अर्थजगतः शेयर बाजार में गिरावट जारी, सेंसेक्स 424 अंक फिसला और भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.54 अरब डॉलर घटा
राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 700 रुपये टूटकर 88,750 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रही। चांदी की भी कीमत 300 रुपए गिर गई। अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले शुक्रवार को भारतीय रुपया सात पैसे की गिरावट के साथ 86.71 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ।

शेयर बाजार में गिरावट जारी, सेंसेक्स 424 अंक फिसला
भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार के कारोबारी सत्र में लाल निशान में बंद हुआ। बाजार में चौतरफा बिकवाली देखने को मिली। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 424 अंक या 0.56 प्रतिशत की गिरावट के साथ 75,311 और निफ्टी 117 अंक या 0.51 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 22,795 पर था। गिरावट का सबसे ज्यादा असर मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में देखने को मिला। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 677 अंक या 1.32 प्रतिशत की गिरावट के साथ 50,486 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 110 अंक या 0.70 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 15,636 पर बंद हुआ।
निफ्टी में ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, एफएमसीजी, रियल्टी, मीडिया, एनर्जी और प्राइवेट बैंक इंडेक्स में सबसे अधिक दबाव देखा गया। मेटल इंडेक्स ही हरे निशान में बंद हुआ है। सेंसेक्स पैक में टाटा स्टील, एलएंडटी, एचसीएल टेक, एशियन पेंट्स, एचडीएफसी बैंक, एनटीपीसी, टीसीएस, नेस्ले और बजाज फिनसर्व टॉप गेनर्स थे। एमएंडएम, टाटा मोटर्स, सन फार्मा, पावर ग्रिड, जोमैटो, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई, एक्सिस बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट टॉप लूजर्स थे। व्यापक स्तर पर भी बाजार का रुझान नकारात्मक था।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 1,698 शेयर हरे निशान में, 2,245 शेयर लाल निशान में और 117 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए हैं। डॉलर इंडेक्स गिरकर 106.60 पर आने के बाद भी डॉलर के मुकाबले रुपया 0.05 पैसे की कमजोरी के साथ 86.70 पर कारोबार कर रहा था। इसकी वजह विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से लगातार शेयर बाजार में बिकवाली जारी रखना है। एफआईआई द्वारा गुरुवार को 3,312 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची गई थी। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) द्वारा 3,908 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। भारतीय शेयर बाजार के कारोबारी सत्र की शुरुआत सापट हुई थी। सुबह 9:30 पर सेंसेक्स 79 अंक या 0.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 75,683 और निफ्टी 19 अंक या 0.09 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 22,893 पर था।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.54 अरब डॉलर घटा
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 14 फरवरी को समाप्त सप्ताह में 2.54 अरब डॉलर घटकर 635.72 अरब डॉलर रहा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।पिछले सप्ताह देश का विदेशी मुद्रा भंडार 7.65 अरब डॉलर बढ़कर 638.26 अरब डॉलर हो गया था। रुपये में उतार-चढ़ाव को कम करने में मदद के लिए आरबीआई के विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप के साथ-साथ मूल्यांकन के कारण हाल ही विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का रुख रहा था।
इससे पहले सितंबर, 2024 के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 704.885 अरब डॉलर के अब तक के उच्च स्तर पर पहुंच गया था। हालांकि, रुपये में अस्थिरता को कम करने के लिए आरबीआई द्वारा विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप के कारण विदेशी मुद्रा कोष में गिरावट आई।अरबीआई की ओर से जारी आंकड़ों अनुसार, 14 फरवरी को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का एक प्रमुख हिस्सा विदेशी मुद्रा आस्तियां 4.51 अरब डॉलर घटकर 539.59 अरब डॉलर रह गईं। हालांकि, समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य 1.94 अरब डॉलर बढ़कर 74.15 अरब डॉलर हो गया।
सोना 700 रुपये टूटकर 88,750 रुपये पर, चांदी भी फिसली
आभूषण विक्रेताओं और स्टॉकिस्टों की कमजोर मांग के कारण शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 700 रुपये टूटकर 88,750 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रही। इसके साथ मूल्यवान धातु रिकॉर्ड उच्च स्तर से नीचे आ गयी। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। गुरुवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 89,450 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर बंद हुआ था। कारोबारियों ने कहा कि आभूषण विक्रेताओं की कमजोर मांग के कारण 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव 700 रुपये घटकर 88,350 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। कमजोर वैश्विक रुझानों के कारण भी गिरावट को बल मिला।
स्थानीय बाजार में चांदी की भी कीमत 300 रुपए गिरकर एक लाख रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गई। वायदा कारोबार में एमसीएक्स पर अप्रैल आपूर्ति वाले सोने के अनुबंध का भाव 225 रुपये घटकर 85,799 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर मार्च आपूर्ति के लिए चांदी वायदा 283 रुपये की गिरावट के साथ 96,830 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गया। इस बीच, अप्रैल आपूर्ति के लिए कॉमेक्स सोना वायदा 11.19 डॉलर की गिरावट के साथ 2,944.91 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। हाजिर सोना भी 8.42 डॉलर गिरकर 2,930.56 डॉलर प्रति औंस पर आ गया।
रुपया सात पैसे की गिरावट के साथ 86.71 प्रति डॉलर पर
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया सात पैसे की गिरावट के साथ 86.71 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार पूंजी निकासी और अमेरिकी डॉलर सूचकांक में सुधार के कारण रुपया नुकसान में रहा। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि कमजोर घरेलू बाजार और अमेरिकी डॉलर सूचकांक में सुधार के कारण शुक्रवार को भारतीय रुपये में गिरावट आई। हालांकि, कच्चे तेल में नरमी ने गिरावट पर कुछ अंकुश लगाया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में, डॉलर के मुकाबले रुपया 86.50 पर सकारात्मक रुख के साथ खुला। सत्र के दौरान इसका शुरूआती लाभ जाता रहा और यह कारोबार के दौरान 86.77 के निचले स्तर पर आ गया। कारोबार के अंत में यह 86.71 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से सात पैसे की गिरावट है। गुरुवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 34 पैसे बढ़कर 86.64 पर बंद हुआ था। इस बीच, छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर सूचकांक 0.22 प्रतिशत बढ़कर 106.61 पर रहा।
महंगे बाजारों में शुरू हुआ भारतीय फलों का निर्यात
भारत के फलों को पहली बार पश्चिम के अधिक फायदा देने वाले बाजार मिले हैं, जिससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिली है। कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ मंत्रालय अधिकारी ने कहा, "महंगे फलों से लेकर पारंपरिक खाद्य पदार्थों तक की यह पहली खेप इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे आत्मनिर्भर भारत का दृष्टिकोण भारतीय किसानों के लिए नए अवसर पैदा कर रहा है।" उन्होंने बताया कि कृषि निर्यात के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि यह है कि भारत ने समुद्र के रास्ते ऑस्ट्रेलिया में प्रीमियम सांगोला और भगवा अनार की पहली खेप सफलतापूर्वक भेजी है। यह कम परिवहन लागत पर थोक निर्यात को बढ़ावा देगी और ऑस्ट्रेलिया के बाजारों में भारत के ताजे फल आसानी से पहुंच सकेंगे, जिससे अधिक भारतीय उपज के लिए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में प्रवेश करने का मार्ग खुलेगा। भारतीय अनार पश्चिमी ग्राहकों के बीच सफल साबित हुआ है।
देश ने 2023 में अमेरिकी बाजार में हवाई मार्ग से ताजा अनार की पहली परीक्षण खेप निर्यात की थी। इससे देश की कृषि उपज को वहां बाजारों में अपनी जगह बनाने में सफलता मिली। महाराष्ट्र के भगवा अनार में पर्याप्त निर्यात क्षमता है और इसका लगभग 50 प्रतिशत निर्यात राज्य के सोलापुर जिले से होता है। आधिकारियों ने बताया कि जीआई टैगिंग ने भारतीय फलों को विदेशी बाजार में अपनी जगह बनाने में एक अहम भूमिका निभाई है।
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