अर्थजगतः बिटकॉइन की कीमत 1,00,000 डॉलर के पार और नए साल से महंगी हो जाएंगी हुंडई मोटर इंडिया की गाड़ियां
शेयर बाजार में तेजी लगातार पांचवें दिन गुरुवार को भी जारी रही और बीएसई सेंसेक्स 809 अंक से अधिक चढ़ गया। वहीं एनएसई निफ्टी बढ़कर 24,700 के पार पहुंच गया। फैशन उत्पादों के ई-कॉमर्स मंच मिंत्रा ने गुरुवार को अपनी 'क्विक कॉमर्स' सेवा एम-नाऊ की शुरुआत की।

बिटकॉइन की कीमत 1,00,000 डॉलर के पार
दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने 1,00,000 डॉलर की ऐतिहासिक उछाल दर्ज की है। इसका श्रेय उद्योग विशेषज्ञ बाजार गतिशीलता, अमेरिका की ओर से दी जा रही नियामक स्पष्टता और बिटकॉइन ईटीएफ के जरिए इंस्टीट्यूशनल एडॉप्शन को देते नजर आए। बिटकॉइन 4.39 प्रतिशत की बढ़त के बाद 1,03,095 डॉलर पर कारोबार कर रहा था। बिनेंस में क्षेत्रीय बाजारों के प्रमुख विशाल सचेंद्रन के अनुसार, दुनिया भर की सरकारें और संस्थान ब्लॉकचेन तकनीक को अपना रहे हैं, इससे क्रिप्टोकरेंसी बाजार में सकारात्मकता का संचार हुआ है। साथ ही डिजिटल एसेट को अपनाने और निवेश का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।"
उन्होंने कहा, "यह नया उत्साह निरंतर विकास के लिए तैयार एक मैच्योर इकोसिस्टम को दिखाता है।" यूएस स्ट्रैटेजिक बिटकॉइन रिजर्व और कॉरपोरेट ट्रेजरी इंटीग्रेशन को लेकर चर्चाएं इसे मुख्यधारा में लाए जाने का संकेत देती हैं। सचेंद्रन ने कहा, "आने वाला साल बेहतर रेगुलेटरी फ्रेमवर्क, अधिक पारदर्शिता और डीईएफआई, टोकेनाइज्ड एसेट और ब्लॉकचेन इंटरऑपरेबिलिटी में इनोवेशन लाने को लेकर अहम होगा।"
जेबपे के सीईओ राहुल पगिदिपति ने कहा कि बिटकॉइन अब प्रभावी रूप से दुनिया की टॉप 10 सबसे मूल्यवान संपत्तियों में से एक है, जो सोने को छोड़कर सभी वस्तुओं से ऊपर है और अधिकांश कंपनियों से अधिक है। उन्होंने कहा, "क्रिप्टो बाजार का कुल पूंजीकरण भी 3.5 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है, जो इस क्षेत्र में रुचि और व्यापक रूप से अपनाने के पैमाने को दर्शाता है।" डेवेरे ग्रुप के निगेल ग्रीन ने एक महीने पहले कहा था कि डोनाल्ड ट्रंप के फिर से चुनाव जीतने और संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने के बाद बिटकॉइन 1,00,000 डॉलर तक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि 2025 की पहली तिमाही में बिटकॉइन 1,20,000 डॉलर तक पहुंच सकती है।
नए साल से महंगी हो जाएंगी हुंडई मोटर इंडिया की गाड़ियां
हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (एचएमआईएल) द्वारा गुरुवार को अपने सभी मॉडल्स के दाम में 25,000 रुपये तक की बढ़ोतरी का ऐलान किया गया। नई कीमतें 1 जनवरी से लागू होंगी। कीमतों में बढ़ोतरी की वजह इनपुट लागत का बढ़ना है। कंपनी द्वारा जारी बयान में कहा गया कि कीमतों में बढ़ोतरी सभी मॉडल्स पर की जाएगी और अधिकतम 25,000 रुपये तक बढ़ाए जाएंगे। इनपुट लागत में वृद्धि, प्रतिकूल विनिमय दर और लॉजिस्टिक्स लागत में वृद्धि के कारण मूल्य वृद्धि आवश्यक हो गई है। एचएमआईएल के पूर्णकालिक निदेशक और मुख्य परिचालन अधिकारी, तरुण गर्ग ने कहा, "हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड में हमारा प्रयास हमेशा बढ़ती लागत को यथासंभव हद तक वहन करने का होता है, जिससे हमारे ग्राहकों पर न्यूनतम प्रभाव सुनिश्चित हो सके।" आगे कहा कि इनपुट लागत में निरंतर वृद्धि के कारण कीमतों में वृद्धि करना आवश्यक हो गया था। कीमतों में बढ़ोतरी 1 जनवरी, 2025 से लागू हो जाएगी।
साल 2024 की अप्रैल से सितंबर अवधि में कंपनी ने कुल 3,83,994 यूनिट्स यात्री वाहन बेचे हैं। इसमें एसयूवी सेगमेंट के मजबूत योगदान के साथ घरेलू बाजार बिक्री 2,99,094 यूनिट्स की रही। इस दौरान कंपनी द्वारा 84,900 यूनिट्स का निर्यात किया गया है। अकेले नवंबर में हुंडई मोटर इंडिया ने 61,252 यूनिट्स की कुल मासिक बिक्री दर्ज की। महीने के दौरान कंपनी की घरेलू बिक्री 48,246 यूनिट्स रही जबकि निर्यात बिक्री 13,006 इकाई रही। वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही (जुलाई- सितंबर) में कंपनी के कंसोलिडेटेड मुनाफे में 16 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है और यह 1,375 करोड़ रुपये रह गया है। पिछले साल समान अवधि में कंपनी को 1,628 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। मुनाफे में गिरावट की वजह घरेलू और निर्यात बाजार में कमजोर बिक्री होना है। कंपनी ने कहा कि परिचालन से उसकी कंसोलिडेटेड आय 2024-25 की दूसरी तिमाही में 7.5 प्रतिशत घटकर 17,260 करोड़ रुपये हो गई है, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही में 18,660 करोड़ रुपये थी।
बाजार में लगातार पांचवें दिन तेजी, सेंसेक्स 809 अंक उछला
शेयर बाजार में तेजी लगातार पांचवें दिन बृहस्पतिवार को भी जारी रही और बीएसई सेंसेक्स 809 अंक से अधिक चढ़ गया। वहीं एनएसई निफ्टी बढ़कर 24,700 के पार पहुंच गया।भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा से एक दिन पहले बाजार में खासी तेजी रही। कारोबारियों के अनुसार अमेरिकी बाजार में तेजी और विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी प्रवाह के बीच आईटी कंपनियों के शेयरों में लिवाली से बाजार बढ़त में रहा। बीएसई का तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 809.53 अंक यानी एक प्रतिशत उछलकर 81,765.86 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,361.41 अंक तक चढ़ गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 240.95 अंक यानी 0.98 प्रतिशत चढ़कर 24,708.40 अंक पर बंद हुआ। यह घरेलू शेयर बाजार में तेजी का लगातार पांचवां सत्र रहा। इन पांच दिनों में बीएसई सेंसेक्स 2,722.12 अंक यानी 3.44 प्रतिशत मजबूत हुआ है। सेंसेक्स के तीस शेयरों में से टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाइटन, इन्फोसिस, भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस, आईसीआईसीआई बैंक, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और टेक महिंद्रा प्रमुख रूप से लाभ में रहे।वहीं एनटीपीसी और एशियन पेंट्स में गिरावट रही। अमेरिकी बाजार बुधवार को बढ़त में रहे थे, जिसका बाजार पर सकारात्मक असर रहा।
एम-नाऊ के साथ मिंत्रा ने 'क्विक कॉमर्स' में कदम रखा, 30 मिनट में डिलीवरी का वादा
फैशन और जीवनशैली से जुड़े उत्पादों के ई-कॉमर्स मंच मिंत्रा ने गुरुवार को अपनी 'क्विक कॉमर्स' सेवा एम-नाऊ की शुरुआत की। इसके साथ ही कंपनी ने 30 मिनट में डिलीवरी का वादा किया है। मिंत्रा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नंदिता सिन्हा के अनुसार इस समय बेंगलुरु में परिचालन कर रही एम-नाऊ आने वाले महीनों में देश भर के महानगरों और अन्य शहरों में विस्तार करने के लिए तैयार है। सिन्हा ने कहा, ''फैशन एक बेहद महत्वाकांक्षी श्रेणी है, जिसमें कई तरह के चयन करने होते हैं।'' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एम-नाऊ को ग्राहकों को सुविधा और चयन दोनों का विकल्प देने के लिए तैयार किया है।
उन्होंने कहा, ''हम उपभोक्ता के जीवन से इस दुविधा को दूर करना चाहते थे।'' उन्होंने सेवा की रफ्तार और उत्पादों की विविधता पर ध्यान देने की बात कही। इससे मिंत्रा ‘क्विक कॉमर्स’ में प्रवेश करने वाले पहले फैशन और जीवनशैली केंद्रित ब्रांडों में से एक बन गया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि एम-नाऊ 30 मिनट से भी कम समय में अंतरराष्ट्रीय और घरेलू ब्रांडों को ग्राहकों तक पहुंचाएगा। ग्राहकों को एम-नाऊ पर वेरो मोडा, मैंगो, टॉमी हिलफिगर, लेवी, ओनली, ओलाप्लेक्स, डायसन, अरमानी एक्सचेंज, फॉसिल, कैसो, मोकोबारा, हुडा ब्यूटी, मैक, बॉबी ब्राउन और एस्टी लॉडर सहित कई वैश्विक ब्रांडों तक पहुंच मिलेगी।
यूपीआई लाइट वॉलेट की लिमिट हुई 5000 रुपये, प्रति ट्रांजैक्शन की लिमिट भी बढ़ी
भारतीय रिजर्व बैंक ने मोबाइल फोन के जरिए इंस्टेंट पेमेंट सिस्टम को बढ़ावा देते हुए यूपीआई लाइट के लिए वॉलेट लिमिट को 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये करने की घोषणा की है। इसके अलावा, प्रति ट्रांजैक्शन की लिमिट को भी 500 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दिया गया है। आरबीआई के अनुसार, यूपीआई लाइट के जरिए अब एक व्यक्ति को एक बार में अधिकतम 1,000 रुपये भेजे जा सकते हैं। रिजर्व बैंक सर्कुलर में कहा गया है, "यूपीआई लाइट के लिए बढ़ी हुई लिमिट प्रति लेनदेन 1,000 रुपये होगी और किसी भी समय कुल सीमा 5,000 रुपये होगी।"
यूपीआई पेमेंट के लिए यूजर को यूपीआई पिन की जरूरत होती है। यूपीआई लाइट के जरिए स्मार्टफोन यूजर को कम कीमत वाले लेनदेन बिना यूपीआई पिन के करने की सुविधा मिलती है। यूपीआई लाइट एक कस्टमर-फ्रेंडली अप्रोच है, जो कि रियल टाइम में बैंक के कोर बैंकिंग सिस्टम पर निर्भर नहीं रहती। यूपीआई लाइट व्यक्ति-से-व्यक्ति भुगतान, व्यक्ति-से-व्यापारी भुगतान और छोटे व्यापारी भुगतान के लिए ऑफलाइन लेनदेन को सपोर्ट करता है। यूपीआई लाइट के साथ यूजर को पेमेंट के लिए ऑफलाइन डेबिट की सुविधा मिलती है, लेकिन क्रेडिट के लिए ऑनलाइन रहना जरूरी है। अधिकांश यूपीआई मर्चेंट लेनदेन स्थिर या गतिशील क्यूआर कोड का इस्तेमाल करते हैं, जिसके लिए भुगतान पूरा करने के लिए प्राप्तकर्ता तक ऑनलाइन संदेश पहुंचना जरूरी है।
यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब आरबीआई उन टेक्नोलॉजी की पायलेट टेस्टिंग कर रहा है, जो उन स्थितियों में खुदरा डिजिटल भुगतान को सक्षम बनाती हैं, जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी कम है या उपलब्ध नहीं है। पिछली बार अक्टूबर में, आरबीआई ने अपनी मौद्रिक नीति के हिस्से के रूप में इन यूपीआई पेमेंट लिमिट को एडजस्ट करने का इरादा जताया था। केंद्रीय बैंक ने विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर अपने बयान में कहा था, "ऑफलाइन डिजिटल मोड में छोटे मूल्य के भुगतान की सुविधा के लिए रिजर्व बैंक द्वारा जारी रूपरेखा, जिसके तहत यूपीआई लाइट को सक्षम किया गया है, में उचित संशोधन किया जाएगा।"
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