अर्थतंत्र की खबरें: सोने की चमक बढ़ी, चांदी का दाम 1.88 लाख रुपए के पार और फिर बढ़ा GDP ग्रोथ का अनुमान
इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के मुताबिक, 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत 808 रुपए बढ़कर 1,28,596 रुपए हो गई है, जो कि पहले 1,27,788 रुपए प्रति 10 ग्राम थी।

सोने और चांदी की कीमतों में गुरुवार को तेज उछाल देखा गया। इससे सोने का दाम 1.28 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम और चांदी का दाम 1.88 लाख रुपए प्रति किलो के पार पहुंच गया है।
इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के मुताबिक, 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत 808 रुपए बढ़कर 1,28,596 रुपए हो गई है, जो कि पहले 1,27,788 रुपए प्रति 10 ग्राम थी।
इसी तरह, 22 कैरेट सोने की कीमत बढ़कर 1,17,794 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई है, जो कि पहले 1,17,054 रुपए प्रति 10 ग्राम थी। 18 कैरेट सोने का दाम 95,841 रुपए प्रति 10 ग्राम से बढ़कर 96,447 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है।
सोने की अपेक्षा चांदी की कीमतों में तेज उछाल देखा गया है। बीते 24 घंटे में चांदी का दाम 2,793 रुपए बढ़कर ऑल टाइम हाई 1,88,281 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है, जो कि पहले 1,85,488 रुपए प्रति किलो था।
हाजिर के साथ वायदा बाजार में भी सोने और चांदी की कीमतों में तेजी देखी गई। सोने के 5 फरवरी 2026 के कॉन्ट्रैक्ट का दाम 0.68 प्रतिशत बढ़कर 1,30,680 रुपए और चांदी के 5 मार्च 2026 के कॉन्ट्रैक्ट का दाम 2.43 प्रतिशत बढ़कर 1,93,317 रुपए हो गया है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने और चांदी में तेजी देखी जा रही है। सोना 0.51 प्रतिशत की तेजी के साथ 4,246.75 डॉलर प्रति औंस और चांदी 2.53 प्रतिशत की तेजी के साथ 62.59 डॉलर प्रति औंस पर था।
जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के हरिश वी ने कहा कि अमेरिका में ब्याज दरों के 25 आधार अंक कम होकर 3.50 प्रतिशत से 3.75 प्रतिशत होने से कीमती धातुओं के लिए तेजी का रास्ता साफ हुआ है। ब्याज दरों के कम होने से सोने और चांदी को होल्ड करने की लागत कम हो जाती है और इससे नया निवेश आकर्षित होता है।
इसके अलावा, ब्याज दरों में कटौती के बाद अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने से सोने और चांदी की कीमतों को और भी समर्थन मिला है, क्योंकि डॉलर के कमजोर होने से ये धातुएं वैश्विक खरीदारों के लिए अधिक किफायती हो गई हैं।
भारतीय शेयर बाजार की दमदार वापसी, सेंसेक्स 426 अंक उछलकर बंद
भारतीय शेयर बाजार गुरुवार को लगातार चार सत्रों की गिरावट के क्रम को तोड़कर हरे निशान में बंद हुआ। दिन के अंत में सेंसेक्स 426.86 अंक या 0.51 प्रतिशत की तेजी के साथ 84,818.13 और निफ्टी 140.55 अंक या 0.55 प्रतिशत की तेजी के साथ 25,898.55 पर बंद हुआ।
शेयर बाजार में तेजी का नेतृत्व ऑटो और मेटल शेयरों ने किया। निफ्टी ऑटो 1.11 प्रतिशत और निफ्टी मेटल 1.06 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ। निफ्टी आईटी 0.81 प्रतिशत, निफ्टी पीएसयू बैंक 0.51 प्रतिशत, निफ्टी फार्मा 0.98 प्रतिशत, निफ्टी रियल्टी 0.75 प्रतिशत और निफ्टी इन्फ्रा 0.37 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी तेजी देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 570.30 अंक या 0.97 प्रतिशत की तेजी के साथ 59,578.05 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 137.90 अंक या 0.81 प्रतिशत की तेजी के साथ 17,228.05 पर था।
सेंसेक्स पैक में इटरनल (जोमैटो), टाटा स्टील, कोटक महिंद्रा बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, मारुति सुजुकी, सन फार्मा, टेक महिंद्रा, एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस, एमएंडएम, ट्रेंट, एचसीएल टेक और एचयूएल गेनर्स थे। एशियन पेंट्स, भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस, पावर ग्रिड, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, टाइटन और बजाज फिनसर्व लूजर्स थे।
एसबीआई सिक्योरिटीज के टेक्निकल और डेरिवेटिव्स रिसर्च प्रमुख सुदीप शाह ने कहा कि निफ्टी ने शुरुआत में कमजोरी दिखाई, लेकिन बाद के कारोबार में मजबूत प्रदर्शन किया और 25,900 के करीब बंद होने में सफल रहा।
उन्होंने आगे कहा कि निफ्टी के लिए 25,750 से लेकर 25,730 का जोन एक अहम सपोर्ट है और अगर इंडेक्स इस स्तर के नीचे फिसलता है तो यह 25,730 तक भी जा सकता है। इसके लिए रुकावट का स्तर 25,950 से लेकर 26,000 है।
मिलेजुले वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार गुरुवार को सपाट खुला। सुबह 9:18 पर सेंसेक्स 12 अंक की मामूली गिरावट के साथ 84,379 और निफ्टी 2 अंक की कमजोरी के साथ 25,762 पर था।
फिर बढ़ा भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान, 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था
एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने भारत की आर्थिक वृद्धि (जीडीपी ग्रोथ) का अनुमान वित्त वर्ष 2026 के लिए बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है। पहले यह अनुमान 6.5 प्रतिशत था। एडीबी के मुताबिक, हाल ही में हुए टैक्स कटौती से लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ी है, जिससे भारत की आर्थिक बढ़त और तेज हुई है।
भारतीय अर्थव्यवस्था के अनुमान में 0.7 प्रतिशत अंकों की इस भारी बढ़ोतरी से एशिया की पूरी अर्थव्यवस्था की ग्रोथ का अनुमान भी बढ़कर 5.1 प्रतिशत हो गया है, जबकि पहले ये 4.8 प्रतिशत था।
एडीबी की एशियन डेवलपमेंट आउटलुक, दिसंबर 2025 के मुताबिक, 2025 के लिए भारत की ग्रोथ अनुमान को बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया गया है। जुलाई–सितंबर तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ 8.2 प्रतिशत रही, जो पिछले 6 तिमाहियों में सबसे ज्यादा है। इससे चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कुल ग्रोथ 8 प्रतिशत हो गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, तेज ग्रोथ मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की मजबूती और खर्च व निवेश बढ़ने की वजह से हुई। एडीबी ने वित्त वर्ष 2027 के लिए ग्रोथ अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर ही रखा है।
हाल ही में आरबीआई ने दिसंबर की मौद्रिक नीति में जीडीपी अनुमान बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया था। हालांकि, केंद्रीय बैंक को लगता है कि साल की दूसरी छमाही में ग्रोथ थोड़ी धीमी होगी, क्योंकि सरकार का पूंजी खर्च कम होगा और अमेरिका द्वारा लगाए गए ऊंचे टैरिफ से भारत के कुछ निर्यात प्रभावित हो सकते हैं।
इसके बावजूद मजबूत ग्रामीण मांग, जीएसटी में कटौती और बैंकों द्वारा ज्यादा कर्ज देने से आर्थिक गतिविधियां अच्छी रहेंगी। सर्विस सेक्टर, जिसने पहली छमाही में 9.3 प्रतिशत की ग्रोथ दिखाई, आगे भी तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगले साल चुनौतियां और अवसर दोनों मौजूद रहेंगे। एक ओर व्यापार तनाव और मौसम से जुड़ी समस्याएं जोखिम बन सकती हैं, तो वहीं दूसरी ओर अगर अमेरिका के साथ टैरिफ कम करने पर समझौता होता है तो भारत को बड़ा फायदा मिल सकता है।
रुपया 39 पैसे टूटकर अब तक के सबसे निचले स्तर 90.33 प्रति डॉलर पर बंद
रुपया बृहस्पतिवार को 39 पैसे टूटकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर 90.33 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता के बीच स्थानीय मुद्रा दबाव में रही।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि रुपये में गिरावट जारी रहने की आशंका है क्योंकि भारत एवं अमेरिका के बीच व्यापार समझौते में देरी से निवेशकों का भरोसा प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा, बाजार में जोखिम से बचने की प्रवृत्ति और विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी ने भी रुपये पर दबाव डाला।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 89.95 पर खुला। फिर कमजोर होता हुआ कारोबार के दौरान अपने सबसे निचले स्तर 90.48 पर आ गया।
हालांकि कारोबार के अंत में रुपया 90.33 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से 39 पैसे कम है। रुपया बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 89.87 पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन के भारत-अमेरिका व्यापार समझौते के अगले साल मार्च तक संपन्न होने की संभावना जताने के बाद रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता के बीच भारतीय रुपया अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। हालांकि, सकारात्मक घरेलू बाजारों और कमजोर अमेरिकी डॉलर ने गिरावट को कुछ हद तक कम किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मत है कि रुपये में गिरावट जारी रहेगी क्योंकि भारत एवं अमेरिका के बीच व्यापार समझौते में देरी से घरेलू मुद्रा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। केंद्रीय बैंक के किसी भी हस्तक्षेप से रुपये को निचले स्तर पर समर्थन मिल सकता है। अमेरिकी डॉलर/भारतीय मुद्रा का हाजिर भाव 90.10 से 90.75 के बीच रहने के आसार हैं।’’
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.18 प्रतिशत की गिरावट के साथ 98.61 पर रहा।
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