की पूरी टीम को एक बार में जाने दिया गया है।

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "हम 100 इंजीनियरों की बात कर रहे हैं। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि टीम अन्य स्थानों की तुलना में छोटी थी, जिसके पास कम प्राथमिकता वाले काम थे।"
ओरोज ने कहा कि उन्होंने '(अब पूर्व) गिटहब इंडिया के इंजीनियरों के साथ बात करने के बाद छंटनी की पुष्टि की।'


पाकिस्तान में विदेशी कंपनियों के मुनाफे में 80.4 प्रतिशत की गिरावट

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 स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) द्वारा मंगलवार को प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2022 से जून 2023 तक चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों के दौरान विदेशी कंपनियों द्वारा पाकिस्तान से मुनाफे का प्रत्यावर्तन 80.4 प्रतिशत कम हो गया।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, एसबीपी ने कहा कि विदेशी कंपनियों ने जुलाई 2022 से फरवरी 2023 की अवधि के दौरान मुनाफे और लाभांश में 225.1 मिलियन डॉलर भेजे, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 1,146.4 मिलियन डॉलर का विदेशी कंपनियों का मुनाफा हुआ था। लेटेस्ट आंकड़ों से पता चला है कि विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) पर लाभ भुगतान जुलाई 2022 से फरवरी 2023 तक 188.1 मिलियन डॉलर था, जबकि पिछले वित्त वर्ष में उक्त अवधि के दौरान यह 1,037.8 मिलियन डॉलर था।

माइक्रोसॉफ्ट ने 559 कर्मचारियों की छंटनी की

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माइक्रोसॉफ्ट ने अमेरिका में वाशिंगटन राज्य में अपने बेलेव्यू और रेडमंड से 559 कर्मचारियों को निकाल दिया है। इस क्षेत्र में कंपनी ने कुल 2,700 से अधिक नौकरियों में कटौती की है। सिएटल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, वाशिंगटन राज्य के रोजगार सुरक्षा विभाग द्वारा घोषित छंटनी ने माइक्रोसॉफ्ट के सुरक्षा संचालन को प्रभावित किया।

कंपनी ने फरवरी में छंटनी के एक पूर्व दौर की घोषणा की थी, जिसमें रेडमंड, बेलेव्यू और इसाक्वा में 617 कर्मचारियों को भी जाने को कहा गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में माइक्रोसॉफ्ट में शामिल होने वाले अमेजन वेब सर्विस के एक पूर्व कार्यकारी चार्ली बेल के तहत सैकड़ों कर्मचारियों को सुरक्षा भूमिकाओं में कटौती का सामना करना पड़ा।


अडानी के 6 शेयरों में लगा लोअर सर्किट, ACC ने छुआ 52-वीक लो, एंटरप्राइजेज 7% लुढ़का

फोटो: Getty Images
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अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयरों में मंगलवार को गिरावट रही। फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर 7 प्रतिशत तक टूटा। इसी तरह अडानी पोर्ट्स 5.6 प्रतिशत तक, एसीसी 4.4 प्रतिशत तक और अंबुजा सीमेंट 3 प्रतिशत गिरे हैं। वहीं 6 कंपनियों- अडानी पावर, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी टोटल गैस, अडानी विल्मर और एनडीटीवी में 5 प्रतिशत की गिरावट के साथ लोअर सर्किट लगा। अडानी ग्रुप की कंपनियों में आई गिरावट की मुख्य वजह एक रिपोर्ट के आने के बाद एनएसई और बीएसई की ओर से अडानी ग्रुप से मांगा गया स्पष्टीकरण रहा। दरअसल अडानी ग्रुप की ओर से दावा किया गया था कि उसने प्रमोटर्स के अगेन्स्ट 2.15 अरब डॉलर के सभी लोन चुका दिए हैं।

इस दावे पर द केन ने सवाल उठाए हैं। द केन की रिपोर्ट में कहा गया है कि शेयर-बैक्ड डेट में 2.15 अरब डॉलर के पूर्ण रिपेमेंट के अडानी समूह के दावे के बावजूद, रेगुलेटरी फाइलिंग से पता चलता है कि बैंकों ने कोलैटरल के रूप में रखे गए प्रमोटर्स के शेयरों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रिलीज नहीं किया है। यह दर्शाता है कि ऋण का पूरी तरह से भुगतान नहीं किया गया है। रिपोर्ट के सामने आने के बाद स्टॉक एक्सचेंजेस एनएसई और बीएसई ने अडानी एंटरप्राइजेस लिमिटेड से सफाई मांगी है।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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