अर्थजगतः कार्स24 ने करीब 200 कर्मचारियों की छंटनी की और अनंत अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज में कार्यकारी निदेशक बने

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार बढ़ते हुए 686.14 बिलियन डॉलर हो गया है, जो पिछले साल नवंबर के बाद से उच्चतम स्तर है। वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर निरंतर बातचीत जारी है।

कार्स24 ने करीब 200 कर्मचारियों की छंटनी की और अनंत अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज में कार्यकारी निदेशक बने
कार्स24 ने करीब 200 कर्मचारियों की छंटनी की और अनंत अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज में कार्यकारी निदेशक बने
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नवजीवन डेस्क

कार्स24 ने करीब 200 कर्मचारियों की छंटनी की

ऑटोटेक प्लेटफॉर्म कार्स24 ने अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पुनर्गठन की कवायद के तहत करीब 200 कर्मचारियों की छंटनी की है। प्री-ओन्ड वाहनों के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ने कहा कि यह एक 'कठिन क्षण' है। कार्स24 के सह-संस्थापक और सीईओ विक्रम चोपड़ा ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, "पिछले कुछ हफ्तों में हमें अपने करीब 200 साथियों से अलग होने का कठिन निर्णय लेना पड़ा है। प्रभावित प्रत्येक व्यक्ति ने इस कंपनी को अपना समय, ऊर्जा और विश्वास दिया। यह बहुत मायने रखता है और हम वास्तव में उनके आभारी हैं।” उन्होंने इस निर्णय को लागत कम करने की कवायद के रूप में खारिज करते हुए कहा, "टीम और संरचना को हमारे दीर्घकालिक लक्ष्यों के साथ संरेखित करने और जहां हमने ध्यान खो दिया है उसे ठीक करने के बारे में बताया।”

कार्स24 कई तरह की सेवाएं प्रदान करता है, जिसमें पुरानी कारों की खरीद-बिक्री, फाइनेंसिंग, बीमा, ड्राइवर-ऑन-डिमांड शामिल है। चोपड़ा ने आगे कहा कि पिछले कुछ महीनों में, "हमें एहसास हुआ कि कुछ प्रोजेक्ट्स को लेकर हमें उम्मीद से कम मिला। कुछ भूमिकाएं बहुत जल्दी जोड़ दी गईं। कुछ परिकल्पनाएं परीक्षण के दौरान सही साबित नहीं हुईं और कुछ मामलों में, हम उस तरह की वृद्धि या सीख नहीं दे पाए, जिसके लोग वास्तव में हकदार हैं।" उन्होंने कहा कि इस समय दोबारा किसी छंटनी की गुंजाइश नहीं है, क्योंकि यह एक रोलिंग प्लान की शुरुआत न होकर एक विशिष्ट रीसेट था। प्रभावित लोगों के लिए कंपनी रिज्यूमे और लिंक्डइन सहायता, मेंटरशिप, इमोशनल वेलनेस रिसोर्स और अपने नेटवर्क के भीतर ओपन रोल तक पहुंच प्रदान कर रही है।

ऑनलाइन प्री-ओन्ड कार रिटेलर प्लेटफॉर्म ने वित्त वर्ष 2024 में 498 करोड़ रुपए का घाटा दर्ज किया, जबकि वित्त वर्ष 2023 में यह 468 करोड़ रुपए था, जो 6.4 प्रतिशत की वृद्धि है। कंपनी के वित्तीय आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 में कंपनी के व्यय में सालाना आधार पर 23.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो वित्त वर्ष 2023 में 6,053 करोड़ रुपए से बढ़कर 7,461 करोड़ रुपए हो गई। कंपनी की आय 25.1 प्रतिशत बढ़कर 6,917 करोड़ रुपए हो गई, जो वित्त वर्ष 2023 में 5,530 करोड़ रुपए थी। कार बिक्री से आय पिछले वित्त वर्ष में 24 प्रतिशत बढ़कर 6,400 करोड़ रुपए हो गई, जो वित्त वर्ष 2023 में 5,164 करोड़ रुपये थी। दिसंबर 2021 में कंपनी ने 3.3 बिलियन डॉलर के मूल्यांकन पर 450 मिलियन डॉलर जुटाए। इसके प्रमुख निवेशकों में अल्फा वेव, सॉफ्टबैंक, टेनसेंट और डीएसटी ग्लोबल आदि शामिल हैं।

अनंत अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज में कार्यकारी निदेशक बने

उद्योगपति मुकेश अंबानी के सबसे छोटे बेटे अनंत को एक मई से पांच साल के कार्यकाल के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. में कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया है। रिलायंस ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ‘‘कंपनी के निदेशक मंडल ने 25 अप्रैल को अपनी बैठक में मानव संसाधन, नामांकन और पारिश्रमिक समिति की सिफारिश पर विचार किया और गैर-कार्यकारी निदेशक अनंत एम. अंबानी को पूर्णकालिक निदेशक के रूप में नियुक्त किया। उन्हें कंपनी का कार्यकारी निदेशक नामित किया गया है। उनकी नियुक्ति एक मई, 2025 से पांच साल की अवधि के लिए होगी। यह कंपनी के सदस्यों की मंजूरी के अधीन है।

ब्राउन यूनिवर्सिटी से स्नातक अनंत अंबानी भाई-बहनों में रिलायंस में कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्त होने वाले पहले व्यक्ति हैं। अनंत को अगस्त, 2022 में कंपनी के ऊर्जा खंड का प्रमुख नियुक्त किया गया था। वह मार्च, 2020 से जियो प्लेटफॉर्म्स लि. के निदेशक मंडल (बोर्ड), मई 2022 से रिलायंस रिटेल वेंचर्स लि. के बोर्ड में और जून 2021 से रिलायंस न्यू एनर्जी लि. के साथ-साथ रिलायंस न्यू सोलर एनर्जी लि. के निदेशक मंडल में भी हैं। वह सितंबर से रिलायंस की परमार्थ इकाई रिलायंस फाउंडेशन के बोर्ड में भी हैं।

अंबानी ने अगस्त 2023 में अपने तीन बच्चों - जुड़वां ईशा और आकाश और अनंत को समूह के निदेशक मंडल में गैर-कार्यकारी निदेशकों के रूप में शामिल किया था। इसका मकसद अंतिम उत्तराधिकार योजना की तैयारी है। अंबानी के सबसे बड़े बेटे आकाश 2014 में इकाई में शामिल होने के बाद जून, 2022 से दूरसंचार इकाई, जियो इन्फोकॉम के चेयरमैन हैं। उनकी जुड़वां बहन ईशा कंपनी की खुदरा, ई-कॉमर्स और लक्जरी इकाइयों को चलाती हैं। अनंत नये ऊर्जा व्यवसाय को देखते हैं। अंबानी के तीनों बच्चे जियो प्लेटफॉर्म्स के बोर्ड में हैं, जो रिलायंस की दूरसंचार और डिजिटल संपत्तियों और रिलायंस रिटेल को रखने वाली इकाई है।


भारत का विदेशी मुद्रा भंडार सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचने के करीब

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार सातवीं बार बढ़ते हुए 686.14 बिलियन डॉलर हो गया है, जो पिछले साल नवंबर के बाद से उच्चतम स्तर है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 18 अप्रैल को समाप्त अवधि के लिए देश के विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले रिपोर्टिंग सप्ताह की तुलना में 8.31 बिलियन डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई है। इससे पहले 11 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में 1.57 बिलियन डॉलर की वृद्धि हुई थी। सितंबर के अंत में 700 बिलियन डॉलर के अपने शिखर से भारी गिरावट के बाद विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार सुधार हुआ है। सितंबर 2024 में कुल विदेशी मुद्रा भंडार 704.885 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 18 अप्रैल को समाप्त सप्ताह के लिए, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, जो कि भंडार का एक प्रमुख घटक है, बढ़कर 578.49 बिलियन डॉलर हो गई। आरबीआई ने बताया कि इस अवधि के दौरान स्वर्ण भंडार में 4.575 बिलियन डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई, जो 84.572 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई।

बैंक के अनुसार, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 212 मिलियन डॉलर बढ़कर 18.568 बिलियन डॉलर हो गए। आंकड़ों से पता चला कि आईएमएफ के साथ भारत की रिजर्व पॉजिशन में 7 मिलियन डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई, जो रिपोर्टिंग सप्ताह में 4.51 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​के अनुसार, भारत के वित्तीय बाजार, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए एक गतिशील और मजबूत ताकत के रूप में विकसित हुए हैं। विदेशी मुद्रा बाजार 2020 में 32 बिलियन डॉलर से लगभग दोगुना होकर 2024 में 60 बिलियन डॉलर हो गया है और ओवरनाइट मनी मार्केट में औसत दैनिक वॉल्यूम इस चार साल की अवधि में लगभग 3 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 5.4 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है। इसी अवधि में सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) बाजारों में औसत दैनिक वॉल्यूम में भी 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह 66,000 करोड़ रुपए हो गया है। मल्होत्रा ​​ने कहा कि विदेशी मुद्रा, जी-सेक और मनी मार्केट सहित देश के सभी फाइनेंशियल मार्केट सेगमेंट काफी हद तक स्थिर रहे हैं। हालांकि, कुछ महीने पहले रुपया थोड़ा दबाव में आया था, लेकिन उसके बाद घरेलू करेंसी ने बेहतर प्रदर्शन किया।

भारत-अमेरिका में द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर निरंतर बातचीत जारी

वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर निरंतर बातचीत और संवाद जारी है। उन्होंने यह भी कहा कि इसका पहल चरण पर इस साल अक्टूबर तक शुरू हो जाएगा। प्रसाद ने शुक्रवार को न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूतावास के एक संवाद सत्र में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए ये टिप्पणियां कीं। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे प्रसाद ने कहा, “भारत और अमेरिका के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं और दोनों देशों के बीच लगातार संवाद और संचार होता रहता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई पिछली बातचीत में द्विपक्षीय व्यापार समझौते की औपचारिकताएं और तौर-तरीके तय कर लिए गए हैं और सितंबर तक, आप हमारे कार्यक्रम और नीतियों का पहला हिस्सा देखेंगे।”

इस कार्यक्रम में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के प्रमुख सदस्यों, बैंकिंग, वित्त और कॉरपोरेट क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ छात्रों की उपस्थिति में अपने संबोधन में प्रसाद ने प्रवासी समुदाय से आग्रह किया कि वे इस बारे में सुझाव दें कि द्विपक्षीय व्यापार समझौते में किन मुद्दों को उठाया जाना चाहिए, ताकि उन पर ध्यान दिया जा सके। उन्होंने कहा, “समुदाय को भी अमेरिकी सरकार को अपने सुझाव देने चाहिए, ताकि जब दोनों सरकारें बात करें, तो आपके सुझावों को प्राथमिकता दी जाए। हम उन विचारों और सुझावों के लिए खुले हैं। मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि चीजें बहुत सकारात्मक दिख रही हैं। आप बहुत सकारात्मक परिणाम सुनेंगे।”

प्रसाद ने कहा कि व्यापार समझौते को लेकर अमेरिका और भारत के बीच बातचीत विभिन्न स्तरों पर हो रही है, जिसकी शुरुआत राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व से हुई है। वर्तमान में वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त सचिव वाशिंगटन में हैं और द्विपक्षीय व्यापार समझौते और इसके तौर-तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं। प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर भारतीय और अमेरिकी अधिकारियों के बीच विचार-विमर्श बुधवार को वाशिंगटन में शुरू हुआ, जिसका उद्देश्य मुद्दों को सुलझाना और वार्ता को गति देना है।


अप्रैल में विदेशी निवेशकों ने भारतीय इक्विटी बाजारों में की शानदार वापसी

विदेशी निवेशकों ने इस महीने भारतीय इक्विटी बाजारों में शानदार वापसी की है और पिछले दो सप्ताह में शुद्ध खरीदार बनकर उभरे हैं। विश्लेषकों ने शनिवार को कहा कि पिछले सात कारोबारी सत्रों में ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय इक्विटी पर निर्णायक रूप से सकारात्मक रुख अपनाया है। यह बदलाव मुख्य रूप से कमजोर अमेरिकी डॉलर, टैरिफ समझौतों की समीक्षा और भारत की आर्थिक प्रगति को लेकर आशावाद की नई भावना के कारण हुआ है। बीडीओ इंडिया के एफएस टैक्स, टैक्स एंड रेगुलेटरी सर्विसेज के पार्टनर और लीडर मनोज पुरोहित ने कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सुस्त वृद्धि के साथ चुनौतीपूर्ण वैश्विक पृष्ठभूमि के बीच, भारत अपनी आर्थिक मजबूती के लिए आगे बढ़ रहा है।" भारत के वित्त वर्ष 2026 में 6 प्रतिशत से अधिक की मजबूत दर से बढ़ने का अनुमान है और यह एकमात्र सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी हुई है, जिससे यह वैश्विक निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन गया है।

पुरोहित ने बताया, "निकट भविष्य में एफपीआई प्रवाह मजबूत रहने की उम्मीद है, जो मौजूदा बाजार रैली को अतिरिक्त समर्थन प्रदान करेगा। वैश्विक निवेशक अपनी रणनीतियों का पुनर्मूल्यांकन कर रहे हैं, भारत की आर्थिक बुनियादों और आय क्षमता इसे वैश्विक स्तर पर हो रही उथल-पुथल भरी घटनाओं में स्थिरता और विकास के प्रतीक के रूप में स्थापित करती हैं।" इस महीने आखिरी कारोबारी सत्र तक एफपीआई ने 22,716.43 करोड़ रुपए की इक्विटी खरीदी और 17,196.33 करोड़ रुपए की इक्विटी बेची, जिसमें 5,520.1 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ। पिछले महीने, एफपीआई ने मार्च 2025 के दूसरे पखवाड़े में खरीदारी बढ़ाई, जिससे चुनिंदा क्षेत्रों में सुधार हुआ।

बीएफएसआई ने 380 मिलियन डॉलर की बिक्री से 2,055 मिलियन डॉलर की खरीदारी के साथ प्रवाह का नेतृत्व किया, जिससे महीने के लिए 1,675 मिलियन डॉलर की कमाई हुई। बजाज ब्रोकिंग के एक हालिया नोट के अनुसार, टेलीकम्युनिकेशन, मेटल और माइनिंग में भी क्रमशः 360 मिलियन डॉलर और 219 मिलियन डॉलर का शुद्ध प्रवाह देखा गया। कुल मिलाकर, एफपीआई की रुचि बीएफएसआई पर केंद्रित रही, जबकि अधिकांश अन्य क्षेत्रों में लगातार बिकवाली का दबाव बना रहा। भारत मजबूत आर्थिक दृष्टिकोण, नीतिगत सुधारों और मजबूत बाजार के साथ वैश्विक पूंजी के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना हुआ है। इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल विकास और ईज-ऑफ डूइंग बिजनेस पर सरकार का निरंतर ध्यान निवेशकों के विश्वास को बढ़ाता है।

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