अर्थतंत्र की खबरें: बैंक ऑफ जापान की ब्याज दर बढ़ोतरी के बाद सोने की कीमतों में गिरावट और शेयर बाजार में तेजी लौटी
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर फरवरी डिलीवरी वाला सोना 0.56 प्रतिशत गिरकर 1,33,772 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गया। वहीं शुरुआती कारोबार में चांदी की कीमतों में भी कमजोरी दिखी और मार्च डिलीवरी वाली चांदी 0.26 प्रतिशत गिरकर 2,03,034 रुपए प्रति किलो पर ट्रेड करते नजर आई।

सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार सुबह घरेलू वायदा बाजार में सोने की कीमतों में गिरावट देखी गई। इसकी वजह यह रही कि बैंक ऑफ जापान (बीओजे) ने अपनी ब्याज दर बढ़ा दी, जिसके बाद निवेशकों ने मुनाफा निकालना शुरू कर दिया।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर फरवरी डिलीवरी वाला सोना 0.56 प्रतिशत गिरकर 1,33,772 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गया। वहीं शुरुआती कारोबार में चांदी की कीमतों में भी कमजोरी दिखी और मार्च डिलीवरी वाली चांदी 0.26 प्रतिशत गिरकर 2,03,034 रुपए प्रति किलो पर ट्रेड करते नजर आई। हालांकि बाद में इसकी कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली।
कीमती धातुओं की कीमतों में यह गिरावट तब आई, जब बैंक ऑफ जापान ने अपनी प्रमुख ब्याज दर बढ़ाकर 0.75 प्रतिशत कर दी, जो सितंबर 1995 के बाद सबसे ज्यादा है।
हालांकि बाजार को इस फैसले का पहले से अंदाजा था, फिर भी निवेशकों ने मुनाफा वसूली की। इस फैसले से अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर असर पड़ा और इसका प्रभाव सोने-चांदी जैसी कीमती धातुओं के भाव पर भी दिखा।
अमेरिका से आई महंगाई की रिपोर्ट ने भी सोने की कीमतों को नीचे खींचा। नवंबर में अमेरिका में महंगाई दर 2.7 प्रतिशत रही, जबकि विशेषज्ञों को इसके 3.1 प्रतिशत रहने की उम्मीद थी।
आमतौर पर सोने को महंगाई से बचाव का साधन माना जाता है, लेकिन जब महंगाई कम होती है तो सोने की मांग घट जाती है और कीमतों पर दबाव पड़ता है।
इसके अलावा अमेरिकी डॉलर भी थोड़ा मजबूत हुआ। डॉलर इंडेक्स में 0.10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और वह एक हफ्ते के ऊंचे स्तर के पास पहुंच गया। जब डॉलर मजबूत होता है, तो दूसरे देशों के लोगों के लिए सोना खरीदना महंगा पड़ता है, जिससे इसकी मांग कम हो जाती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्रीय बैंकों के फैसले, अमेरिका की कम महंगाई और मजबूत डॉलर इन सभी कारणों ने मिलकर शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में सोने और चांदी की कीमतों को नीचे धकेल दिया।
रुपया 54 पैसे मजबूत होकर 89.66 प्रति डॉलर पर बंद
कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के बीच रुपया शुक्रवार को 54 पैसे मजबूत होकर 89.66 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि घरेलू शेयर बाजारों में सकारात्मक रुझान और ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों के 59 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के आसपास बने रहने से घरेलू मुद्रा को निचले स्तर पर समर्थन मिला।
उन्होंने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपये में हाल के हफ्तों में लगातार रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचने के बाद यह तेजी संभवतः भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप के कारण आई है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 90.19 पर खुला। दिन में यह 89.25 प्रति डॉलर के उच्च स्तर तक पहुंचा जो पिछले बंद भाव से 95 पैसे अधिक है। अंत में यह 89.66 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से 54 पैसे की बढ़त दर्शाता है।
रुपया बृहस्पतिवार को 18 पैसे मजबूत होकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 90.20 पर बंद हुआ था।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘ कंपनियों की ओर से डॉलर के प्रवाह और कच्चे तेल की गिरती कीमतों के कारण शुक्रवार को भारतीय रुपया लगातार तीसरे सत्र में मजबूत हुआ। घरेलू बाजारों में मजबूती ने भी रुपये को समर्थन दिया।’’
चौधरी ने कहा कि विदेशी निवेशकों के बिकवाली दबाव और भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौते में देरी से उत्पन्न घबराहट के कारण रुपये में गिरावट का रुख रहने के आसार हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ हालांकि, अमेरिकी डॉलर सूचकांक और कच्चे तेल की कीमतों में समग्र कमजोरी रुपये को निचले स्तर पर सहारा दे सकती है। अमेरिकी डॉलर-भारतीय रुपये का हाजिर भाव 89.90 से 90.50 के बीच रहने का अनुमान है।’’
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.24 प्रतिशत की बढ़त के साथ 98.66 पर रहा।
घरेलू शेयर बाजार में सेंसेक्स 447.55 अंक चढ़कर 84,929.36 अंक पर जबकि निफ्टी 150.85 अंक टूटकर 25,966.40 अंक पर बंद हुआ।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.37 प्रतिशत की गिरावट के साथ 59.60 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बृहस्पतिवार को लिवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 595.78 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
शेयर बाजार में चार दिनों के बाद तेजी लौटी, सेंसेक्स 447 अंक उछला
वैश्विक बाजारों में तेजी और विदेशी निवेशकों की लिवाली के बीच घरेलू शेयर बाजार चार दिनों की गिरावट के बाद शुक्रवार को उछाल के साथ बंद हुए। मानक सूचकांक बीएसई सेंसेक्स में 447 अंक की तेजी रही जबकि एनएसई निफ्टी 151 अंक चढ़ गया।
विश्लेषकों ने कहा कि अमेरिका में नवंबर के खुदरा मुद्रास्फीति आंकड़े उम्मीद से कम रहने से फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में आगे और कटौती की उम्मीद मजबूत हुई है जिससे निवेशकों का रुझान शेयरों की ओर बढ़ा।
बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स 447.55 अंक यानी 0.53 प्रतिशत चढ़कर 84,929.36 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 585.69 अंक बढ़कर 85,067.50 अंक तक पहुंच गया था।
एनएसई का 50 शेयरों वाला मानक सूचकांक निफ्टी भी 150.85 अंक यानी 0.58 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,966.40 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, पावर ग्रिड, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स, एशियन पेंट्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज और बजाज फिनसर्व के शेयर बढ़त में रहे।
दूसरी तरफ, एचसीएल टेक, कोटक महिंद्रा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और सन फार्मा के शेयरों में गिरावट का रुख देखा गया।
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक बढ़त के साथ बंद हुए।
यूरोप के शेयर बाजार बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजारों में बृहस्पतिवार को तेजी दर्ज की गई थी।
ऑनलाइन ट्रेडिंग मंच एनरिच मनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी पोनमुदी आर. ने कहा, “निवेशकों की धारणा सकारात्मक रही और वैश्विक संकेतकों से समर्थन मिला। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा आगे ब्याज दरों में और कटौती किए जाने की उम्मीद बढ़ने से वैश्विक जोखिम लेने की प्रवृत्ति बढ़ी।”
उन्होंने कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में सुधार से भी निवेशकों का भरोसा बढ़ा और व्यापक स्तर पर खरीदारी देखने को मिली।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 595.78 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध खरीदारी की। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने भी पिछले कारोबारी सत्र में 2,700.36 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.40 प्रतिशत गिरकर 59.58 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
बृहस्पतिवार को घरेलू शेयर बाजार में लगातार चौथे दिन गिरावट रही थी। सेंसेक्स 77.84 अंक गिरकर 84,481.81 अंक और निफ्टी तीन अंक की मामूली गिरावट के साथ 25,815.55 अंक पर लगभग स्थिर बंद हुआ था।
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