अर्थतंत्र की खबरें: शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन बड़ी गिरावट और इस वजह से सोना, चांदी के दामों में गिरावट
विनोद नायर ने कहा, "घरेलू शेयर बाजार निचले स्तर पर खुले, मुनाफावसूली जारी रही और फेडरल रिजर्व की नीतिगत घोषणा से पहले सतर्कता, रुपये की कमजोरी, एफआईआई की बिकवाली और अमेरिका-भारत व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता बनी रही।"

अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतिगत दर पर घोषणा से पहले बैंकिंग और तेल शेयरों में मुनाफा वसूली हावी होने से मंगलवार को घरेलू शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन गिरावट के साथ बंद हुए। सेंसेक्स करीब 436 अंक टूट गया जबकि निफ्टी में 121 अंकों की गिरावट रही।
विश्लेषकों ने कहा कि विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रहने और कमजोर वैश्विक संकेतों ने निवेशक धारणा को प्रभावित किया।
बीएसई का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स 436.41 अंक यानी 0.51 प्रतिशत गिरकर करीब दो सप्ताह के निचले स्तर 84,666.28 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 719.73 अंक लुढ़ककर 84,382.96 पर आ गया था। बड़े निजी बैंकों, तेल और आईटी शेयरों में उल्लेखनीय गिरावट आई।
दूसरी ओर एनएसई का 50 शेयर वाला सूचकांक निफ्टी 120.90 अंक यानी 0.47 प्रतिशत टूटकर 25,839.65 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 232.55 अंक गिरकर 25,728 के स्तर तक आ गया था।
सेंसेक्स के शेयरों में एशियन पेंट्स, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाटा स्टील, मारुति सुजुकी इंडिया, सन फार्मास्युटिकल्स, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस, अल्ट्राटेक सीमेंट, महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स में गिरावट हुई।
हालांकि, इटर्नल, टाइटन, अदाणी पोर्ट्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारतीय स्टेट बैंक, बजाज फिनसर्व, एनटीपीसी और भारती एयरटेल के शेयर बढ़कर बंद हुए।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "घरेलू शेयर बाजार निचले स्तर पर खुले, मुनाफावसूली जारी रही और फेडरल रिजर्व की नीतिगत घोषणा से पहले सतर्कता, रुपये की कमजोरी, एफआईआई की बिकवाली और अमेरिका-भारत व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता बनी रही।"
आईटी शेयरों ने बाजार को नीचे खींचा जबकि पीएसयू बैंक, रियल्टी और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं ने मजबूती दिखाई।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व मंगलवार से अपनी दो दिवसीय नीतिगत बैठक शुरू करने जा रहा है, जिसमें फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए प्रमुख ब्याज दरों पर फैसला करेगी।
फेडरल रिजर्व के नीतिगत फैसले से पहले मुनाफावसूली से सोना, चांदी वायदा भाव में गिरावट
फेडरल रिजर्व की नीतिगत बैठक के नतीजे आने से पहले निवेशकों के सतर्क रुख अपनाने से वायदा कारोबार में मंगलवार को सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट आई।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में फरवरी, 2026 माह में आपूर्ति वाले सोना अनुबंध का भाव 718 रुपये यानी 0.55 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,29,244 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। इसमें 13,208 लॉट का कारोबार हुआ।
वायदा कारोबार में लगातार दूसरे दिन भी चांदी कीमतों में गिरावट रही। चांदी के मार्च महीने में डिलीवरी वाले अनुबंध का भाव 1,042 रुपये यानी 0.46 प्रतिशत घटकर 1,80,700 रुपये प्रति किलोग्राम रह गया, जिसमें 13,823 लॉट के सौदे हुए।
शुक्रवार को, चांदी की कीमत 7,096 रुपये यानी 3.98 प्रतिशत बढ़कर 1,85,234 रुपये प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड पर पहुंच गई थी।
मेहता इक्विटीज़ लिमिटेड के उपाध्यक्ष (कमोडिटीज़) राहुल कलंत्री ने कहा, ‘‘सोने और चांदी में हल्की मुनाफावसूली देखी गई क्योंकि व्यापारी एफओएमसी बैठक और अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड प्रतिफल में उछाल का इंतज़ार कर रहे थे।’’
अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की दो-दिवसीय नीतिगत बैठक मंगलवार को शुरू होगी, जिसमें ब्याज दरों पर फैसला और चेयरमैन जेरोम पॉवेल का भाषण बुधवार को होगा। उम्मीद है कि इसका नतीजा 2026 तक फेडरल रिजर्व के रुख का संकेत देगा।
आईसीएसआई ने इंडिगो में कॉरपोरेट प्रशासन से जुड़ी खामियों का हवाला दिया
कंपनी सचिवों के शीर्ष निकाय आईसीएसआई ने मंगलवार को देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो में कॉरपोरेट प्रशासन से जुड़ी खामियों का हवाला देते हुए कहा कि जोखिमों की समय पर पहचान एवं हस्तक्षेप और पारदर्शी संवाद सुनिश्चित करने के लिए अधिक मजबूत तरीकों की जरूरत है।
भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसआई) के 78,000 से अधिक सदस्य हैं। एक बयान में संस्थान ने इंडिगो परिचालन संकट से सामने आई कॉरपोरेट प्रशासन संबंधी कमियों का जिक्र किया।
आईसीएसआई के अध्यक्ष धनंजय शुक्ला ने कहा कि इंडिगो प्रकरण कंपनियों एवं पेशेवरों के लिए यह याद दिलाने वाला है कि मजबूत प्रशासन मसौदा न केवल शेयरधारकों के लिए मूल्य पैदा करता है, बल्कि जनता के भरोसे को भी बनाए रखता है।
आईसीएसआई का यह बयान इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि वह अमूमन कंपनियों के प्रशासन तौर-तरीकों पर सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करता है।
संस्थान ने कहा कि इंडियो की हालिया घटना पर सरकार की कठोर प्रतिक्रिया को देखते हुए भारतीय कंपनियों में मजबूत कॉरपोरेट प्रशासन प्रथाओं की तत्काल जरूरत है।
आईसीएसआई ने निदेशक मंडल के स्तर पर व्यापक जवाबदेही की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि मजबूत प्रशासन तैयारी, जवाबदेही और संकट की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करता है।
संस्थान के सचिव आशीष मोहन ने कहा कि कंपनियों को अपने ढांचे और प्रक्रियाओं की समय-समय पर समीक्षा करनी चाहिए ताकि सभी हितधारकों के हित सुरक्षित रहें और व्यवसाय की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित हो सके।
रुपया 17 पैसे मजबूत होकर 89.88 प्रति डॉलर पर बंद
रुपया मंगलवार को शुरुआती नुकसान से उबरकर 17 पैसे की बढ़त के साथ 89.88 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। अमेरिकी मुद्रा और कच्चे तेल की कीमतों के अपने उच्च स्तर से नीचे आने से भारतीय मुद्रा को समर्थन मिला।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना के बीच विदेशी बाजार में अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने से रुपये को निचले स्तर पर समर्थन मिला।
हालांकि, घरेलू शेयर बाजारों में नकारात्मक रुख और विदेशी पूंजी निकासी के कारण निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई जिससे स्थानीय मुद्रा की बढ़त सीमित रही।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोरी के साथ 90.15 पर खुला। घरेलू मुद्रा ने अपनी गिरावट से उबरते हुए दिन के कारोबार में सकारात्मक रुख अपनाया और 89.88 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से 17 पैसे की बढ़त दर्शाता है। रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 90.05 पर बंद हुआ था।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के संभावित हस्तक्षेप और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण रुपया निचले स्तर से उबर गया। हालांकि, कमजोर घरेलू बाजारों और अमेरिकी डॉलर सूचकांक में मामूली सुधार ने तेज बढ़त को रोक दिया।
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