अर्थजगत की खबरें: इंडोनेशिया में इलेक्ट्रिक कार निर्माण करेंगे एलन मस्क, कई दिन बाद हरे निशान में लौटा शेयर बाजार

एसबीआई के नये शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बावजूद देश में महंगाई दर के सामान्य होने में समय लगेगा। नेटफ्लिक्स ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि अगर वे कंटेंट से सहमत नहीं हैं, तो वे कंपनी को छोड़ सकते हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

एलन मस्क ने भारत को दिया झटका, इंडोनेशिया में कर सकते हैं इलेक्ट्रिक कार निर्माण

टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने इलेक्ट्रिक कारों के भारत में विनिर्माण की अटकलों को खारिज कर दिया है और उन्होंने अब इस साल नवंबर में इंडोनेशिया का दौरा करने का फैसला किया है। इंडोनेशिया सरकार चाहती है कि मस्क वहां एक विश्व स्तरीय इलेक्ट्रिक बैटरी उद्योग स्थापित करें क्योंकि देश में निकल का विशाल भंडार है।

इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको 'जोकोवी' विडोडो ने पिछले सप्ताहांत में टेक्सास के बोका चीका में स्टारबेस, स्पेसएक्स की रॉकेट उत्पादन सुविधा, परीक्षण स्थल और स्पेसपोर्ट में मस्क से मुलाकात की और उन्हें इंडोनेशिया आने के लिए आमंत्रित किया था।

जकार्ता ग्लोब के अनुसार, मस्क ने स्वीकार किया कि वह इंडोनेशिया के भविष्य में बहुत रुचि रखते हैं, और उन्हें लगता है कि टेस्ला और स्पेसएक्स के साथ कुछ सहयोग के लिए वहां 'महान क्षमता' है। रिपोर्ट में कहा गया है, "मस्क ने इंडोनेशिया की बड़ी आबादी और लगातार आर्थिक विकास का भी उल्लेख किया है, जो उन्हें दक्षिणपूर्व एशिया में सबसे अधिक आबादी वाले देश में रुचि को दर्शाता है।"

छह दिनों की लगातार गिरावट के बाद हरे निशान में लौटा शेयर बाजार

छह दिनों की लगातार गिरावट के बाद घरेलू शेयर बाजार रिएल्टी और दूरसंचार क्षेत्र में हुई लिवाली के दम पर सोमवार को हरे निशान में बंद हुए। बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 0.34 प्रतिशत यानी 180.22 अंक की तेजी के साथ 52,973.84 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 0.38 प्रतिशत यानी 60.15 अंक की बढ़त के साथ 15,842.30 अंक पर बंद हुआ।

बीएसई में दिग्गज कंपनियों की अपेक्षा छोटी और मंझोली कंपनियों पर निवेशक अधिक मेहरबान रहे। सेंसेक्स की 30 कंपनियों में 18 कंपनियां हरे निशान में और 12 लाल निशान में रहीं। विदेशी बाजारों से मिले मिश्रित संकेतों के बीच कारोबार के शुरूआती पहर में लिवाली का जोर रहा लेकिन कारोबार के अंतिम पहर में बिकवाली हावी हो गई। हालांकि, रिएल्टी, दूरसंचार, वाहन, बिजली और यूटिलिटीज के क्षेत्रों में रही लिवाली के दम पर शेयर बाजार लाल निशान में जाने से बच गया।


'ब्याज दर में बढ़ोतरी के बावजूद महंगाई पर काबू पाने में समय लगेगा'

एसबीआई के नये शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी किये जाने के बाद भी देश में महंगाई दर के सामान्य होने में समय लगेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई में लगातार तेजी को देखते हुS यह लगभग सुनिश्चित हो गया है कि आरबीआई जून और अगस्त की बैठक में भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेगा। आरबीआई अगस्त तक इसे कोरोना महामारी के पूर्व के स्तर 5.15 प्रतिशत के स्तर तक ले जायेगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई बढ़ने का भय बना रहेगा और इस बात की संभावना कम है कि इस पर जल्द काबू पाया जा सकेगा। एसबीआई ने रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का देश के ग्रामीण और शहरी इलाकों में महंगाई पर असर का अध्ययन किया। शोध में फरवरी माह को आधार माह के रूप में लिया गया। फरवरी में ही यह युद्ध शुरू हुआ था। शोध से पता चला कि युद्ध के कारण महंगाई में 52 फीसदी योगदान खाद्य और पेय पदार्थो तथा परिवहन का रहा।

नेटफ्लिक्स ने कर्मचारियों से कहा- अगर कंटेंट पसंद नहीं, तो छोड़ दें कंपनी

नेटफ्लिक्स ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि अगर वे इसके कंटेंट से सहमत नहीं हैं, तो वे स्ट्रीमिंग दिग्गज को छोड़ सकते हैं। टेस्ला के सीईओ ने इसका समर्थन किया है। द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, नेटफ्लिक्स ने अपने संस्कृति दिशानिर्देशों को अपडेट किया है और 'आर्टिस्टिक एक्सप्रेशन' नामक एक खंड जोड़ा है, जिसमें बताया गया है कि प्लेटफॉर्म दर्शकों के लिए प्रोग्रामिंग कैसे बनाता है।

नेटफ्लिक्स ने कहा, "हम दर्शकों को यह तय करने देते हैं कि उनके लिए क्या उपयुक्त है।"
कंपनी ने कहा, "आपकी भूमिका के आधार पर, आपको उन टाइटल पर काम करने की आवश्यकता हो सकती है जिन्हें आप हानिकारक मानते हैं। यदि आपको हमारे कंटेंट का समर्थन करने में कठिनाई होती है, तो नेटफ्लिक्स आपके लिए सबसे अच्छी जगह नहीं हो सकती।" कंपनी के अनुसार, नया खंड जोड़ा गया है ताकि 'संभावित कर्मचारी हमारी स्थिति को समझ सकें, और बेहतर निर्णय ले सकें कि क्या नेटफ्लिक्स उनके लिए सही कंपनी है'।


भारतीय आईपीओ बाजार में साल की पहली तिमाही के दौरान रही सुस्ती

भू-राजनीतिक तनाव, कमोडिटी के बढ़ते दाम और केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक नीति को सख्त करने की कोशिशों के कारण शेयर बाजार में जारी भारी उथलपुथल से इस साल की पहली तिमाही के दौरान भारतीय आईपीओ बाजार में सुस्ती छाई रही। ईवाई की ग्लोबल आईपीओ ट्रेंड रिपोर्ट के अनुसार इस साल जनवरी से मार्च तक की पहली तिमाही के दौरान भारतीय शेयर बाजार में 16 आईपीओ लॉन्च किये गये, जबकि गत साल की समान तिमाही के दौरान 23 आईपीओ लॉन्च हुये थे।

इस साल मार्च में समाप्त तिमाही के दौरान आईपीओ लॉन्च से 99.5 करोड़ डॉलर की पूंजी जुटाई गई, जबकि साल 2021 की पहली तिमाही के दौरान यह आंकड़ा 2.57 अरब डॉलर रहा था। आईपीओ के जरिये जुटाई जाने वाली रकम में इस साल पहली तिमाही के दौरान 60 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। एसएमई सेक्टर ने आलोच्य तिमाही में 13 आईपीओ के जरिये 1.75 करोड़ डॉलर की पूंजी जुटाई।

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Published: 16 May 2022, 7:42 PM