अर्थजगतः बाजार में हाहाकार, सेंसेक्स 1,414 अंक लुढ़का और निवेशकों को नौ लाख करोड़ रुपये का नुकसान
कर्मचारी भविष्य निधि संगठनने शुक्रवार को 2024-25 के लिए भविष्य निधि जमा पर 8.25 प्रतिशत ब्याज दर बरकरार रखने का ऐलान किया। देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में घटकर 6.2 प्रतिशत रह गई।

बाजार में हाहाकार, सेंसेक्स 1,414 अंक लुढ़का
चीन के उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की अमेरिका की घोषणा से शुक्रवार को दुनिया भर के बाजारों में बड़ी गिरावट देखी गई। इसके दबाव में घरेलू शेयर बाजार का मानक सूचकांक सेंसेक्स 1,414 और निफ्टी 420 अंक टूट गया। विश्लेषकों ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली जारी रहने और डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी ने भी निवेशकों की धारणा को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया।
व्यापक बिकवाली के बीच बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 1,414.33 अंक यानी 1.90 प्रतिशत गिरकर 73,198.10 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,471.16 अंक गिरकर 73,141.27 पर आ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का मानक सूचकांक निफ्टी भी लगातार आठवें दिन गिरावट को जारी रखते हुए 420.35 अंक यानी 1.86 प्रतिशत फिसलकर 22,124.70 पर बंद हुआ।
इस भारी गिरावट से बीएसई सेंसेक्स पिछले साल 27 सितंबर को हासिल 85,978.25 के अपने रिकॉर्ड शिखर से अब तक 12,780.15 अंक यानी 14.86 प्रतिशत नीचे आ चुका है। वहीं एनएसई निफ्टी 27 सितंबर, 2024 को 26,277.35 के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर से अब तक कुल 4,152.65 अंक यानी 15.80 प्रतिशत टूट चुका है। सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से टेक महिंद्रा में छह प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई जबकि इंडसइंड बैंक पांच प्रतिशत से अधिक नीचे रहा। सेंसेक्स की कंपनियों में से अकेले एचडीएफसी बैंक ही बढ़त के साथ बंद हुआ।
EPFO ने 2024-25 के लिए पीएफ जमा पर ब्याज दर 8.25 प्रतिशत बरकरार रखा
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने शुक्रवार को 2024-25 के लिए भविष्य निधि जमा पर 8.25 प्रतिशत ब्याज दर बरकरार रखने का निर्णय किया। यह ब्याज पिछले वित्त वर्ष के बराबर है। ईपीएफओ ने फरवरी, 2024 में ईपीएफ पर ब्याज दर को 2022-23 में 8.15 प्रतिशत से मामूली रूप से बढ़ाकर 2023-24 के लिए 8.25 प्रतिशत कर दिया था।
श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने शुक्रवार को अपनी बैठक में 2024-25 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर 8.25 प्रतिशत ब्याज देने का फैसला किया है।’’ मंत्रालय ने बताया कि ब्याज दर को सरकार आधिकारिक रूप से अधिसूचित करेगी। इसके बाद ईपीएफओ सदस्यों के खातों में ब्याज दर जमा कर देगा। मंत्रालय ने कहा कि कई अन्य निश्चित आय साधनों की तुलना में, कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) अपेक्षाकृत उच्च और स्थिर रिटर्न प्रदान करता है, जिससे बचत में निरंतर वृद्धि सुनिश्चित होती है।
मांडविया की अध्यक्षता में सीबीटी ने कर्मचारी जमा संबद्ध बीमा (ईडीएलआई) योजना के तहत बीमा लाभ बढ़ाने सहित कई निर्णय लिए। मंत्रालय ने कहा कि सीबीटी ने सेवा के एक वर्ष के भीतर मृत्यु के लिए न्यूनतम लाभ की शुरुआत को मंजूरी दी। मंत्रालय ने बताया कि ऐसे मामलों में जहां ईपीएफ सदस्य की एक वर्ष की निरंतर सेवा पूरी किए बिना मृत्यु हो जाती है, 50,000 रुपये का न्यूनतम जीवन बीमा लाभ प्रदान किया जाएगा।
बाजार में गिरावट से निवेशकों को नौ लाख करोड़ रुपये का नुकसान
घरेलू शेयर बाजार में तेज गिरावट के बीच शुक्रवार को निवेशकों को नौ लाख करोड़ रुपये की चपत लगी। वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट के बीच घरेलू शेयर बाजार में बीएसई सेंसेक्स 1,414 अंक लुढ़क गया। विश्लेषकों ने कहा कि शुल्क दर की नई चेतावनियों से वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ी है। इसके साथ विदेशी संस्थागत निवेशकों की सतत पूंजी निकासी ने निवेशकों की कारोबारी धारणा को प्रभावित किया।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सूचकांक 1,414.33 अंक का गोता लगाकार 73,198.10 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 1,471.16 अंक तक टूट गया था। शेयर बाजार में तेज गिरावट के बाद, बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 9,08,798.67 करोड़ रुपये घटकर 3,84,01,411.86 करोड़ रुपये रह गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में लगातार आठवें दिन गिरावट रही और यह 420.35 अंक यानी 1.86 प्रतिशत टूटकर 22,124.70 अंक पर बंद हुआ।
आर्थिक वृद्धि दर दिसंबर तिमाही में घटकर 6.2 प्रतिशत पर
देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में घटकर 6.2 प्रतिशत रह गई। कृषि को छोड़कर खनन, विनिर्माण और अन्य सभी क्षेत्रों का प्रदर्शन खराब रहने से इसमें सुस्ती आई है। हालांकि तिमाही आधार पर आर्थिक वृद्धि दर में सुधार दर्ज किया गया है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत रही थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने शुक्रवार को आर्थिक प्रदर्शन से संबंधित ये आंकड़े जारी किए। अक्टूबर-दिसंबर 2023 तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत थी।
एनएसओ ने चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर का दूसरा अग्रिम अनुमान भी जारी किया। इसने जनवरी में जारी पहले अग्रिम अनुमान में अनुमानित 6.4 प्रतिशत के मुकाबले आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) के मुताबिक, तीसरी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र की उत्पादन वृद्धि दर एक साल पहले की समान तिमाही के 14 प्रतिशत से घटकर 3.5 प्रतिशत रह गई।
खनन और उत्खनन उत्पादन वृद्धि दर तीसरी तिमाही में एक साल पहले के 4.7 प्रतिशत से घटकर 1.4 प्रतिशत रह गई। निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर भी एक साल पहले के 10 प्रतिशत से घटकर सात प्रतिशत रह गई। हालांकि, इस तिमाही में कृषि क्षेत्र का उत्पादन 5.6 प्रतिशत बढ़ा जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
जीरोधा का कारोबार 15 वर्षों में पहली बार घटा, ट्रेडिंग वॉल्यूम 30 प्रतिशत गिरा
भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार के कारोबारी सत्र में भारी गिरावट होने के बाद जीरोधा के सीईओ और सह-संस्थापक नितिन कामत ने कहा कि 15 वर्षों में पहली बार उनके बिजनेस में गिरावट देखने को मिली है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कामत ने कहा कि ट्रेडर्स की संख्या और कुल ट्रेडिंग वॉल्यूम में 30 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखने को मिली है। कामत ने मुताबिक, सभी ब्रोकर्स के प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग गतिविधि में 30 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखने को मिली है। 15 साल पहले बिजनेस की शुरुआत करने के बाद से लेकर अब तक पहली बार कारोबार में गिरावट देखने को मिली है।
कामत के मुताबिक, ट्रेडिंग गतिविधियों में गिरावट का असर सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) से सरकार की आय पर हो सकता है। उन्होंने कहा कि अगर यह ट्रेंड जारी रहता है तो वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एसटीटी कलेक्शन 40,000 करोड़ रुपये के नीचे रह सकता है, जो कि सरकार के अनुमान 80,000 करोड़ रुपये से 50 प्रतिशत कम है। कामत ने कहा कि उन्हें कोई आइडिया नहीं है कि मार्केट यहां से कहां जाएगा, लेकिन मैं ब्रोकिंग इंडस्ट्री के बारे में बता सकता हूं। हम ट्रेडर्स और वॉल्यूम दोनों में एक बड़ी गिरावट देख रहे हैं।
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