अर्थतंत्र की खबरें: दीपावली पर सोना आम खरीदारों से दूर, भारी मांग से चांदी की किल्लत और 'अभी और कटौती की गुंजाइश'

सर्राफा बाजार में सोने-चांदी की ऊंची कीमतों के कारण बने असामान्य हालात ने दीपावली के त्योहार की खरीदारी की तस्वीर को बदल कर रख दिया है। सर्राफा बाजार में सोने के जेवरात की दुकानों के मुकाबले चांदी के आभूषणों की दुकानों में ज्यादा ग्राहक नजर आ रहे हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

दीपावली के त्योहार से पहले सोना अपनी ऊंची कीमतों के कारण आम ग्राहकों की पहुंच से दूर हो गया है, जबकि कारोबारियों के मुताबिक खरीदारों की भारी मांग के चलते थोक बाजार में चांदी की किल्लत पैदा हो गई है।

सर्राफा कारोबार के जानकारों ने बताया कि यह स्थिति इसलिए भी है क्योंकि बढ़िया प्रतिफल के कारण चांदी को निवेश के आकर्षक माध्यम के तौर पर भी देखने वाले लोगों की तादाद में लगातार इजाफा हो रहा है।

जानकारों के मुताबिक, स्थानीय सर्राफा बाजार में बुधवार को सोना 1,31,200 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 1,80,500 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर बिकी।

सर्राफा बाजार में सोने-चांदी की ऊंची कीमतों के कारण बने असामान्य हालात ने दीपावली के त्योहार की खरीदारी की तस्वीर को बदल कर रख दिया है। दीपावली की उल्टी गिनती शुरू होने के बीच दुल्हन की तरह सजे सर्राफा बाजार में सोने के जेवरात की दुकानों के मुकाबले चांदी के आभूषणों की दुकानों में ज्यादा ग्राहक नजर आ रहे हैं।

सर्राफा बाजार के कारोबारी रतन जैन ने बताया,‘‘पिछले एक साल के दौरान चांदी के भाव जिस तरह बढ़े हैं, उससे आकर्षित होकर लोग इसकी खरीद को तरजीह दे रहे हैं। जाहिर है कि बढ़िया प्रतिफल की उम्मीद के कारण चांदी में लोगों का निवेश बढ़ रहा है।"

उन्होंने बताया कि गुजरे एक साल के दौरान चांदी के भाव में उछाल के कारणों में निवेशकों की मांग के साथ ही औद्योगिक उपयोग और त्योहारों की खरीदारी में इजाफा शामिल है।

नीतिगत दर में अभी और कटौती की गुंजाइशः एमपीसी बैठक में आरबीआई गवर्नर

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने ब्याज दरों में अभी और कटौती की गुंजाइश बताते हुए संकेत दिया कि इसे उचित समय पर किया जाएगा।

आरबीआई ने एक अक्टूबर को संपन्न हुई एमपीसी बैठक का ब्योरा बुधवार को जारी किया। इस बैठक में गवर्नर ने एमपीसी के पांच अन्य सदस्यों के साथ मिलकर रेपो दर को 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रखने के पक्ष में मतदान किया था।

इस बैठक में मल्होत्रा ​​ने कहा था कि पूर्वानुमानों में संशोधन के परिणामस्वरूप सकल और प्रमुख मुद्रास्फीति के लिए अनुकूल दृष्टिकोण वृद्धि को और समर्थन देने के लिए नीतिगत गुंजाइश खोलता है।

मल्होत्रा ने कहा, ‘‘हालांकि, नीतिगत दर में अभी और कटौती की गुंजाइश है, लेकिन मुझे लगता है कि यह इसके लिए उपयुक्त समय नहीं है, क्योंकि इसका वांछित प्रभाव नहीं होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, मैं रेपो दर को 5.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने के पक्ष में मतदान करता हूं। बहरहाल, नीति का उद्देश्य वृद्धि को बढ़ावा देने वाली परिस्थितियों को सुगम बनाना जारी रखना है।’’


सितंबर में बेरोजगारी दर मामूली बढ़कर 5.2 प्रतिशत हुई: सरकारी सर्वेक्षण

पंद्रह वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए बेरोजगारी दर सितंबर, 2025 में मामूली रूप से बढ़कर 5.2 प्रतिशत हो गई। बुधवार को जारी एक सरकारी सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई।

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) द्वारा जारी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के अनुसार, अगस्त में बेरोजगारी दर (यूआर) 5.1 प्रतिशत, जुलाई में 5.2 प्रतिशत तथा मई और जून में 5.6 प्रतिशत थी।

मई, 2025 में जारी प्रथम पीएलएफएस बुलेटिन के अनुसार अप्रैल में बेरोजगारी दर 5.1 प्रतिशत थी।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में बेरोजगारी दर सितंबर, 2025 में थोड़ी बढ़कर 5.2 प्रतिशत हो गई, जो अगस्त, 2025 में 5.1 प्रतिशत थी। इससे पहले लगातार दो महीनों तक इसमें गिरावट दर्ज की गई थी।’’

वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) में एकत्र किए गए नवीनतम आंकड़ों से पता चला है कि 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए बेरोजगारी दर सितंबर में 5.2 प्रतिशत थी।

सर्वेक्षण के अनुसार, 15 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों में ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी बढ़कर अगस्त, 2025 के 4.3 प्रतिशत से सितंबर, 2025 में 4.6 प्रतिशत हो गई। शहरों में भी बेरोजगारी थोड़ी बढ़ी, जो अगस्त में 6.7 प्रतिशत थी और सितंबर में 6.8 प्रतिशत हो गई।

सर्वेक्षण के मुताबिक, 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की शहरी महिलाओं में बेरोजगारी दर सितंबर, 2025 में 9.3 प्रतिशत हो गई जो अगस्त, 2025 के दौरान 8.9 प्रतिशत थी।

सर्वेक्षण के अनुसार, ग्रामीण महिलाओं में बेरोज़गारी बढ़ने से कुल महिलाओं की बेरोजगारी दर भी बढ़ी है। अगस्त, 2025 में यह दर 5.2 प्रतिशत थी, जो सितंबर में बढ़कर 5.5 प्रतिशत हो गई।

रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर से 75 पैसे चढ़कर 88.06 प्रति डॉलर पर

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को रुपया 75 पैसे के जोरदार उछाल के साथ 88.06 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो भारतीय रिजर्व बैंक के संभावित हस्तक्षेप और घरेलू बाजारों में तेजी के कारण लगभग चार महीनों में एक दिन के कारोबार में आई सर्वाधिक तेजी है।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता को लेकर आशावाद के कारण घरेलू बाजारों में लगभग 0.70 प्रतिशत की तेजी आई, जिसका असर अमेरिकी डॉलर-रुपये की विनिमय दर पर दिखाई दिया।

इसके अलावा, कमजोर डॉलर और कच्चे तेल की कीमतों में रातोंरात गिरावट ने भी रुपये को समर्थन दिया।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में, रुपया डॉलर के मुकाबले 88.74 पर खुला और कारोबार के दौरान 88 के स्तर से नीचे चला गया और बाद में 87.93 प्रति डॉलर के उच्च स्तर को छू गया। घरेलू मुद्रा अंततः डॉलर के मुकाबले 88.06 पर बंद हुई, जो पिछले बंद भाव से 75 पैसे की बढ़त है।

मंगलवार को रुपया 13 पैसे की गिरावट के साथ डॉलर के मुकाबले 88.81 के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था।