अर्थतंत्र की खबरें: सोने की चमक बढ़ी, चांदी का दाम 2 लाख रुपए के करीब और शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन गिरावट
इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के मुताबिक, 24 कैरेट सोने का दाम 540 रुपए बढ़कर 1,32,317 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है, जो कि पहले 1,31,777 रुपए प्रति 10 ग्राम था।

सोने की कीमत में बुधवार को तेजी देखने को मिली, जिससे कीमतें फिर से 1.32 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई हैं। चांदी का दाम भी दो लाख रुपए प्रति किलो के करीब पहुंच गया है।
इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के मुताबिक, 24 कैरेट सोने का दाम 540 रुपए बढ़कर 1,32,317 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है, जो कि पहले 1,31,777 रुपए प्रति 10 ग्राम था।
22 कैरेट सोने का दाम बढ़कर 1,21,202 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है, जो कि पहले 1,20,708 रुपए प्रति 10 ग्राम था। 18 कैरेट सोने की कीमत बढ़कर 99,238 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है जो कि पहले 98,833 रुपए प्रति 10 ग्राम थी।
सोने की अपेक्षा चांदी में अधिक तेजी देखने को मिली है। चांदी का दाम 7,666 रुपए बढ़कर 1,99,641 रुपए प्रति किलो हो गया है। मंगलवार को चांदी का दाम 1,91,975 रुपए प्रति किलो था।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने और चांदी में मिलाजुला कारोबार हुआ है। सोना के 5 फरवरी 2026 के कॉन्ट्रैक्ट का दाम 0.18 प्रतिशत कम होकर 1,34,162 रुपए हो गया है। चांदी के 5 मार्च 2026 के कॉन्ट्रैक्ट का दाम 3.41 प्रतिशत बढ़कर 2,04,500 रुपए हो गया है।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने और चांदी की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। खबर लिखे जाने तक, कॉमेक्स पर सोना 0.44 प्रतिशत की तेजी के साथ 4,350 डॉलर प्रति औंस और चांदी 4.42 प्रतिशत की मजबूती के साथ 66 डॉलर प्रति औंस पर था।
एलकेपी सिक्योरिटीज के जतिन त्रिवेदी ने कहा कि सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है। सत्र की शुरुआत में सोने की कीमत 1,35,200 पर हुई और यह दिन के दौरान 1,33,500 रुपए तक फिसल गया।
उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी में महंगाई और लेबर मार्केट के डेटा के कारण आने वाले समय में यह उतार-चढ़ाव बना रहेगा। छोटी अवधि में सोना 1,31,000 से लेकर 1,36,000 की रेंज में ट्रेड कर सकता है।
शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन गिरावट, सेंसेक्स 120 अंक टूटा
विदेशी निवेशकों की निरंतर बिकवाली के दबाव में घरेलू शेयर बाजार बुधवार को लगातार तीसरे दिन गिरावट के साथ बंद हुए। सेंसेक्स में 120 अंकों की गिरावट दर्ज की गई जबकि निफ्टी करीब 42 अंक फिसल गया।
बीएसई का 30 शेयर पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स 120.21 अंक यानी 0.14 प्रतिशत गिरकर 84,559.65 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 263.88 अंक टूटकर 84,415.98 के स्तर पर आ गया था।
इसी तरह, 50 शेयर वाला एनएसई का मानक सूचकांक निफ्टी 41.55 अंक यानी 0.16 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,818.55 अंक पर बंद हुआ, जो एक सप्ताह का निचला स्तर है।
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से ट्रेंट में सबसे अधिक 1.61 प्रतिशत की गिरावट आई और एचडीएफसी बैंक का शेयर करीब एक प्रतिशत टूटा। इनके अलावा अदाणी पोर्ट्स, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फिनसर्व, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, टाइटन और एशियन पेंट्स के शेयर में सबसे ज्यादा गिरावट रही।
इसके उलट, भारतीय स्टेट बैंक का शेयर 1.51 प्रतिशत चढ़ा। इन्फोसिस, एक्सिस बैंक और मारुति सुजुकी के शेयर में भी तेजी रही।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के अनुसंधान प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘ विदेशी निवेशक अपना पैसा निकाल रहे हैं और उभरते बाजार संघर्ष कर रहे हैं जबकि विकसित अर्थव्यवस्थाएं मजबूत बनी हुई हैं। इससे पता चलता है कि निवेशक उभरते बाजारों को लेकर अधिक सतर्क हो रहे हैं।’’
रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों के बड़े शेयरों में बिकवाली से व्यापक स्तर पर कमजोरी आई, जबकि वैश्विक बाजारों से मिले कमजोर संकेतों ने निवेशकों की धारणा को और भी कमजोर किया।
विश्लेषकों का कहना है कि रुपये का रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरना अस्थायी राहत प्रदान करता है क्योंकि वैश्विक अनिश्चितता एवं विदेशी पूंजी की लगातार बिकवाली के कारण रुपये में तेजी के आसार सीमित हैं।
शुरुआती कारोबार में बैंकों द्वारा डॉलर की भारी बिकवाली से रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले एक प्रतिशत से अधिक तेजी से बढ़कर 89 के स्तर पर पहुंच गया। हालांकि, बाद में रुपये ने अपनी बढ़त खो दी और 90.38 पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव 90.93 से 55 पैसे अधिक है।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 2,381.92 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 1,077.48 करोड़ रुपये की खरीदारी की।
छोटी कंपनियों से जुड़ा बीएसई स्मॉलकैप में 0.85 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि मझोली कंपनियों का मिडकैप 0.53 प्रतिशत टूटा।
एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग के बाजार बढ़त में बंद हुए।
सेबी की बोर्ड बैठक में बड़े सुधारों को मंजूरी, म्यूचुअल फंड में पारदर्शिता बढ़ाने पर जोर
बाजार नियामक सेबी के निदेशक मंडल की बुधवार को हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण सुधारों को मंजूरी दी गई। इन सुधारों का मकसद कंपनियों और निवेशकों दोनों के लिए प्रक्रिया को सरल एवं पारदर्शी बनाना है।
निदेशक मंडल ने कंपनियों के लिए कोष जुटाने के समय पेश किए जाने वाले निर्गम दस्तावेज को सरल बनाने का प्रस्ताव मंजूर किया। इससे निवेशकों को निवेश के फैसले लेने में आसानी होगी और वे कम समय में ही मुख्य बिंदुओं की जानकारी जुटा पाएंगे।
इसके अलावा, म्यूचुअल फंड योजनाओं में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए समग्र खर्च अनुपात (टीईआर) को अलग-अलग घटकों में तोड़ने की मंजूरी दी गई। इससे निवेशक यह समझ सकेंगे कि टीईआर में से कितनी राशि स्टांप शुल्क, प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे कानूनी मदों में जा रही है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बॉन्ड या ऋण निर्गम में भी विशेष श्रेणी के निवेशकों को प्रोत्साहन देने की अनुमति दी।
निदेशक मंडल ने बड़ी कंपनियों पर अनुपालन का बोझ कम करने के लिए उच्च ऋण मूल्य वाली सूचीबद्ध इकाइयों (एचवीडीएलई) की पहचान के लिए ऋणसीमा को 1,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5,000 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव भी मंजूर किया।
सेबी चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में उच्च-स्तरीय समिति की सिफारिशों की समीक्षा भी की गई, जिसमें हितों के टकराव और वरिष्ठ अधिकारियों की संपत्ति संबंधी खुलासों पर भी ध्यान दिया गया।
पांडेय के सेबी प्रमुख बनने के बाद निदेशक मंडल की यह चौथी बैठक थी।
रुपया अबतक के सबसे निचले स्तर से उबरा, 55 पैसे चढ़कर 90.38 प्रति डॉलर पर बंद
रुपया बुधवार को उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में अपने अबतक के सबसे निचले स्तर से उबरने में कामयाब रहा और 55 पैसे चढ़कर 90.38 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। केंद्रीय बैंक के संभावित आक्रामक हस्तक्षेप से रुपया बढ़त में रहा।
विश्लेषकों ने कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में हाल की गिरावट मुख्य रूप से बाहरी कारकों के कारण हुई है, न कि घरेलू आर्थिक कमजोरी की वजह से। बदलते आर्थिक एवं भू-राजनीतिक संकेतों के बीच विदेशी मुद्रा बाजार में व्यापक अस्थिरता जारी रहने का अनुमान है।
अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता में आशाजनक प्रगति न होने और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की लगातार बिकवाली ने बाजार की धारणा को प्रभावित किया है, जबकि ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें 60 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के करीब रहने से घरेलू मुद्रा को निचले स्तर पर समर्थन मिला।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 91.05 पर खुला। इसके बाद इसने कुछ हद तक खोई हुई बढ़त हासिल की और 89.96 प्रति डॉलर के दिन के उच्च स्तर को छुआ जो पिछले बंद भाव से 97 पैसे की बढ़त दर्शाता है।
अंत में रुपया 90.38 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से 55 पैसे अधिक है।
रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पहली बार 91 के स्तर को पार कर 91.14 प्रति डॉलर पर पहुंच गया था। अंत में 90.93 पर बंद हुआ था।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘ पांच सत्र की लगातार गिरावट के बाद भारतीय रुपया मजबूत हुआ है जिसे केंद्रीय बैंक के संभावित आक्रामक हस्तक्षेप से बल मिला है।’’
परमार ने कहा कि आर्थिक और भू-राजनीतिक संकेतों से विदेशी मुद्रा बाजार में व्यापक अस्थिरता बने रहने का अनुमान है।
उन्होंने कहा, ‘‘ तकनीकी रूप से भारतीय रुपये को निचले स्तर 90.60 और ऊंचे स्तर 89.70 पर समर्थन प्राप्त है। ’’
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.42 प्रतिशत की बढ़त के साथ 98.56 पर रहा।
घरेलू शेयर बाजार के मोर्चे पर सेंसेक्स 120.21 अंक टूटकर 84,559.65 अंक पर जबकि निफ्टी 41.55 अंक फिसलकर 25,818.55 अंक पर बंद हुआ।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 2.09 प्रतिशत की बढ़त के साथ 60.16 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 2,381.92 करोड़ रुपये के शेयर बेचे
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