अर्थजगतः BHEL का शुद्ध लाभ चौथी तिमाही में 25% घटा और SEBI ने आईपीओ की तैयारी में जुटी कंपनियों के लिए नियम बदले

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड का वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में शुद्ध लाभ 25 प्रतिशत से अधिक गिरकर 489.6 करोड़ रुपये पर आ गया। बाजार नियामक सेबी ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने वाली कंपनियों के लिए नए नियम जारी किए हैं।

BHEL का शुद्ध लाभ चौथी तिमाही में 25% घटा
BHEL का शुद्ध लाभ चौथी तिमाही में 25% घटा
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नवजीवन डेस्क

BHEL का शुद्ध लाभ चौथी तिमाही में 25 प्रतिशत घटा

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (बीएचईएल) ने मंगलवार को बताया कि बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में उसका एकीकृत शुद्ध लाभ 25 प्रतिशत से अधिक गिरकर 489.6 करोड़ रुपये पर आ गया। कंपनी ने शेयर बाजारों को यह जानकारी दी। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी ने 658.02 करोड़ रुपये एकीकृत शुद्ध लाभ कमाया था।

समीक्षाधीन तिमाही के दौरान कंपनी का कुल खर्च बढ़कर 7,794.11 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 7,411.64 करोड़ रुपये था। इस दौरान कंपनी की कुल आय सालाना आधार पर 8,338.61 करोड़ रुपये से मामूली बढ़कर 8,416.84 करोड़ रुपये हो गई।बीएचईएल ने कहा कि उसके बोर्ड ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए दो रुपये अंकित मूल्य वाले प्रत्येक शेयर पर 12.50 प्रतिशत या 25 पैसे की दर से अंतिम लाभांश की सिफारिश की है।वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ घटकर 282.22 करोड़ रुपये रह गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 654.12 करोड़ रुपये था। इस दौरान कुल आय 23,853.57 करोड़ रुपये से मामूली बढ़कर 24,439.05 करोड़ रुपये हो गई।

SEBI ने आईपीओ की तैयारी में जुटी कंपनियों के लिए नियम बदले

आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने वाली कंपनियों के लिए बाजार नियामक सेबी ने कहा है कि बिक्री पेशकश (ओएफएस) के आकार में किसी भी बदलाव के लिए नए सिरे से फाइलिंग की जरूरत सिर्फ रुपये में निर्गम के आकार या शेयरों की संख्या पर ही आधारित होगी। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक अधिसूचना में कारोबारी सुगमता बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया है। अधिसूचना के मुताबिक, निर्गम के बाद इक्विटी शेयर पूंजी का पांच प्रतिशत से अधिक हिस्सा रखने वाली प्रवर्तक समूह की इकाइयों और गैर-व्यक्तिगत शेयरधारकों को प्रवर्तक के रूप में चिह्नित किए बगैर ‘न्यूनतम प्रवर्तक अंशदान’ (एमपीसी) में आई कमी की भरपाई की अनुमति दी जा सकती है।

उद्यमियों द्वारा प्रवर्तित कंपनियां शेयर बाजारों पर अपने शेयरों को सूचीबद्ध करने से पहले वित्तपोषण के कई दौर से गुजरती हैं। ऐसी स्थितियों में, प्रवर्तकों की इक्विटी हिस्सेदारी पेशकश के बाद न्यूनतम प्रवर्तक अंशदान यानी 20 प्रतिशत इक्विटी शेयर पूंजी से कम हो सकती है। हालांकि, पूंजी और खुलासा प्रावधान (आईसीडीआर) का मौजूदा नियम कुछ श्रेणियों के निवेशकों को इस कमी की दिशा में अंशदान की अनुमति देता है लेकिन अब इस अधिसूचना के जरिये इसमें लचीलापन लाने की कोशिश की गई है। इसके अलावा, आईपीओ की मंजूरी के लिए सेबी के समक्ष दस्तावेजों का मसौदा (डीआरएचपी) दाखिल करने से पहले के एक साल में रखे गए अनिवार्य रूप से परिवर्तनीय प्रतिभूतियों के रूपांतरण से हासिल इक्विटी शेयरों को भी एमपीसी जरूरतें पूरी करने के लिए विचार किया जा सकता है।


BSE का बाजार मूल्यांकन 5 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंचा

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) की मार्केट कैप 21 मई को 5 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा हो गई है। शेयर बाजार इतिहास में यह पहला मौका है, जब बीएसई पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का कुल बाजार मूल्यांकन इस आंकड़े को पार कर गया है। बीते करीब पांच महीने में बीएसई के बाजार मूल्यांकन में करीब 633 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है। इस साल की शुरुआत में यह 4.14 ट्रिलियन डॉलर था। भारतीय बाजार में पिछले कुछ समय से तेजी बनी हुई है। बीएसई बेंचमार्क सेंसेक्स अपने ऑल टाइम हाई से करीब 1.5 प्रतिशत के करीब नीचे कारोबार कर रहा है। लेकिन, बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स ऑल टाइम हाई पर हैं।

2024 की शुरुआत से सेंसेक्स ने तो केवल 2.3 प्रतिशत का रिटर्न दिया है, लेकिन, बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स क्रमश: 16 और 11 प्रतिशत का रिटर्न दे चुके हैं। बीएसई ने 4 ट्रिलियन से लेकर 5 ट्रिलियन का सफर केवल छह महीने में तय किया है। बीएसई ने नवंबर 2023 में पहली बार 4 ट्रिलियन के आंकड़े को छुआ था। पूरी दुनिया में 5 ट्रिलियन डॉलर के साथ भारतीय स्टॉक मार्केट बाजार पूंजीकरण में पांचवें नंबर पर है। 55 ट्रिलियन डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ अमेरिका पहले, 9.4 ट्रिलियन के आंकड़े के साथ चीन दूसरे, 6.4 ट्रिलियन के बाजार पूंजीकरण के साथ जापान तीसरे और 5.4 ट्रिलियन डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ हांगकांग का शेयर बाजार दुनिया में चौथे नंबर पर है।

मुथूट फिनकॉर्प ने 2023-24 में 61,703 करोड़ रुपये का ऋण बांटा

मुथूट फिनकॉर्प ने मंगलवार को कहा कि उसने वित्त वर्ष 2023-24 में अबतक का सर्वाधिक ऋण वितरण किया है। एकीकृत आधार पर उसका ऋण वितरण 18.6 प्रतिशत बढ़कर 61,703.26 करोड़ रुपये हो गया है। मुथूट फिनकॉर्प ने बयान में कहा कि प्रबंधन के तहत संपत्तियां (एयूएम) 33,359.30 करोड़ रुपये रहीं। वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी का एकीकृत शुद्ध मुनाफा 62 प्रतिशत बढ़कर 1,047.98 करोड़ रुपये हो गया।

बयान में कहा गया है, ‘‘137 साल पुराने मुथूट पप्पाचन समूह की प्रमुख कंपनी मुथूट फिनकॉर्प लिमिटेड ने 2023-24 में 61,703.26 करोड़ रुपये का एकीकृत ऋण वितरण किया है। यह ऋण वितरण का सबसे ऊंचा स्तर है। एकल आधार पर मुथूट फिनकॉर्प का वितरण पिछले वर्ष के 43,443.26 करोड़ रुपये से साल-दर-साल 15 प्रतिशत बढ़कर 50,167.12 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2022-23 के 459.81 करोड़ रुपये की तुलना में 22.40 प्रतिशत बढ़कर 562.81 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी की प्रबंधन के तहत परिसंपत्ति (एयूएम) 21,712.34 करोड़ रुपये रहीं, जो एक साल पहले की समान अवधि के 17,615.07 करोड़ रुपये की तुलना में 23.26 प्रतिशत अधिक हैं।


वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बीच सेंसेक्स 53 अंक टूटा, निफ्टी में मामूली बढ़त

उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में बीएसई सेंसेक्स मंगलवार को लगभग 53 अंक के नुकसान में रहा। एशिया तथा यूरोप के बाजारों में कमजोर रुख तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी से बाजार में गिरावट आई। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 52.63 अंक यानी 0.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73,953.31 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह ऊंचे में 74,189.19 तक गया और नीचे में 73,762.37 अंक तक आया। सेंसेक्स में शामिल शेयरों में 18 नुकसान में जबकि 12 लाभ में रहे।

हालांकि, धातु शेयरों में तेजी के साथ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 27.05 अंक यानी 0.12 प्रतिशत की बढ़त के साथ 22,529.05 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी के 27 शेयर नुकसान में जबकि 23 लाभ में रहे। सेंसेक्स के शेयरों में नेस्ले, मारुति, इंडसइंड बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, लार्सन एंड टुब्रो, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, पावर ग्रिड, टेक महिंद्रा और भारतीय स्टेट बैंक शामिल हैं।

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