अर्थतंत्र की खबरें: पश्चिम एशिया में जारी तनाव से शेयर बाजार में फिर गिरावट और हैकर के समूह ने 9 करोड़ डॉलर किए गायब
ईरान-इजराइल के बीच जारी संघर्ष के बीच वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के साथ घरेलू बाजार में गिरावट आई। और ब्लॉकचेन विश्लेषक फर्मों का कहना है कि संभावित रूप से इजराइल से संबंधित हैकर ने ईरान के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज 'नोबिटेक्स' से नौ करोड़ डॉलर से अधिक की रकम उड़ा ली है।

स्थानीय शेयर बाजार में बृहस्पतिवार को लगातार तीसरे दिन गिरावट रही और दोनों मानक सूचकांक नीचे आ गए। बीएसई सेंसेक्स जहां 83 अंक के नुकसान में रहा, वहीं एनएसई निफ्टी 19 अंक नीचे आया।
ईरान-इजराइल के बीच जारी संघर्ष के बीच वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के साथ घरेलू बाजार में गिरावट आई। विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर को यथावत रखने के निर्णय से भी बाजार धारणा प्रभावित हुई।
उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 82.79 अंक यानी 0.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,361.87 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, यह ऊंचे में 81,583.94 अंक तक गया और नीचे में 81,191.04 अंक तक आया।
बीएसई के 3,018 शेयर नुकसान में जबकि 959 बढ़त में रहे। वहीं 140 शेयर के भाव अपरिवर्तित रहे।
पचास शेयरों पर आधारित एनएसई निफ्टी 18.80 अंक यानी 0.08 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 24,793.25 अंक पर बंद हुआ।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट लि. के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘भारतीय शेयर सूचकांक में नकारात्मक रुख के साथ सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव रहा। पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष में अमेरिका की संभावित भागीदारी को लेकर चिंताओं के कारण दुनियाभर में निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर को यथावत रखने से भी निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। मुद्रास्फीति के लगातार ऊंचा होने और धीमी आर्थिक वृद्धि के संकेत का असर सॉफ्टवेयर निर्यात से जुड़ी कंपनियों के शेयरों पर पड़ा।’’
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में अदाणी पोर्ट्स, बजाज फाइनेंस, टेक महिंद्रा, इंडसइंड बैंक, नेस्ले और टाटा स्टील प्रमुख रूप से नुकसान में रहीं।
दूसरी तरफ महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाइटन, लार्सन एंड टुब्रो, भारती एयरटेल और मारुति के शेयर लाभ में रहे।
छोटी कंपनियों से जुड़ा बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 1.77 प्रतिशत लुढ़क गया जबकि मझोली कंपनियों से संबंधित बीएसई मिडकैप 1.64 प्रतिशत के नुकसान में रहा।
एशियाई बाजारों में, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे, जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में गिरावट का रुख था। अमेरिकी बाजार बुधवार को मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए थे।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘वायदा एवं विकल्प खंड में सौदों की साप्ताहिक समाप्ति के दिन बाजार में सुस्ती रही और बाजार मिले-जुले संकेतों के बीच लगभग स्थिर रहा। उम्मीद के अनुरूप अमेरिकी फेडरल रिजर्व का ब्याज दर के मोर्चे पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्णय कोई महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया प्राप्त करने में विफल रहा।’’
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.26 प्रतिशत बढ़कर 76.90 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को 890.93 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 1,091.34 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
बीएसई सेंसेक्स बुधवार को 138.64 अंक के नुकसान में रहा था जबकि एनएसई निफ्टी में 41.35 अंक की गिरावट आई थी।
ईरान के क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज से हैकर के समूह ने नौ करोड़ डॉलर गायब किए
ब्लॉकचेन विश्लेषक फर्मों का कहना है कि संभावित रूप से इजराइल से संबंधित हैकर ने ईरान के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज 'नोबिटेक्स' से नौ करोड़ डॉलर से अधिक की रकम उड़ा ली है।
हैकिंग की जिम्मेदारी लेने वाले एक समूह ने बृहस्पतिवार को नोबिटेक्स के पूर्ण स्रोत कोड को ही उजागर कर दिया। समूह ने अपने टेलीग्राम खाते पर लिखा, ‘‘नोबिटेक्स में छोड़ी गई संपत्ति अब पूरी तरह से सार्वजनिक हो गई है।’’
ईरान और इजराइल के बीच पिछले हफ्ते से छिड़े सैन्य संघर्ष के बीच यह साइबर हमला हुआ है।
ब्लॉकचेन विश्लेषक फर्म एलिप्टिक ने एक ब्लॉग में कहा कि नोबिटेक्स से उड़ाई गई रकम को ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड की आलोचना करने वाले संदेशों से जुड़े पतों पर भेज दिया गया।
एलिप्टिक ने कहा कि यह साइबर हमला संभवतः वित्तीय रूप से प्रेरित न होकर एक राजनीतिक संदेश भेजने की कोशिश था। दरअसल हैकर्स ने जिन खातों में पैसे भेजे थे, उन्होंने नोबिटेक्स को एक राजनीतिक संदेश भेजने के लिए इस क्रिप्टोकरेंसी को चलन से ही पूरी तरह हटा दिया है।
हैकरो के समूह 'गोंजेशके दरांडे' ने 'एक्स' पर पोस्ट में इस हमले का दावा करते हुए नोबिटेक्स पर पश्चिमी प्रतिबंधों से बचने और आतंकवादियों को धन भेजने में मदद करने के लिए ईरान की सरकार की मदद करने का आरोप लगाया।
ऐसा लगता है कि नोबिटेक्स ने इस हमले की पुष्टि की है। इसने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि इसका ऐप एवं वेबसाइट काम नहीं कर रहे क्योंकि इसने अपने सिस्टम में ‘अनधिकृत पहुंच’ को देखा है।
चेनालिसिस फर्म में राष्ट्रीय सुरक्षा खुफिया प्रमुख एंड्रयू फिरमैन ने कहा कि नोबिटेक्स एक्सचेंज पर मौजूद बिटकॉइन, एथेरियम, डॉगकॉइन और कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी इस साइबर हमले की चपेट में आई हैं।
उन्होंने कहा कि यह उल्लंघन ईरान के क्रिप्टोकरेंसी बाजार के तुलनात्मक रूप से छोटे आकार को देखते हुए खासा अहम है।
इस बीच, एलिप्टिक ने दावा किया है कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के रिश्तेदार इस क्रिप्टो एक्सचेंज से जुड़े थे और प्रतिबंधित रिवोल्यूशनरी गार्ड के लोगों ने भी नोबिटेक्स का इस्तेमाल किया था। इसने इस दावे के समर्थन में सबूत भी साझा किए हैं।
रुपया 30 पैसे की गिरावट के साथ 86.73 प्रति डॉलर पर
रुपये में लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट देखी गई। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 30 पैसे की गिरावट के साथ 86.73 (अस्थायी) पर बंद हुआ। विदेशी बाजारों में डॉलर के मजबूत होने तथा कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण डॉलर के मुकाबले रुपया 30 पैसे लुढ़ककर 86.73 पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि रुपये में लगातार तीसरे दिन गिरावट दर्ज की गई। तीन दिन में रुपया 69 पैसे कमजोर हुआ है। इसका मुख्य कारण मौजूदा जोखिम से बचने की बाजार धारणा का होना और आयातकों की डॉलर मांग थी, जो जारी भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं से प्रेरित है।
इसके अलावा, घरेलू शेयर बाजारों में सुस्ती और पश्चिम एशिया में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव ने भी रुपये पर दबाव डाला।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 86.54 पर खुला तथा 86.49 के उच्चतम स्तर और 86.89 के निचले स्तर को छूने के बाद कारोबार के अंत में 86.73 (अस्थायी) पर बंद हुआ। यह पिछले बंद से 30 पैसे की गिरावट है। बुधवार को रुपया नौ पैसे की गिरावट के साथ 86.43 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘हमें लगता है कि रुपया नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा, क्योंकि पश्चिम एशिया में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव से घरेलू मुद्रा पर दबाव पड़ सकता है। मजबूत अमेरिकी डॉलर और वैश्विक कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें भी रुपये पर दबाव डाल सकती हैं।’’
उन्होंने कहा कि डॉलर-रुपये का हाजिर मूल्य 86.50 से 87.20 के बीच रहने की उम्मीद है।
दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर सूचकांक 0.02 प्रतिशत बढ़कर 98.92 हो गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड की वायदा कीमत 0.25 प्रतिशत बढ़कर 76.89 डॉलर प्रति बैरल हो गयी।
घरेलू शेयर बाजार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 82.79 अंक टूटकर 81,361.87 अंक पर, जबकि एनएसई निफ्टी 18.10 अंक की गिरावट के साथ 24,793.25 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने बुधवार को शुद्ध आधार पर 890.93 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
ब्रिटेन के केंद्रीय बैंक ने नीतिगत ब्याज दर को 4.25 प्रतिशत पर स्थिर रखा
ब्रिटेन के केंद्रीय बैंक ने ईरान-इजराइल संघर्ष से अनिश्चितता बढ़ने की आशंका के बीच नीतिगत ब्याज दर को दो साल के निचले स्तर 4.25 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।
बैंक ऑफ इंग्लैंड की मौद्रिक नीति समिति ने बृहस्पतिवार को हुई बैठक में प्रमुख ब्याज दर को अपरिवर्तित रखने का फैसला किया।
समिति के नौ में से छह सदस्यों ने दर को स्थिर रखने के पक्ष में मत दिया जबकि तीन सदस्य 0.25 प्रतिशत की कटौती के पक्ष में थे।
ब्रिटेन में खुदरा मुद्रास्फीति 3.4 प्रतिशत है जो अब भी केंद्रीय बैंक के दो प्रतिशत के लक्ष्य से अधिक है। ऐसे में नीति-निर्माताओं ने पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने के संभावित असर को देखते हुए नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया। इसके अलावा अमेरिका के शुल्क वृद्धि को लेकर भी अनिश्चितता का माहौल है।
बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर एंड्रयू बेली ने कहा, ‘‘इस समय दुनिया बहुत ही अप्रत्याशित है।’’
रूस-यूक्रेन युद्ध के दुष्प्रभावों के चलते ब्रिटेन की रेपो दर 16 साल के उच्चस्तर 5.25 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। लेकिन ब्रिटिश केंद्रीय बैंक ने अगस्त, 2024 से इसमें कटौती का सिलसिला शुरू किया था।
ब्रिटेन में भारतीय स्वामित्व वाले कंपनियों की संख्या में 23 प्रतिशत बढ़कर 1,197 हुई
ब्रिटेन में काम कर रहीं भारतीय स्वामित्व वाली कंपनियों की संख्या 2025 में सालाना आधार पर 23 प्रतिशत बढ़कर 1,197 हो गई है। किसी एक वर्ष में दर्ज यह सबसे तेज वृद्धि है।
वैश्विक वित्तीय सलाहकार कंपनी ग्रांट थॉर्नटन द्वारा उद्योग निकाय सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) के सहयोग से किए गए विश्लेषण, ‘इंडिया मीट्स ब्रिटेन ट्रैकर’ के अनुसार ब्रिटेन में भारतीय स्वामित्व वाली कंपनियों द्वारा दर्ज किया गया संयुक्त राजस्व 2024 के 68.09 अरब पाउंड (जीबीपी) से बढ़कर 2025 में 72.14 अरब जीबीपी हो गया।
विश्लेषण के 12वें संस्करण में पाया गया कि अब ब्रिटेन में 1,197 भारतीय स्वामित्व वाली कंपनियां कार्यरत हैं, जो 2024 के आंकड़ों की तुलना में 23 प्रतिशत अधिक है।
‘इंडिया मीट्स ब्रिटेन ट्रैकर’ को लंदन में ‘इंडिया ग्लोबल फोरम (आईजीएफ) यूके-इंडिया वीक’ के दौरान वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के उनके समककक्ष जोनाथन रेनॉल्ड्स ने बुधवार को पेश किया।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ब्रिटेन और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के क्रियान्वयन से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने तथा दोनों देशों के बीच व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देने के तरीकों का पता लगाने के लिए दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर लंदन में हैं।
ग्रांट थॉर्नटन में दक्षिण एशिया व्यापार समूह के प्रमुख एवं साझेदार अनुज चंदे ने कहा, ‘‘ जैसा कि हाल ही में हुए ब्रिटेन-भारत मुक्त व्यापार समझौते से स्पष्ट है.... ब्रिटेन और भारत के बीच स्पष्ट आर्थिक समानता है तथा एक-दूसरे के साथ अधिकाधिक व्यापार एवं निवेश करने की पारस्परिक इच्छा है।’’
इस वर्ष के विश्लेषण से पता चला है कि ब्रिटेन में भारतीय स्वामित्व वाली कंपनियों का सामूहिक राजस्व 2024 के 68.09 अरब जीबीपी (ब्रिटेन मुद्रा) से बढ़कर 72.14 अरब जीबीपी हो गया। ये कारोबार पूरे ब्रिटेन में 1,26,720 लोगों को रोजगार देते हैं। पिछले वर्ष इन्होंने 8,000 से अधिक नई नौकरियों का सृजन किया।
आईजीएफ के चेयरमैन मनोज एल. ने कहा, ‘‘ इस वर्ष का ‘इंडिया मीट्स ब्रिटेन ट्रैकर’ इस बात को रेखांकित करता है कि भारतीय व्यवसाय एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार और निवेश केंद्र के रूप में ब्रिटेन के साथ कितने जुड़े हुए हैं।’’
विप्रो आईटी सर्विसेज यूके 2025 के विश्लेषण में 448 प्रतिशत राजस्व वृद्धि के साथ वृद्धि रैंकिंग में शीर्ष पर है। इसके बाद नई प्रवेशी आईटी प्रबंधन कंपनी जोहो कॉरपोरेशन लिमिटेड है जिसने 197 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।
कुल मिलाकर 20 कंपनियां 2025 में पहली बार इसमें (ट्रैकर में) शामिल हुईं, जबकि 41 कंपनियां पिछले साल से इसमें बनी हुई हैं।
सीआईआई ने कहा, ‘‘ भारत और ब्रिटेन के बीच मजबूत व्यापारिक संबंधों के विकास के ऐसे महत्वपूर्ण समय में, यह रिपोर्ट ब्रिटेन में भारतीय प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रभाव के वास्तविक मूल्य को रेखांकित करती हैं।’’
कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच सोना 150 रुपये टूटा, चांदी भी रिकॉर्ड स्तर से फिसली
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में गिरावट के बीच बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 150 रुपये टूटकर 1,00,560 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी है।
पिछले कारोबारी सत्र में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 1,00,710 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
बृहस्पतिवार को 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 150 रुपये की गिरावट के साथ 99,800 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) रह गया। बुधवार को सोने की कीमत 99,950 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी।
इसके अलावा, चांदी की कीमत भी रिकॉर्ड स्तर से 1,000 रुपये की गिरावट के साथ 1,07,200 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) रह गई। बुधवार को चांदी की कीमत 1,08,200 रुपये प्रति किलोग्राम के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गई थी।
वैश्विक स्तर पर, हाजिर सोना मामूली गिरावट के साथ 3,365.90 डॉलर प्रति औंस रह गया।
कोटक सिक्योरिटीज में एवीपी-जिंस शोध कायनात चैनवाला ने कहा, ‘‘फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों को 4.25-4.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने के निर्णय के बाद अमेरिकी डॉलर में मजबूती के कारण सोने की कीमतें 3,390 डॉलर प्रति औंस से नीचे चली गईं।’’
बुधवार को फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों को पूर्वानुमान के अनुसार अपरिवर्तित रखा और अमेरिकी मौद्रिक नीति दृष्टिकोण के लिए अपने आर्थिक अनुमानों को संशोधित किया।
बृहस्पतिवार को 'जूनटीन्थ' के उपलक्ष्य में अमेरिकी बाजार और बैंक बंद रहेंगे।
एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक जिंस और मुद्रा जतिन त्रिवेदी के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत रुख पर बाजार की प्रतिक्रिया के कारण सोने में उतार-चढ़ाव रहा, जिसने तत्काल ब्याज दरों में कटौती नहीं करने का संकेत दिया।
त्रिवेदी ने कहा कि फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख के बावजूद, ईरान और इजरायल के बीच चल रहा भू-राजनीतिक तनाव सोने को सुरक्षा प्रदान करता है। हाजिर चांदी एक प्रतिशत गिरकर 36.37 डॉलर प्रति औंस रह गयी।
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