ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म पर कैश ट्रांजेक्शन पर प्रतिबंध की मांग, दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र, दिल्ली सरकार से मांग जवाब

याचिका में भ्रष्टाचार को कम करने और हवाई टिकट, रेल टिकट, बिजली बिल तथा अन्य बिल के 10 हजार रुपए या उससे अधिक के नकद लेनदेन पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया गया है।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

दिल्ली उच्च न्यायालय ने अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से खरीदे गए सामान, उत्पादों और सेवाओं के लिए नकद लेनदेन को प्रतिबंधित करने की मांग वाली याचिका पर बुधवार को केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा।

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने अधिवक्ता और बीजेपी नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया। याचिका में भ्रष्टाचार को कम करने और हवाई टिकट, रेल टिकट, बिजली बिल तथा अन्य बिल के 10 हजार रुपए या उससे अधिक के नकद लेनदेन पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया गया है।

हालांकि अदालत ने इस मामले में कोई औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया, लेकिन उसने केंद्र सरकार की ओर से पेश - अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा और दिल्ली सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता संतोष कुमार त्रिपाठी को मामले में निर्देश प्राप्त करने के लिए कहा और इसे अगस्त में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

उपाध्याय ने दलील दी कि जनहित याचिका के अनुरोध भ्रष्टाचार, काले धन के उत्पादन, मनी लॉन्ड्रिंग, बेनामी लेनदेन और आय से अधिक संपत्ति की समस्याओं का व्यावहारिक समाधान है।


याचिका में कहा गया है, इसी प्रकार कोई भी जिला माफियाओं से अछूता नहीं है- जैसे भू-माफिया, नशा-शराब माफिया, खनन माफिया, ट्रांसफर-पोस्टिंग माफिया, सट्टा माफिया, टेंडर माफिया, हवाला माफिया, अवैध अप्रवासी माफिया, धर्मांतरण माफिया, अंधविश्वास-काला जादू माफिया और सफेदपोश राजनीतिक माफिया जो धर्म, नस्ल, जाति, लिंग और जन्म स्थान के आधार पर समाज को विभाजित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार को अन्य देशों की अच्छी प्रथाओं की जांच करनी चाहिए जो भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक में शीर्ष 20 में हैं और एक मजबूत संदेश देने के लिए कि वह भ्रष्टाचार और काले धन के खतरे का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध है, उनका उपयोग करना चाहिए।


दलील में कहा गया है: भारत स्वच्छ-पारदर्शी शासन के बिना आगे नहीं बढ़ सकता है, जिसके लिए भ्रष्टाचार मुक्त समाज एक बुनियादी आवश्यकता है और यह 100 रुपये से ऊपर की मुद्रा को वापस लेने, 50,000 रुपये से अधिक की संपत्ति को आधार से जोड़ने, 10,000 रुपये से अधिक के नकद लेनदेन को प्रतिबंधित करने और और शत-प्रतिशत काला धन, आय से अधिक संपत्ति और बेनामी संपत्ति को जब्त करना और लुटेरों को कठोर आजीवन कारावास देने से ही संभव हो सकेगा।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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