अर्थ जगत की 5 बड़ी खबरें: GST के सेक्शन 86बी को स्थगित करने की मांग और ITR दाखिल करने से चूकने पर लगेगा जुर्माना!

व्यापारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ने सरकार से मांग की है कि GST में नियम 86बी को न लागू किया जाए और आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख बेहद करीब है। अगर चूके तो 10000 रुपये तक का जुर्माना लगेगा।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

()GST के सेक्शन 86बी को स्थगित करने की मांग

व्यापारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया (कैट) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मांग की है कि एक जनवरी, 2021 को लागू होने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में 'नियम 86-बी' के कार्यान्वयन को स्थगित करने का आग्रह किया है। शुक्रवार को वित्त मंत्री को लिखे पत्र में व्यापारियों के निकाय ने अपनी चिंता जाहिर की है। दरअसल इस नियम के तहत हर महीने 50 लाख से अधिक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को जीएसटी देनदारी का कम से कम एक प्रतिशत नकद में जमा कराने का प्रावधान किया गया है, जिस पर व्यापारियों के संगठन को आपत्ति है।

कैट ने इस प्रावधान को उत्पादकता को बुरी तरह प्रभावित करने वाला बताया है। संगठन ने कहा है कि इस कदम से व्यापारियों पर अधिक वित्तीय दायित्व का बोझ पड़ेगा। व्यापारिक संगठन ने वित्त मंत्री से नियम 86-बी को लागू करने के फैसले को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का अनुरोध किया है, जिसे अगले साल एक जनवरी से लागू किया जाना है। इसके अलावा कैट ने वित्त मंत्री से जीएसटी फाइल करने और इनकम टैक्स ऑडिट रिटर्न की समयसीमा 31 दिसंबर 2020 से बढ़ाकर 31 मार्च 2021 किए जाने की मांग की है। कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि किसी भी कर कानून को वर्ष के बीच की अवधि के दौरान बार-बार संशोधित करने के बजाय वित्तीय वर्ष की शुरूआत से ही लागू किया जाना चाहिए।

आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख करीब

आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख करीब आने पर आयकर विभाग ने रिटर्न फाइलिंग को आसान बनाने के लिए 'झटपट प्रोसेसिंग' शुरू की है। अगर आपने अभी तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं की है तो इस नई सुविधा का उपयोग करके जल्द रिटर्न दाखिल करें क्योंकि विलंब होने पर आपको जुमार्ना भरना पड़ सकता है। खासतौर से वेतनभोगियों के लिए यह सुविधा काफी उपयोगी साबित हो सकती है क्योंकि उनके लिए आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर ही है। चार्टर्ड अकाउंटेंट चंद्रकांत मिश्रा ने बताया कि आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर वेतनभोगी लोगों के लिए है जो बिजनेस से नहीं जुड़े हैं। उन्होंने बताया किऐसे आयकरदाता अगर 31 दिसंबर तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करेंगे तो उनको 10,000 रुपये तक जुमार्ना भरना पड़ सकता है।

चार्टर्ड अकाउंटेंट चंद्रकांत मिश्रा ने बताया कि आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर तक उन लोगों के लिए है जो वेतनभोगी हैं या बिजनेस से भी जुड़े हैं लेकिन उनका टैक्स ऑडिट नहीं है। उन्होंने बताया कि ऐसे आयकरदाता अगर 31 दिसंबर तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करेंगे तो उनको 10,000 रुपये तक जुमार्ना भरना पड़ सकता है।

सूरत में इंडस्ट्रीज पर मंदी की मार!

कोरोना से बर्बाद हुए कारोबार वैसे तो अब धीरे-धीरे पटरी पर आने लगे हैं, पर साड़ी बॉक्स पैकेजिंग इंडस्ट्री अभी भी मंदी की मार से उबर नहीं पा रहा है। बाक्स पैकेजिंग इंडस्ट्री को रद्दी पेपर न मिलने और रॉ-मटेरियल महंगा होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना-काल में स्कूल-कॉलेज बंद होने से रद्दी कागज नहीं मिल रहा है। इससे रॉ-मटेरियल के भाव बढ़ गए हैं, कच्चे माल की कमी से मिलों में उत्पादन बंद करने की नौबत आ गई है।

दूसरी ओर लॉकडाउन में गांव गए श्रमिकों में से 30 फीसदी तो अभी तक वापस ही नहीं लौटे हैं। बॉक्स इंडस्ट्रीज में अधिकतर श्रमिक उप्र, बिहार, ओडिशा और बंगाल से आते हैं। पहले रॉ-मटेरियल बड़े पैमाने पर आयात होता था, अब इम्पोर्ट घटकर 20 से 30 फीसदी हो गया है। यही कारण है कि सालाना 1000 से 1200 करोड़ का टर्न ओवर करने वाली बॉक्स इंडस्ट्री का कारोबार घटकर आधा हो गया है। सूरत शहर में 100 से 125 बॉक्स पैकेजिंग इकाइयां हैं।

SEBI ने पूर्व चुनाव आयुक्त को बनाया फ्रैंकलिन टेंपलटन के यूनिटहोल्डर्स की ई-वोटिंग का ऑब्जर्वर

मार्केट रेगुलेटर सेबी ने देश के पूर्व चुनाव आयुक्त तरुवई सुबैया कृष्णमूर्ति को फ्रैंकलिन टेंपलटन की छह फिक्स्ड इनकम स्कीमों को बंद करने के प्रस्ताव पर 26 से 29 दिसंबर तक चलने वाली यूनिटहोल्डर्स की ई-वोटिंग के प्रोसेस का ऑब्जर्वर बनाया है। शनिवार को जारी सेबी की प्रेस रिलीज के मुताबिक ई-वोटिंग के लिए ऑब्जर्वर का अप्वाइंटमेंट 18 दिसंबर 2020 को ही कर दिया था। आपको बता दें, CFMA ने 25 दिसंबर को आरोप लगाया था कि सेबी ने अदालत का आदेश होने के बावजूद ई-वोटिंग प्रक्रिया का ऑब्जर्वर अप्वाइंट करने का कदम संभवत: अब तक नहीं उठाया है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम अर्जी लगाई गई है।

डिजिटल मोड का प्रयोग करने वाले गोल्ड बॉन्ड योजना के ग्राहकों को मिलेगी छूट

सरकार डिजिटल मोड का उपयोग करके ऑनलाइन आवेदन करने वाले निवेशकों को अपनी आगामी गोल्ड बॉन्ड योजना में छूट देगी। इसी क्रम में, केंद्र, भारतीय रिजर्व बैंक के साथ परामर्श के साथ ही सदस्यता के लिए डिजिटल माध्यम का उपयोग करने वाले निवेशकों को इश्यू प्राइस से 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट देगा। 28 दिसंबर को खुलने वाली स्कीम में बॉन्ड का इश्यू प्राइस 5,000 रुपये प्रति ग्राम है। लेकिन छूट पाने वाले निवेशकों को 4,950 रुपये में बॉन्ड की सदस्यता लेने की अनुमति होगी।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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