अर्थतंत्र की खबरें: सोना की कीमत में उछाल, बना दिया फिर नया रिकॉर्ड और शेयर बाजार में लगातार चौथे दिन तेजी
सोने की कीमत 700 रुपये उछलकर 1,24,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई। अमेरिका में वित्त पोषण को लेकर विवाद के बीच विभिन्न विभागों में कामकाज ठप होने और फेडरल रिजर्व के ब्याज दर में और कटौती की बढ़ती संभावनाओं के साथ सोने में तेजी आई।

सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोने की कीमत 700 रुपये उछलकर 1,24,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई। अमेरिका में वित्त पोषण को लेकर विवाद के बीच विभिन्न विभागों में कामकाज ठप होने और फेडरल रिजर्व के ब्याज दर में और कटौती की बढ़ती संभावनाओं के साथ सोने में तेजी आई।
हालांकि, चांदी अपने अपने उच्चतम स्तर से 3,400 रुपये की गिरावट के साथ 1,54,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) पर आ गई।
अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना सोमवार को 1,23,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
स्थानीय सर्राफा बाजार में, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना मंगलवार को 700 रुपये बढ़कर 1,23,400 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। पिछले बाजार सत्र में यह 1,22,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
हालांकि, चांदी अपने अपने उच्चतम स्तर से 3,400 रुपये की गिरावट के साथ 1,54,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) पर आ गई। सोमवार को चांदी 1,57,400 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
वैश्विक स्तर पर, हाजिर सोना गिरावट के साथ 3,958.18 डॉलर प्रति औंस पर रहा। मंगलवार को सोने की कीमत 3,977.45 डॉलर प्रति औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थी।
मंगलवार को सोने की कीमतों में तेजी आई और हाजिर सोना 4,000 डॉलर प्रति औंस के महत्वपूर्ण पड़ाव के करीब पहुंच गया।
शेयर बाजार में लगातार चौथे दिन तेजी, सेंसेक्स 137 अंक चढ़ा
प्रमुख बैंकों के शेयरों में खरीदारी आने और घरेलू संस्थागत निवेशकों का समर्थन मिलने से स्थानीय शेयर बाजार मंगलवार को लगातार चौथे दिन बढ़त के साथ बंद हुए। सेंसेक्स 137 अंक चढ़ गया जबकि निफ्टी में 31 अंक की तेजी रही।
बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स उतार-चढ़ाव भरे कारोबार के बाद 136.63 अंक यानी 0.17 प्रतिशत बढ़कर 81,926.75 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 519.44 अंक बढ़कर 82,309.56 अंक पर पहुंच गया था लेकिन ऊंचे स्तर पर मुनाफावसूली होने से यह अपनी बढ़त काफी हद तक गंवा बैठा।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का मानक सूचकांक निफ्टी भी उतार-चढ़ाव के बाद 30.65 अंक यानी 0.12 प्रतिशत चढ़कर 25,108.30 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से भारती एयरटेल, एचसीएल टेक, अल्ट्राटेक सीमेंट, पावर ग्रिड, एचडीएफसी बैंक, बजाज फाइनेंस, टाटा स्टील और आईसीआईसीआई बैंक प्रमुख रूप से लाभ में रहीं। दूसरी तरफ, एक्सिस बैंक, टाटा मोटर्स, ट्रेंट और इन्फोसिस के शेयरों में गिरावट का रुख रहा।
डॉलर के मुकाबले रुपया चार पैसे टूटकर 88.78 पर
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया चार पैसे की गिरावट के साथ 88.78 (अस्थायी) पर बंद हुआ। विदेशों में डॉलर के मजबूत होने और निरंतर विदेशी पूंजी की बाजार से निकासी के कारण रुपये की विनिमय दर में गिरावट आई।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि वैश्विक व्यापार को लेकर अनिश्चितताओं के बीच निवेशकों के बाजार से अलग रहने के कारण घरेलू मुद्रा सीमित दायरे में रही।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में, रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मामूली बढ़त के साथ 88.72 पर खुला और कारोबार के दौरान 88.79 के निचले स्तर और 88.79 के उच्च स्तर को छूने के बाद अंत में 88.78 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद स्तर से चार पैसे की गिरावट है। सोमवार को रुपया पांच पैसे बढ़कर 88.74 पर बंद हुआ था।
अमेरिकी सीनेट (अमेरिकी संसद का उच्च सदन) में सरकार को वित्तपोषित करने के डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन दोनों प्रस्तावों को एक बार फिर खारिज होने के बाद, निवेशकों ने सतर्कता बरती। वित्त पोषण प्रस्तावों पर सहमति नहीं बनने से विभिन्न विभागों में कामकाज ठप (शटडाउन) है।
इस बीच, छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर इंडेक्स 0.34 प्रतिशत बढ़कर 98.13 पर पहुंच गया। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.37 प्रतिशत की गिरावट के साथ 65.25 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।
कम महंगाई दर का असर! आरबीआई आने वाले महीनों में घटा सकता है रेपो रेट : रिपोर्ट
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) महंगाई दर के निम्न स्तरों पर होने के चलते आने वाले महीनों में एक और बार ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। यह जानकारी मंगलवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।
बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा संकलित आंकड़ों में कहा गया है कि हालांकि, अक्टूबर एमपीसी में आरबीआई ने अब तक रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है, फिर भी विकास को समर्थन देने के लिए इसमें और ढील दिए जाने की गुंजाइश है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी दरों में कमी और त्योहारी सीजन में खर्च चालू तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि को गति देने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे।
इन कारकों से उपभोग को मजबूती मिलेगी और वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने में मदद मिलेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई एमपीसी ने अक्टूबर में जीएसटी के आर्थिक प्रभाव और टैरिफ के असर को देखने को लिए पॉलिसी के रुख को न्यूट्रल रखते हुए रेपो रेट को यथावत रखा है।
आरबीआई ने वित्त वर्ष 26 के लिए विकास दर अनुमान को बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है, जो कि पहले 6.5 प्रतिशत था। इसके साथ महंगाई दर के अनुमान को 3.1 प्रतिशत से घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया गया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि हवाई यात्री यातायात, बंदरगाह माल ढुलाई और रेल माल ढुलाई जैसे उच्च आवृत्ति संकेतकों में नरमी के संकेत मिले हैं, जो गति में थोड़ी मंदी का संकेत देते हैं। हालांकि, डीजल की खपत, सरकारी खर्च और बैंक ऋण वृद्धि में सुधार दर्ज किया गया है।