अर्थतंत्र की खबरें: भूटानी और डब्ल्यूटीसी ग्रुप ने खरीदारों से की धोखाधड़ी और सोना 200 रुपये टूटा, चांदी स्थिर
ईडी द्वारा रियल एस्टेट कंपनी डब्ल्यूटीसी ग्रुप और भूटानी ग्रुप पर की गई छापेमारी में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं पाई गई हैं, जो आरोपी कंपनियों और इन फर्मों से जुड़े लोगों द्वारा सैकड़ों घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी का स्पष्ट संकेत है।

ईडी द्वारा रियल एस्टेट कंपनी डब्ल्यूटीसी ग्रुप और भूटानी ग्रुप पर की गई छापेमारी में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं पाई गई हैं, जो आरोपी कंपनियों और इन फर्मों से जुड़े लोगों द्वारा सैकड़ों घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी का स्पष्ट संकेत है।
सर्च ऑपरेशंस के दौरान दिल्ली/एनसीआर क्षेत्र में 15 परियोजनाओं के खिलाफ विभिन्न निवेशकों से 3,500 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि एकत्र करने से संबंधित दस्तावेज पाए गए हैं।
इसके अतिरिक्त, ईडी के छापे में डब्ल्यूटीसी ग्रुप और भूटानी ग्रुप से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज पाए गए और उन्हें जब्त कर लिया गया है, जिसमें बाजार मूल्य के हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति को नाममात्र मूल्य पर भूटानी ग्रुप को हस्तांतरित कर दिया गया। वहीं, समूह के नकद लेनदेन से संबंधित दस्तावेज भी मिले हैं।
हजारों घर खरीदार और निवेशक अब भारत के सबसे बड़े रियल एस्टेट धोखाधड़ी में से एक माने जा रहे इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।
इस घोटाले के कारण 20,000 से अधिक खरीदार अधूरे विकास कार्यों और हजारों करोड़ रुपये के वित्तीय नुकसान के साथ फंसे हुए हैं।
ईडी के गुरुग्राम जोनल कार्यालय ने 27 फरवरी को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत डब्ल्यूटीसी समूह और प्रमोटर आशीष भल्ला और भूटानी समूह और उसके प्रमोटर आशीष भूटानी के खिलाफ दिल्ली, फरीदाबाद और एनसीआर क्षेत्र में 12 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया था।
एजेंसी ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू), पीएस बीपीटीपी फरीदाबाद और पीएस फरीदाबाद सेंट्रल द्वारा दर्ज दर्जनों एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की, जो सैकड़ों घर खरीदारों और निवेशकों की शिकायतों के आधार पर डब्ल्यूटीसी ग्रुप और उसके प्रमोटरों और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आरोपी कंपनियों/व्यक्तियों द्वारा सैकड़ों घर खरीदारों के खिलाफ धोखाधड़ी के लिए दर्ज की गई थी।
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि डब्ल्यूटीसी फरीदाबाद इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और उसके प्रमोटरों ने लोगों को फरीदाबाद के सेक्टर 111-114 में अपनी परियोजना में निवेश करने का लालच दिया था। इसके बदले में आवासीय प्लॉट आवंटित किए जाने थे।
ईडी के अनुसार, प्रमोटरों/निदेशकों ने एक आपराधिक साजिश रची और निर्धारित समय के भीतर परियोजना को पूरा नहीं करके और 10 साल से अधिक समय तक खरीदारों को प्लॉट्स की डिलीवरी न करके, उनकी मेहनत की कमाई को हड़प लिया।
एफआईआर में यह भी आरोप लगाया गया है कि भूटानी इंफ्रा ग्रुप ने डब्ल्यूटीसी ग्रुप का अधिग्रहण कर लिया है और प्लॉट खरीदारों को असमंजस में रखते हुए फरीदाबाद सेक्टर 111-114 में परियोजना को फिर से शुरू किया है और निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की है तथा उन्हें इकाइयां सरेंडर करने का लालच दिया है।
भूटानी ग्रुप ने जुलाई 2024 में डब्ल्यूटीसी में बहुलांश हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
ग्रुप द्वारा शुरू की जा रही 15 प्रमुख परियोजनाओं में से बहुत कम की डिलीवरी दी गई है, जो एक सुनियोजित पोंजी स्कीम और अन्य संस्थाओं के नाम पर संपत्ति बनाने और विदेशों में धन की हेराफेरी का संकेत देती है।
ईडी के अनुसार, "तलाशी के दौरान यह भी पता चला कि 200 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि सिंगापुर और अमेरिका भेजी गई है, जो विदेशी संपत्तियां हासिल करने के लिए विदेशों में निवेश का संकेत है।"
इसके अतिरिक्त, डब्ल्यूटीसी ग्रुप के नाम पर हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति की पहचान की गई है।
डब्ल्यूटीसी ग्रुप ऑफ कंपनीज के नाम पर विभिन्न एफडी को फ्रीज कर दिया गया है और 1.5 करोड़ रुपये मूल्य की ज्वेलरी और सोना-चांदी भी जब्त कर लिया गया है।
इसके जवाब में भूटानी इंफ्रा ने एक बयान जारी किया, जिसमें विवादास्पद रियल एस्टेट समूह से भूमि या धन हस्तांतरण में किसी भी तरह की संलिप्तता से साफ इनकार किया गया।
कंपनी ने कहा, "डब्ल्यूटीसी के साथ अपने सहयोग के दौरान भूटानी इंफ्रा को कोई भूमि या धन हस्तांतरित नहीं की गई है।" साथ ही कंपनी ने यह भी कहा कि उसने डब्ल्यूटीसी समूह के साथ सभी संबंध तोड़ लिए हैं।
सोना 200 रुपये टूटा, चांदी स्थिर
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में गिरावट के बीच बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 200 रुपये की गिरावट के साथ 89,100 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी।
99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का पिछला बंद भाव 89,300 रुपये प्रति 10 ग्राम था।
99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना बुधवार के बंद स्तर 88,900 रुपये प्रति 10 ग्राम से 200 रुपये की गिरावट के साथ 88,700 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया।
हालांकि, चांदी 99,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर रही।
वैश्विक मोर्चे पर, कॉमेक्स सोना वायदा 12.20 डॉलर की गिरावट के साथ 2,913.80 डॉलर प्रति औंस रह गया। इस बीच, हाजिर सोना 15.57 डॉलर की गिरावट के साथ 2,903.82 डॉलर प्रति औंस रह गया।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक-जिंस सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘बृहस्पतिवार को सोने की कीमतों में गिरावट आई, क्योंकि निवेशकों ने नवीनतम शुल्क घटनाक्रमों और उनके प्रभावों पर विचार किया। ऐसी चर्चा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मेक्सिको और कनाडा पर शुल्क में कमी पर विचार कर सकती हैं।’’
एशियाई बाजार घंटों में कॉमेक्स चांदी वायदा 0.31 प्रतिशत की गिरावट के साथ 33.03 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था।
एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक- जिंस एवं मुद्रा जतिन त्रिवेदी के अनुसार, अमेरिकी एडीपी गैरकृषि रोजगार, गैरकृषि पेरोल और बेरोजगारी के आंकड़ों सहित प्रमुख आर्थिक आंकड़ों के आने के साथ ही, सर्राफा कीमतों में अस्थिरता जारी रहने की उम्मीद है।
विदेशी बाजारों में मजबूती, त्योहारी मांग से अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में सुधार
विदेशी बाजारों में मजबूती के रुख तथा त्योहारी मांग के कारण बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी के प्रमुख तेल-तिलहन बाजारों में अधिकांश तेल-तिलहन (सरसों एवं सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल) के दाम सुधार के साथ बंद हुए। कमजोर कारोबार के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के भाव अपरिवर्तित रहे।
मलेशिया एक्सचेंज दोपहर 3.30 बजे 1.4 प्रतिशत मजबूत था जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में भी सुधार चल रहा है।
बाजार सूत्रों ने कहा कि अभी सरसों न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 4-5 प्रतिशत नीचे चल रहा है। इस बार सरसों का उत्पादन भी कम है और इस तेल का कोई विकल्प नहीं हो सकता। स्टॉकिस्ट अभी सरसों की खरीद कर रहे हैं। त्योहारी मांग होने से सरसों तेल-तिलहन कीमतों में सुधार आया। होली की छुट्टियों के बाद सरकार की ओर से एमएसपी पर सरसों की खरीद शुरू होगी। इससे सरसों किसानों को भी फायदा मिलेगा। सरकार को जल्द से जल्द सरसों की खरीद करने की ओर ध्यान देना चाहिये।
उन्होंने कहा कि त्योहारों के मद्देनजर मिल वालों और संयंत्र वालों की मांग होने के कारण सोयाबीन तेल-तिलहन कीमतों में भी सुधार दर्ज हुआ।
सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन का बाजार बनाना बहुत हद तक नेफेड जैसी सहकारी संस्था पर निर्भर करता है। अगर नेफेड सोयाबीन की बिक्री के लिए कोई निविदा ना मंगाये तो बाजार में भागमभाग नहीं मचेगी और सोयाबीन के दाम नहीं टूटेंगे। जिससे सोयाबीन की आगामी बिजाई पर भी कोई प्रतिकूल असर नहीं आयेगा और बाजार धारणा सुधरने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में लगभग डेढ़ प्रतिशत सुधार के कारण सीपीओ और पामोलीन तेल के दाम में भी सुधार दर्ज हुआ।
सूत्रों ने कहा कि बिनौला तेल का दाम सूरजमुखी तेल से 10 रुपये किलो नीचे है और त्योहारों की वजह से नमकीन बनाने वाली कंपनियों के बीच इस सस्ते तेल की मांग भी बढ़ी है। नमकीन बनाने वाली कंपनियां सूरजमुखी के मुकाबले बिनौला तेल को तरजीह देती हैं। मांग बढ़ने से बिनौला तेल कीमतों में सुधार दर्ज हुआ।
कमजोर कारोबार के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के भाव अपरिवर्तित बने रहे।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन - 6,150-6,250 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली - 5,625-5,950 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,350 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल - 2,210-2,510 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 13,500 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,350-2,450 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,350-2,475 रुपये प्रति टिन।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,100 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,750 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,050 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,500 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,650 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 13,550 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 4,125-4,175 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 3,825-3,875 रुपये प्रति क्विंटल।
रुपया छह पैसे की गिरावट के साथ 87.12 प्रति डॉलर पर
व्यापार शुल्कों को लेकर अनिश्चितता और विदेशी कोषों की सतत निकासी के बीच अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार को डॉलर के मुकाबले रुपये में तीन दिन से जारी तेजी पर विराम लगा और यह छह पैसे के नुकसान के साथ 87.12 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, निवेशक अमेरिका से साप्ताहिक बेरोजगारी दावों के आंकड़ों और यूरोपीय केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति की घोषणा की प्रतीक्षा में सतर्कता के साथ आगे बढ़े।
शुरुआती कारोबार में स्थानीय मुद्रा में तेजी आई, क्योंकि अमेरिका ने कनाडा और मेक्सिको पर उच्च शुल्क के कार्यान्वयन में देरी की और भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग प्रणाली में 1,900 अरब रुपये की नकदी डालने का फैसला किया है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 86.96 पर मजबूत खुला और दिन के कारोबार में 86.88 प्रति डॉलर के ऊंचाई को छू गया। बाद में रुपये में उतार-चढ़ाव देखने को मिला तथा 87.16 के दिन के निचले स्तर को छूने के बाद यह कारोबार के अंत में 87.12 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद स्तर से छह पैसे की गिरावट है।
बुधवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 13 पैसे बढ़कर 87.06 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक, अनुज चौधरी ने कहा कि एफआईआई द्वारा बिकवाली के दबाव के कारण रुपया अपनी शुरुआती बढ़त खो बैठा और डॉलर के मुकाबले टूट गया, जबकि अमेरिकी मुद्रा चार महीने के निचले स्तर पर आ गई क्योंकि अमेरिका ने कनाडा और मेक्सिको से आयात पर उच्च शुल्क लागू करने में देरी करने का फैसला किया।
चौधरी ने कहा कि सकारात्मक घरेलू बाजारों और अमेरिकी डॉलर में कमजोरी के कारण रुपये के थोड़े सकारात्मक रुख के साथ कारोबार करने की उम्मीद है। हालांकि, एफआईआई की निकासी रुपये की तेज बढ़त को रोक सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘व्यापार शुल्क मुद्दे पर अनिश्चितता भी रुपये पर भारी पड़ सकती है। कारोबारी अमेरिका के साप्ताहिक बेरोजगारी दावों के आंकड़ों और ईसीबी के मौद्रिक नीति निर्णय से संकेत ले सकते हैं। डॉलर-रुपया हाजिर मूल्य 86.80 से 87.25 के बीच कारोबार करने की उम्मीद है।’’
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर सूचकांक 0.15 प्रतिशत घटकर 104.12 पर कारोबार कर रहा था।
वायदा कारोबार में वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.39 प्रतिशत बढ़कर 69.57 डॉलर प्रति बैरल हो गया।
घरेलू शेयर बाजार में 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 609.86 अंक बढ़कर 74,340.09 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 207.40 अंक बढ़कर 22,544.70 अंक पर बंद हुआ।
एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने बुधवार को 2,895.04 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
फरवरी में खुदरा वाहन बिक्री में सात प्रतिशत की गिरावट
वाहनों की खुदरा बिक्री में फरवरी माह में सात प्रतिशत की गिरावट आई है। यात्री वाहनों और दोपहिया सहित विभिन्न श्रेणियों में मांग घटने से यह गिरावट देखने को मिली है। वाहन डीलर संघों के महासंघ (फाडा) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
पिछले महीने घरेलू बाजार में वाहनों की कुल खुदरा बिक्री 18,99,196 इकाई रही, जो 2024 की समान अवधि के 20,46,328 इकाई की तुलना में सात प्रतिशत कम है।
फाडा के अध्यक्ष सी एस विग्नेश्वर ने बयान में कहा, “फरवरी में सभी श्रेणियों में व्यापक गिरावट देखी गई।”
उन्होंने कहा कि फरवरी में खुदरा विक्रेताओं ने बिना उनकी सहमति के उन्हें गाड़ियां भेजे जाने के बारे में चिंता जताना शुरू कर दिया।
विग्नेश्वर ने कहा, “हालांकि, इस तरह की पहल व्यापक व्यावसायिक उद्देश्यों की पूर्ति कर सकती है, लेकिन विक्रेता व्यवहार्यता की रक्षा करने और अच्छा प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए थोक आपूर्ति को वास्तविक मांग के साथ मिलाना महत्वपूर्ण है।”
फरवरी में यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री में सालाना आधार पर 10 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 3,03,398 इकाई रह गई।
विग्नेश्वर ने कहा, “खुदरा विक्रेताओं ने कमजोर बाजार धारणा का उल्लेख किया, जो विशेष रूप से शुरुआती स्तर की श्रेणी, चुनौतीपूर्ण लक्ष्य के कारण जारी है। मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) को अत्यधिक खेप के साथ खुदरा विक्रेताओं पर बोझ डालने से बचना चाहिए।’’
फरवरी में दोपहिया वाहनों की बिक्री में सालाना आधार पर छह प्रतिशत की गिरावट देखी गई और यह 13,53,280 इकाई रही, जबकि पिछले साल फरवरी में यह आंकड़ा 14,44,674 इकाई रहा था।
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