अर्थतंत्र की खबरें: अक्षय तृतीया 12,000 करोड़ रुपए के सोने की बिक्री! और आरबीआई ने बैंक को लेकर जानें क्या कहा?
ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के प्रेसिडेंट, पंकज अरोड़ा ने कहा कि अक्षय तृतीया के अवसर पर 12,000 करोड़ रुपए की वैल्यू के 12 टन सोने की बिक्री हो सकती है।

अक्षय तृतीया के अवसर पर सोना खरीदने को काफी शुभ माना जाता है। इस साल अक्षय तृतीया पर देशभर में 12,000 करोड़ रुपए के सोने की बिक्री हो सकती है। यह बयान इंडस्ट्री बॉडी की ओर से मंगलवार को दिया गया।
ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के प्रेसिडेंट, पंकज अरोड़ा ने कहा कि अक्षय तृतीया के अवसर पर 12,000 करोड़ रुपए की वैल्यू के 12 टन सोने की बिक्री हो सकती है।
अरोड़ा ने कहा, "इस साल चांदी की बिक्री भी 400 टन या 4,000 करोड़ रुपए के आंकड़े को छू सकती है। ऐसे में देश में अक्षय तृतीया के मौके पर 16,000 करोड़ रुपए का कारोबार होने की उम्मीद है।" हालांकि, उन्होंने माना कि ऊंची कीमतों की वजह से कुछ ग्राहक हिचकिचा रहे हैं।
अरोड़ा के मुताबिक, कई वैश्विक कारकों की वजह से कीमतें बढ़ी हैं जिसमें आर्थिक अनिश्चितता, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें, कमजोर रुपया और भू-राजनीतिक तनाव शामिल हैं।
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रेसिडेंट बीसी भरतिया ने कहा कि भारत में शादियों के लिए सोना और चांदी खरीदना एक परंपरा है, इसलिए आवश्यक खरीदारी अभी भी हो रही है। चालू शादी सीजन ने मांग को कुछ हद तक बनाए रखने में मदद की है।
भरतिया ने कहा, "खरीदारों को आकर्षित करने के लिए ज्वेलर्स छूट और विशेष ऑफर भी दे रहे हैं।"
कैट के अनुसार, बीते एक साल में सोने की कीमतों में भारी उछाल आया है। पिछले साल सोने की कीमत 73,500 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, लेकिन इस साल यह 1 लाख रुपये के स्तर को छू गई है।
चांदी की कीमत भी 86,000 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 1,00,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है।
कैट के मुताबिक, भले ही कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई हो, लेकिन अक्षय तृतीया का उत्साह व्यापारियों के बीच अभी भी मजबूत है क्योंकि इस दिन सोना खरीदना भारत में समृद्धि और सौभाग्य लाने का प्रतीक माना जाता है। मान्यता यह है कि अक्षय तृतीया पर खरीदा गया सोना कभी भी अपना मूल्य नहीं खोता है।
रुपया दो पैसे की गिरावट के साथ 85.25 प्रति डॉलर पर
अमेरिकी डॉलर में सुधार और भारत एवं पाकिस्तान के बीच भू-राजनीतिक तनाव के बीच रुपया मंगलवार को सीमित दायरे में रहा और दो पैसे की गिरावट के साथ 85.25 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
हालांकि, मुद्रा विश्लेषकों ने कहा कि सकारात्मक घरेलू बाजार और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी ने घरेलू मुद्रा की गिरावट को सीमित रखा।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 85.06 पर खुला था। कारोबार के दौरान रुपया 84.96 प्रति डॉलर के ऊपरी और 85.40 प्रति डॉलर के निचले स्तर के बीच घूमता रहा।
कारोबार के अंत में रुपया 85.25 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से दो पैसे की गिरावट दर्शाता है।
सोमवार को रुपया 18 पैसे मजबूत होकर 85.23 प्रति डॉलर के भाव पर रहा था।
मिराए एसेट शेयरखान के अनुसंधान विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘ व्यापार शुल्कों पर अनिश्चितता और भारत एवं पाकिस्तान के बीच जारी भू-राजनीतिक तनाव से रुपये के दबाव में रहने की आशंका है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी डॉलर-भारतीय रुपया का हाजिर मूल्य 84.90 से 85.60 के बीच रहने के आसार हैं।’’
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.16 प्रतिशत की बढ़त के साथ 99.17 पर रहा।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 1.64 प्रतिशत की गिरावट के साथ 64.78 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
घरेलू शेयर बाजार में बीएसई सेंसेक्स 70.01 अंक की बढ़त के साथ 80,288.38 अंक पर जबकि निफ्टी 7.45 अंक चढ़कर 24,335.95 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) सोमवार को लिवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 2,474.10 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
शेयर बाजार सपाट बंद, आईटी शेयरों में हुई खरीदारी
भारतीय शेयर बाजार ने मंगलवार के कारोबारी सत्र में सीमित दायरे में कारोबार किया और करीब सपाट बंद हुआ। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 70 अंक या 0.09 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 80,288 और निफ्टी 7 अंक की तेजी के साथ 24,335 पर था।
कारोबारी सत्र में आईटी शेयरों में शानदार तेजी देखने को मिली। निफ्टी आईटी इंडेक्स 1.23 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ।
सेंसेक्स पैक में टेक महिंद्रा, इटरनल (जोमैटो), इंडसइंड बैंक, एचसीएल टेक, इन्फोसिस, टाइटन, टीसीएस, अदाणी पोर्ट्स, भारती एयरटेल, बजाज फिनसर्व, एचयूएल, एशियन पेंट्स और एक्सिस बैंक टॉप गेनर्स थे। अल्ट्राटेक सीमेंट, सनफार्मा, पावर ग्रिड, एनटीपीसी, कोटक महिंद्रा, एमएंडएम, एसबीआई, नेस्ले, आईटीसी, एचडीएफसी बैंक टॉप लूजर्स थे।
सेक्टोरल आधार पर आईटी के अलावा, इन्फ्रा, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और ऑयलएंडगैस सबसे ज्यादा बढ़ने वाले इंडेक्स थे। ऑटो, फार्मा, मेटल, मीडिया, एनर्जी और कमोडिटी इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए।
लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप में अधिक तेजी देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 147 अंक या 0.27 प्रतिशत की तेजी के साथ 54,587 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 61 अंक या 0.37 प्रतिशत की बढ़त के साथ 16,738 पर बंद हुआ।
व्यापक बाजार का रुझान नकारात्मक था। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 1,824 शेयर हरे निशान में, 2,100 शेयर लाल निशान में और 130 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए हैं।
आशिका इंस्टीट्यूशनल इक्विटी में टेक्निकल एंड डेरिवेटिव्स एनालिस्ट, सुंदर केवट का कहना है कि निफ्टी 24,370 के साथ सकारात्मक खुला था और इंट्राडे 24,457 का हाई छूने के बाद इंडेक्स में उतार-चढ़ाव देखा गया। इस दौरान आईटी, ऑयलएंडगैस और पीएसयू बैंक जैसे सेक्टर मजबूत थे। वहीं, फार्मा, मेटल, हेल्थकेयर और मीडिया जैसे सेक्टर्स में कमजोरी देखी गई।
वैश्विक बाजारों से सकारात्मक संकेतों के कारण भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में खुला था। सुबह करीब 9.25 बजे सेंसेक्स 409.4 अंक या 0.51 प्रतिशत बढ़कर 80,627.85 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 118.10 अंक या 0.49 प्रतिशत चढ़कर 24,446.60 पर था।
आरबीआई का बैंक में नकदी डालने का कदम बॉन्ड की कीमतों के लिए सकारात्मक
भारतीय रिजर्व बैंक ने मई में कुल 1.25 लाख करोड़ रुपए के सरकारी बॉन्ड खरीदकर बैंकिंग सिस्टम में अधिक नकदी डालने का फैसला किया है।
इस कदम से बॉन्ड की कीमतों में भी तेजी आने की उम्मीद है, जो पहलगाम आतंकी हमले के बाद पैदा हुई अनिश्चितता के बाद विदेशी बैंकों और प्राथमिक डीलरों की बिकवाली के कारण गिर गई थी।
सरकारी बॉन्ड खरीदने के लिए आरबीआई का ओपन मार्केट ऑपरेशन (ओएमओ) 6 से 19 मई के बीच चार चरणों में होगा।
आरबीआई के बयान के अनुसार, मौजूदा और नकदी स्थितियों की समीक्षा के बाद यह फैसला लिया गया।
यह कदम आरबीआई के 1 अप्रैल को 80,000 करोड़ रुपए के सरकारी बॉन्ड खरीदने की घोषणा के तुरंत बाद उठाया गया है, जिसके बाद 11 अप्रैल को 40,000 करोड़ रुपए की एक और खरीद की घोषणा की गई।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि केंद्रीय बैंक लिक्विडिटी और बाजार स्थितियों की निगरानी करना जारी रखेगा और व्यवस्थित लिक्विडिटी की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए उचित उपाय करेगा।
'बॉन्ड की खरीद' आरबीआई द्वारा सिस्टम में नकदी डालने के लिए हाल ही में उठाए गए कदमों के क्रम में की गई है।
मार्च में बैंक ने 50,000-50,000 करोड़ रुपए की दो किस्तों में 1 लाख करोड़ रुपए की सरकारी प्रतिभूतियों की ओएमओ खरीद की थी।
केंद्रीय बैंक ने 36 महीनों के लिए 10 बिलियन डॉलर की डॉलर-रुपया खरीद/बिक्री स्वैप नीलामी भी आयोजित की।
इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने बेंचमार्क रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती कर और अपने तटस्थ रुख को बदलकर अकोमोडेटिव बनाकर उधार लेने की लागत कम कर दी।
मुद्रास्फीति की दर में कमी आने के कारण आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए 'सॉफ्ट मनी पॉलिसी' के हिस्से के रूप में ये कदम उठाए गए।
वित्तीय विश्लेषकों के अनुसार, ताजा नकदी प्रवाह से नए बेंचमार्क बॉन्ड के लिए बेहतर कीमत मिलने की भी उम्मीद है, जिसकी नीलामी 2 मई को होगी।
पुराने बेंचमार्क बॉन्ड द्वारा 1.84 लाख करोड़ रुपए की बकाया राशि पूरी होने के बाद आरबीआई ने नए बॉन्ड की घोषणा की।
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